हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको pay promotion and rewards in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
Contents
- वेतन, पदोन्नति तथा पारितोषिक (Pay, Promotion and Rewards)
- वेतन (Pay)
- पदोन्नति (Promotion)
- पारितोषिक (Rewards)
- 1.भौतिक सुख-सुविधाएँ (Physical facilities)
- 2.सुविधायें तथा वित्तीय अनुलाभ (Privileges and Perquisites)
- 3.व्यक्ति प्रंशसा अथवा सहमति (Personal approval)
- 4.धन तथा पदार्थ (Money and Material)
- 5.कार्य क्षेत्र विस्तृत करना (Enlargement of functional area)
- 6.कार्य करने की स्वतन्त्रता (Freedom to do work)
- 7.व्यक्तिक उन्नति (Personal Advancement)
- 9.सेवा अवधि (Service period)
- 10.सामान्य सन्तोषजनक सम्बन्ध (General Satisfactory Relationship)
वेतन, पदोन्नति तथा पारितोषिक (Pay, Promotion and Rewards)
वेतन (Pay)
वेतन (Pay) वह पारिश्रमिक है जो कर्मचारियों या श्रमिकों को उनकी मेहनत या कार्य के बदले दिया जाता है।
इसका भुगतान निश्चित समय पर तथा निश्चित मान की राशि देकर किया जाता है। किसी कार्य के लिए वेतन का निर्धारण कर्मचारी की योग्यता एवं अनुभव के आधार पर किया जाता है।
वेतन प्रबन्धन तथा कर्मचारी के मध्य सम्बन्धों की सबसे नाजुक तथा महत्वपूर्ण कड़ी है। यह कर्मचारी की सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार है। सबसे ज्यादा विवाद, किसी भी उपक्रम में वेतन निर्धारण की विसंगतियों के कारण होते है। इस प्रकार उपक्रम में शांति बनाये रखने के लिए, उच्च उत्पादन एवं दक्षता बनाये रखने में वेतन प्रणाली का महत्वपूर्ण योगदान है।
निजी क्षेत्र के उपक्रमों में वेतन का निर्धारण मालिक तथा कर्मचारी की आपसी सहमति से होता है। इसके बाद वेतन में वृद्धि तथा अन्य भत्ते, कर्मचारी की मेहनत, ईमानदारी तथा कार्य निष्पादन पर निर्भर करते हैं। वेतन वृद्धि की कोई सीमा नहीं होती बल्कि यह कर्मचारी की अपनी योग्यता होती है जो मालिक को अधिकाधिक वेतन देने के लिए मजबूर करती है।
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सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में वेतन, कर्मचारी के वेतनमान के अनुसार दिया जाता है। प्रत्येक वर्ग के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग वेतनमान (Payscale) निर्धारित किये जाते हैं। प्रत्येक माह मिलने वाले इस वेतन में मूल वेतन के साथ दैनिक भत्ते, मकान भत्ते, नगर भत्ते आदि शामिल होते हैं।
वेतन में प्रत्येक वर्ष एक निश्चित वेतन-वृद्धि का प्रावधान होता है। प्रतिमाह कर्मचारी के वेतन से कुछ कटौतियाँ भी की जाती हैं। ये कटौतियाँ उसके परिवार के कल्याण के लिए तथा भविष्य सखमय बनाने के लिए आवश्यक होती हैं। ये कटौतियाँ हैं सामान्य भविष्य निधि, बीमा निधि, बचत निधि आदि। इस प्रकार निजी क्षेत्र तथा सरकारी क्षेत्र में वेतन निर्धारण की प्रणाली अलग-अलग होती है
पदोन्नति (Promotion)
कर्मचारी के अच्छे कार्य निष्पादन के पुरस्कार स्वरूप तथा उसे प्रोत्साहित करने के लिए पदोन्नति का प्रावधान होता है। पदोन्नति से कर्मचारी के अधिकार व उत्तरदायित्व और अधिक हो जाते हैं तथा उसका कार्यक्षेत्र भी बढ़ जाता है। उसके पद के अनुरूप उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही बढ़ जाती हैं।
निजी क्षेत्र के व्यावसायिक उपक्रमों में कर्मचारी की पदोन्नति उसकी दक्षता, ईमानदारी, विश्वसनीयता, कार्य के प्रति लगन तथा कार्य निष्पादन के आधार पर दी जाती है। पदोन्नति प्रदान करने के लिए निजी क्षेत्र के उपक्रमों में कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जाती है। कुशल, योग्य, दक्ष तथा उच्च कार्यनिष्पादन के आधार पर कम अवधि में ही पदोन्नति प्रदान की जा सकती है।
सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में कर्मचारी की पदोन्नति उसकी सेवा अवधि तथा वरिष्ठता के आधार पर दी जाती है। इन क्षेत्रों में कर्मचरी की योग्यता, दक्षता, लायकी तथा कार्य निष्पादन आदि पर ध्यान नहीं दिया जाता है बल्कि वर्गवार तथा जाति पाति के आधार पर कर्मचारियों को पदोन्नति में वरीयता दी जाती है। जैसे-अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछडा सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को उनके वर्गवार आरक्षण के आधार पर ही पदोन्नत किया जाता है।
पारितोषिक (Rewards)
उद्योगों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए समय-समय पर पारितोषिक या पुरस्कार दिये जाते हैं। उद्योग में व्यक्तिगत सामूहिक दोनों प्रकार के ही पारितोषिक प्रदान किये जाते हैं। किसी व्यक्ति विशेष को उसके उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए व्यक्तिगत पारितोषिक दिया जाता है जबकि सामूहिक पारितोषिक पूरी टीम या ग्रुप के लिए दिया जाता है। पुरस्कार के अनेक रूप हो सकते हैं जैसे—व्यक्तिगत एवं पारिवारिक लाभ, सेवा लाभ, वित्तीय लाभ आदि।
प्रमुख प्रकार के औद्योगिक अथवा व्यावसायिक पुरस्कार निम्न हैं
1.भौतिक सुख-सुविधाएँ (Physical facilities)
(i) संतोष स्वास्थ्य एवं सुरक्षा व्यवस्था,
(ii) स्वच्छता एवं खानपान की स्वास्थ्यवर्धक व्यवस्था,
(iii) श्रेष्ठ औजार एवं उपकरण,
(iv) साफ सुथरा एवं स्वास्थ्यप्रद कार्य-स्थल,
(v) उचित ले-आऊट एवं साज-सज्जा, तथा
(vi) कार्य-समय, कार्य गति तथा प्रबन्ध व्यवस्था की उत्तम स्थिति।
2.सुविधायें तथा वित्तीय अनुलाभ (Privileges and Perquisites)
(i) सुविधायें जैसे विभिन्न प्रकार के अवकाश,
(ii) वित्तीय अनुलाभ जैसे-किराया मुक्त मकान, कार, नौकर, चिकित्सा आदि।
3.व्यक्ति प्रंशसा अथवा सहमति (Personal approval)
(i) प्रशंसात्मक व्यवहार एवं प्रंशसा की अभिव्यक्ति, –
(ii) आदर योग्य व्यवहार एवं आचरण,
(iii) समूह द्वारा स्वीकार्य।
4.धन तथा पदार्थ (Money and Material)
(i) वेतन वृद्धि,
(ii) बोनस (Bonus),
(iii) इनामी धनराशि।
5.कार्य क्षेत्र विस्तृत करना (Enlargement of functional area)
(i) बैठकों में भाग लेने का मौका,
(ii) विशेष कार्य भार सौंपना,
(iii) सलाह/राय देकर सक्रिय भागीदारी करना,
(iv) ट्रेनिंग का अवसर।
6.कार्य करने की स्वतन्त्रता (Freedom to do work)
(i) न्यूनतम पर्यवेक्षण (Minimum Supervision),
(ii) कार्य का विकल्प (Workchoice),
(iii) पर्याप्त धनाकर्षण (Appeal)|
7.व्यक्तिक उन्नति (Personal Advancement)
(i) व्यक्तिक उन्नति एवं विकास के अवसर,
(ii) सामाजिक स्थिति (Status) एवं पद की प्रोन्नति।
8.समन्वय (Coordination)
(i) अच्छा समन्वय,
(ii) सक्रिय सहायता एवं सहयोग।
9.सेवा अवधि (Service period)
(i) सेवा में लगातार बने रहने के अवसर,
(ii) सेवा अवधि में वृद्धि के अवसर।
10.सामान्य सन्तोषजनक सम्बन्ध (General Satisfactory Relationship)
(i) प्रतिष्ठित कम्पनी (Reputed Company),
(ii) सन्तोषजनक पर्यवेक्षण स्टॉफ (Satisfactory supervisory staff),
(iii) अच्छे अधिकारी व सहयोगी,
(iv) अच्छे सम्बन्ध व सहयोगी की भावना।
reference-https://en.wikipedia.org/wiki/Promotion_(rank)
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