हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको mining in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
खनन (mining)
कृषि के बाद खनन विश्व का दूसरा सबसे प्राचीन उद्योग आदिकाल से रहा है जो किसी भी देश की आर्थिक प्रगति के वी के लिए खनन उद्योग की अहम भूमिका निभाती है पृथ्वी में छिपे हुए असंख्य अमूल्य खनिज तत्व जैसे पदार्थ व योगी को खनन के द्वारा निकाला जा सकता है इसमें उपलब्ध अयस्क में धातु का उपयोग मशीन इंदन भवन पूल एवं विकास के प्रत्येक क्षेत्र में होता है
खनिज संपदा में धार्मिक आध्यात्मिक व बहुमूल्य धातुएं होते हैं खनिज संपदा का दोहन मानव प्रारंभ से ही करता आया हुआ है और सभ्यता के विकास के साथ साथ अधिकतम होता जा रहा है जिसके फलस्वरूप इसके परिणाम स्वरूप एक और तू इनके समाप्त होने का संकट कराता जा रहा है वहीं दूसरी ओर खनिज खनन का पर्यावरण व विपरीत प्रभाव पड़ रहा है
खनिज खनन का विपरीत प्रभाव जल भूमि व वायु प्रदूषण से रूप में होता है इसलिए खनिजों का प्रबंधन अति आवश्यक है अन्यथा भावी पीढ़ियों को अन्य खनिजों का अभाव सहन करना पड़ेगा
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खनिज की विधियां(method of mining)
यघपि खनन की अनेक विधियां होती है किंतु मूल रूप से निर्मित विधियों से प्रचलित है
- भूमिगत खनन(underground mining)– भूमिगत खनन के अंतर्गत खनिजों का सीधे ही उन तक 36 आना तथा ऊर्ध्वाधर रंगो द्वारा पहुंच बनाकर खनन किया संपन्न की जाती है क्योंकि यह सब को सदा पर निकाला जाता है इसलिए भूमिगत सुरंगों के रास्तों पर छत बनाकर आलम सपोर्ट प्रदान किया जाता है जिससे उन्हें डालने से बचाया जा सकता है
- विवृत खनन(open cast mining)– खनन किस विधि के अंतर्गत पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह उठ जा सेल तथा प्लेट इस लेट को हटाया दिया जाता है जिसके नीचे खड़े होते हैं खनिज स्ट्रोक आवेदन किया जाता है और मैं इस फोटो को से विस्फोट किया जाता है जिसके वीर गौशालाओं में फल स्वरूप गौशाला चलो में खंडित हो जाती है
खनन के प्रभाव (effect of mining)
जिस क्षेत्र में खनन उद्योग विकसित होता है निसंदेह इसका प्रभाव क्षेत्र के जीवन स्तर पर पड़ता है खनन उद्योग की विकसित होने से वह बड़ी संख्या के में कार्यक्रम को रोजगार मिलने की संभावना रहती है कारणों से ना केवल आधुनिक जीवन शैली की समस्त सुविधा वहां आ जाती है बल्कि उसकी बुराइयां भी सम्मिलित हो जाती है क्योंकि खनिजों का निर्माण मुक्ता कमजोर छात्रों में जैसे पहाड़ों की दरारों तथा दोष युक्त क्षेत्रों तालों गधों वह महाद्वीपों सेल्फ में होता है
पारिस्थितिक रूप से यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील होते हैं जो सुगमता से आंदोलित हो जाते हैं खनन के कारण भूमि वन चल राजीव इत्यादि न सो जाते हैं थल संसाधनों के विकास तथा वनों की कटाई से मृदा उद्घाटन नदियों भूमि में गांठ एक जाना वासियों के दूषित हो जाने जैसी समस्याओं के अलावा क्षेत्र की जलवायु भी प्रवृत्त हो जाती है खानों के वेस्ट पदार्थों को प्राप्त यूं ही फेंक दिया जाता है और 3 छात्रों को समानता बिना किसी भूमि सुधार के वैसा ही छोड़ दिया जाता है इसके परिणाम स्वरूप वह संपूर्ण क्षेत्र बंजर और विराम पड़ जाता है पर्यावरण के प्रति लगाव तथा कानूनों की कमी के कारण पूरे विश्व में खनन उद्योग से लाखों भूमि बंजर पड़ी हुई है वेस्ट पदार्थों को खुला फेंकने से पैदा होती है
ध्वनि तथा वायु प्रदूषण भी होता है विस्फोटक प्रधान और कूड़ा करकट डालने जाने से कार्य क्षेत्र में अत्यंत शोर होता है इन गतिविधियों के कारण तथा विस्तार दोनों ने बढ़ने वाले ध्वनि सुरों का विपरीत प्रभाव मानव तथा मवेशियों पर दृष्टिगोचर होता है विशाल मशीन की खानों के अंदर धूल धुआं मी व गैसों की समस्या अधिक उत्पन्न होती है जो कि वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत होती है कान के रोग स्वसन संबंधित रोग आंख के रोग कम कृषि उपज तथा मवेशियों की जनन क्षमता में कमी इत्यादि इसके प्रमुख हानिकारक प्रभाव लक्षित होते हैं यह प्रदूषण न केवल स्थान में कार्य करने वाले व्यक्तियों को ही प्रभावित करते हैं बल्कि मौसम की स्थितियों के अनुसार आसपास के क्षेत्रों की मानव बस्तियां कृषि भूमि तथा पशु को भी प्रभावित कर देते हैं
reference-https://en.wikipedia.org/wiki/Mining#:~:text=Minin
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