हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको object oriented relational database model in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
ऑब्जैक्ट-ओरिएन्टेड रिलेशनल डेटाबेस मॉडल(Object-Oriented Relational Database Model)
एक ऐसा सिस्टम (System), जो ऑब्जैक्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर (Object Infrastructure) एवं रिलेशनल एक्सटेन्डर्स (Relational Extenders) दोनों का ही समर्थन करता है, ऑब्जैक्ट-ओरिएन्टेड रिलेशनल डेटाबेस सिस्टम (Object Oriented Relational Database System) कहलाता है। विदित हो कि रिलेशनल एक्सटेन्डर्स (Relational Extenders), विशिष्ट एप्लीकेशन्स (Applications); जैसे—इमेज रिट्रीवल (Image Retrieval), एडवान्स्ड टैक्स्ट सचिंग (Advanced Text Searching) एवं जिओग्राफिक एप्लीकेशन्स (Geographic Applications) का समर्थन करते हैं।
ऑब्जैक्ट-ओरिएन्टेड रिलेशनल सिस्टम (Object-Oriented Relational System), आधुनिक ऑब्जैक्ट-ओरियेन्टेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज़ (Object-Oriented Programming Languages) तथा रिलेशनल डेटाबेस (Relational Database) के फीचर्स (Features); जैसे—डेटा के मल्टीपल व्यूज़ (Multiple Views) एवं नॉन-प्रोसीजरल क्वेरी लैंग्वेज (Non Procedural Query Language), के लाभों को कॉम्बाइन (Combine) करता है।
ऑब्जैक्ट-ओरिएन्टेड रिलेशनल डेटाबेस सिस्टम (Object-Oriented Relational Database System) का एक्सटेन्डर्स (Extenders) आपको आजकल के विशिष्ट ऑब्जैक्ट्स (Objects) को मैनेज (Manage) करने की क्षमता प्रदान करता है तथा ऑब्जैक्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर (Object Infrastructure) आपको नये डेटा टाइप्स (Data Types), फंक्शन्स (Functions) एवं रूल्स (Rules) को परिभाषित करने की योग्यता देता है।
IBM का DB2 Universal Servers, ओरेकल कॉर्पोरेशन्स (Oracle Corporations) का Oracle 8i Oracle 9i तथा माइक्रासाफ्ट कापोरेशन (Microsoft Corporation का SOL. Server 2000 ऑब्जैक्ट-रिलेशनल डटाबत सिस्टम (Object-Relational Database System) के उदाहरण हैं।
डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम्स (DBMSs) को वर्गीकत करने का दसरा क्राइटेरिया यह है कि उनके द्वारा कितने यूज़स का समर्थन किया जाता है। सिंगल-यूज़र सिस्टम्स (Single User System) एक समय में एक ही यूज़र का समर्थन करते हैं तथा इसका प्रयोग ज्यादातर पर्सनल कम्प्यूटरों (PCs) के साथ किया जाता है। मल्टीयूज़र सिस्टम्स (Multiuser Systems) एक साथ अनेकों यूज़र्स का समर्थन करते हैं तथा इसके अन्तर्गत अधिकांश डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम्स (DBMSs) आते हैं।
डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम्स (DBMSs) को वर्गीकृत करने का तीसरा क्राइटेरिया (Criteria), साइट्स (Sites) की संख्या है, जिस पर किसी डेटाबेस को डिस्ट्रीब्यूट (Distribute) किया जा सकता है। यदि डेटा एक ही कम्प्यूटर साइट (Computer Site) पर स्टोर होता है तो ऐसे डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) को सेन्ट्रलाइज्ड (Centralized) कहा जाता है। एक सेन्ट्रलाइज्ड डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (Centralized DBMS) एक साथ एक से अधिक यूज़र्स का समर्थन करता है,
परन्तु DBMS एवं डेटाबेस पूर्णरूपेण एक ही कम्प्यूटर साइट (Computer Site) पर स्थित होते हैं। एक डिस्ट्राब्यूट डेटाबस मेनेजमेन्ट सिस्टम (Distributed DBMS) का डेटाबेस एवं DBMS सॉफ्टवेयर अनेक कम्प्यूटर साइट्स (Computer Sites) पर डिस्ट्रीब्यूटेड (Distributed) हैं जो एक कम्प्यूटर नेटवर्क में एक-दूसरे से कनेक्टेड (Connected) होते हैं। होमोजेनस डिस्ट्रीब्यूटेड डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (Homogeneous DDBMS) एक से अधिक साइट्स (Sites) पर एक समान DBMS सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं। आजकल ऐसे सॉफ्टवेयर विकसित करने की आवश्यकता होती है जो हेट्रोजेनस डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (Heterogeneous DBMS) के अधीन स्टोर्ड पूर्व निर्मित (पहले से विद्यमान) डेटाबेसेस (PreExisting Databases) को एक्सेस (Access) कर सके।
reference-https://www.tutorialspoint.com/Object-relational-Data-Model
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