हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको codd’s rule in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
Codd’s 12 Rules
डॉ. एडगर फ्रैंक कॉड (Edger Frank Codd) एक कम्प्यूटर वैज्ञानिक थे। जो (IBM) के लिए काय करते समय उन्होंने Database Management system के लिए Relational Model, जोकि Relational Database के लिए सैद्धान्तिक आधार है, को विकसित किया।
कॉड (Codd) ने 13 नियम, 0-12 तक, प्रस्तावित किए और कहा कि यदि कोई DBMS इन नियमों को पूरा करता है, तो इसे रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (RDMS) कहा जा सकता है। इन नियमों को कॉड के बारह नियम (Codd’s 12 Rules) कहा जाता है। शायद ही कोई व्यावसायिक उत्पाद इन सभा का अनुसरण करता हो।
Rule Zero–System को रिलेशनल के रूप में, एक Database के रूप में और एक Management System के रूप में अर्हता प्राप्त करन अर्थात् क्वालीफाई (Qualify) करना चाहिए। किसी सिस्टम को RDBMS के रूप में अर्हता प्राप्त करने अर्थात् क्वालीफाई (Qualify) करने के लिए सिस्टम (System) को अपनी Relational Facilities को उपयोग करना चाहिए।
अन्य 12 Rules इसी नियम से व्युत्पन्न (Derived) किए गए हैं
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और ये बारह नियम निम्नलिखित हैं
Rule 1—इस नियम को Information Rule कहा जाता है। इस नियम के अनुसार Database में समस्त सूचनाओं को केवल और केवल एक ही तरीके से, अर्थात् टेबल (Table) की रोज़ (Rows) के अन्तर्गत Column Positions के Value द्वारा, दर्शाया जाना चाहिए।
Rule 2—इस नियम को गारन्टीड एक्सेस नियम कहा जाता है। इस नियम के अनुसार समस्त डेटा (Data) सुलभ (Accessible) होना चाहिए। यह नियम अनिवार्य रूप से Primary Keys के लिए बुनियादी आवश्यकता की Restatement है। यह नियम कहता है कि डेटाबेस में प्रत्येक Individual Scalar Value सम्मिलित Table के नाम, सम्मिलित कॉलम और सम्मिलित Row की Primary Key Value द्वारा तार्किक रूप से सुलभ होनी चाहिए।
Rule 3—इस नियम को Systematic Treatment of Null Value कहा जाता है। इस नियम के अनुसार RDMS को प्रत्येक फील्ड (Field) को शून्य (NULL) अथवा रिक्त (Empty) रहने की अनुमति प्रदान करना चाहिए। NULL Value का प्रयोग इन अर्थों में किया जाता है कि Data Missing है अथवा Data Known नहीं है अथवा Data Applicable नहीं है आदि।
Rule 4—इस नियम को रिलेशनल मॉडल पर आधारित एक्टिव ऑनलाइन कैटलॉग (Active Online Catalog Based on the Relational Model) कहा जाता है। इस नियम के अनुसार System को एक Online, Inline रिलेशनल Catalog, जोकि Authorized Users को उनकी Regular Query Language के माध्यम द्वारा Accessible हो, का समर्थन करना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि यूजर (User) को उसी Query Language का प्रयोग करके Database’s Structure अर्थात् कैटलॉग (Catalog) का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए, जिसका प्रयोग वह Database’s Data का उपयोग करने के लिए प्रयोग करता है।
Rule 5- इस नियम को व्यापक डेटा सबलैंग्वेज नियम कहा जाता है। इस नियम के अनुसार System को कम-से-कम एक ऐसी Relational Language का समर्थन करना चाहिए जो
- एक लीनियर सिन्टैक्स (Linear Syntax) है।
- Interactive रूप से और Application Programs के अन्तर्गत दोनोंप्रकार से प्रयोग की जा सकती हो।
- व्यू (View) परिभाषाओं सहित Data Definition Operations, Update के साथ-साथ Retrieval जैसे Data Manipulation Operations, Security and Integrity Constraints और Transaction Management Operations; जैसे—begin, commit और rollback का समर्थन करती हो।
Rule 6—इस नियम को View Updating Rule कहा जाता है। इस नियम के अनुसार वे समस्त व्यूज़ (Views) जिनको सैद्धान्तिक रूप से Update किया जा सकता है, System द्वारा भी Update किए जाने चाहिए।
Rule 7- इस नियम को High-Level Insert, Update, and Delete कहा जाता है। इस नियम के अनसार System द्वारा Insert, Update आर Delete Operators को एक साथ नियत (Set) करने का समर्थन किया जाना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि Multiple Rows और/अथवा Multiple Tables सेData के निर्मित सेटस (Constructed Sets) में Relational Database से Retrieve अर्थात् पुनःप्राप्त किए जा सकते हैं। यह नियम यह वर्णित करता है कि Inser, Update और Delete ऑपरेशन्स का समर्थन केवल किसी Single Table में Single Row के लिए होने के स्थान पर किसी भी रिट्रीवेबल सैट (Retrievable Set) के लिए होना चाहिए।
Rule 8-इस नियम को Physical Data Independence कहा जाता है। इस नियम के अनुसार जब कभी भी Physical Access Methods अथवा Storage Structure में सुधार अर्थात् Modification किया जाता है, तो Application Programs और एड-हॉक प्रोग्राम्स लॉजिकली (Logically) प्रभावित नहीं होते हैं।
Rule 9—इस नियम को Logical Data Independence कहा जाता है। इस नियम के अनुसार जब कभी भी Logical Level में सुधार अर्थात् Modification किया जाता है, तो Application Programs और एड-हॉक प्रोग्राम्स Physical Structure पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। Logical Data Independence प्राप्त करना Physical Data Independence से अधिक कठिन होता है।
Rule 10—इस नियम को Integrity Independence कहा जाता है। इस नियम के अनुसार Integrity Constraints को Application Programs से पृथक् Specify और Catalog में स्टोर किया जाना चाहिए। मौजदा एप्लीकेशन्स (Existing Applications) को अनावश्यक रूप से प्रभावित किए बिना ही इन Constraints में कभी भी उपयुक्त परिवर्तन किया जाना सम्भव होना चाहिए।
Rule 11—इस नियम को वितरण स्वतन्त्रता (Distribution Independence) कहा जाता है। इस नियम के अनुसार Database के विभिन्न लोकेशन्स पर वितरण (Distribution) के भागों को डेटाबेस के Users से अदृश्य (Invisible) होना चाहिए। सफलतापूर्वक ऑपरेट (Operate) करने के लिए मौजूदा एप्लीकेशन्स को जारी रहना चाहिएI
- जब एक डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) का वितरित संस्करण (Distributed Version) पहली बार व्यवहार में लाया जा रहा है।
- जब मौजूदा वितरित डेटा (Distributed Data) को सिस्टम (System) में रिडिस्ट्रीब्यूट (Redistribute)किया जा रहा है।
Rule 12—इस नियम को नान-सबवर्जन नियम (The Non-Subversion Rule) कहा जाता है। इस नियम के अनुसार ,lower level language का प्रयोग करके database language के माध्यम से परिभाषित किए गए इन्टिग्रिटी नियमों (Integrity Rules) को नजरअंदाज अर्थात् इग्नोर (Ignore) नहीं किया जा सकता।
reference-https://www.tutorialspoint.com/dbms/dbms_codds_rules.htm
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