हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको choke packet in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
choke packets का परिचय
congestion control की इस विधि में congested router अथवा नोड एक विशेष प्रकार का packet जिसे choke packet कहा जाता है source को congestion के बारे में सूचित करने के लिए send करता है मूल packet को टैग कर दिया जाता है इसलिए आगे path के साथ ही यह और choke packets generate नहीं करेगा और फिर इसे हमेशा की तरह फॉरवर्ड कर दिया जाता है
जब source host choke packet का प्राप्त करता है इसे specified destination को भेजे जाने वाले traffic को कम करने की आवश्यकता होती है चुकी अन्य packet समान destination को लक्ष्य बनाकर संभवत: प्रगति पर है और अभी भी अधिक choke packets generate करेंगे
एक निश्चित समयावधि के लिए host को उस destination को refer करने वाली choke packets की उपेक्षा करनी चाहिए इस समयावधि(Timeline) के समाप्त होने के उपरांत एक अन्य Timeline के लिए host अधिक choke packet को सुनता है यदि किसी एक choke packet के आने पर line को अभी भी congested पाया जाता है
तो host flow को कम कर देता है और पुन: choke packet की उपेक्षा करना शुरू कर देता है यदि listening period के दौरान host को कोई choke packet नहीं प्राप्त होता है तो host पुन: flow को बढ़ा सकता है
उच्च गयी पर अथवा लम्बी दुरी पर choke packet को source hosts को send करना अच्छी तरह कार्य नहीं करता है क्योकि reaction धीमी होती है इसके लिए hop-by-hop choke packets की अवधारणा का अनुसरण किया जाता है इस अवधारणा को एक example को के द्वारा समझते है
example के लिए दिल्ली में स्थित एक host में router A,चेन्नई में स्थित एक host डायग्राम में router D ,को 155 Mbps की गति से traffic भेज रहा है यदि चेन्नई के host पर traffic buffer से अधिक हो जाता है तो यह लगभग एक choke packet बनाने और
उसे वापस दिल्ली भेजने के लिए लगभग 30 मिलिसेकंड लेता है और दिल्ली को बताता है की traffic की गति धीमी कर दी जाए choke packet propagation को निम्नलिखित diagram के दुसरे तीसरे और चौथे steps में दर्शाया गया है
इन 30 मिलिसेकंड में अन्य 4.6 मेगाबिट्स को भेजा जायगा यहाँ तक की यदि दिल्ली में स्थित host प्रेषण को पूर्णत: बंद भी कर दी फिर भी 4.6 मेगाबिट्स रस्ते में भ्रमण कर रही होती है और इनके साथ निपटना ही होता है पिछले पुष्ट पर दी डायग्राम के सातवे चित्र में दिल्ली वाला router को यह सुचना प्राप्त होती है की flow को कम कर दिया गया है
एक वैकल्पित दृष्टिकोण जिसमे प्रत्येक hop से pass होने वाले choke packet के साथ ही flow को slow कर दिया जाता है को पिछले पृष्ट पर दी गए डायग्राम में दर्शाया गया है इसमे जैसे ही choke packet F पर पहुचता है तो F के लिए यह आवश्यक होती है की वह D तक के flow को कम कर दे ऐसा करने के लिए F को flow के लिएय अधिक buffers को devote करने की आवश्यक होगी क्योकि source अभी भी पूरी शक्ति से sending कर रहा है परतु यह D को तुरंत राहत प्रदान करता है
अगले चरण में choke packets के E पर पहुचने पर E को यह ज्ञान होता है की वह F तक के flow को कम कर दे ऐसा करण E buffers की अधिक मांग उत्पन्न करता है परन्तु यह F को तुरंत राहत प्रदान करता है अंतत: choke packet के A पर पहुचने पर flow को सचमुच slow कर दिया जाता है
इस hop-by-hop choke packet की अवधारणा का शुद्ध प्रभाव यह होता है की congestion के बिंदु पर ही इससे उपर के बिंदु पर अधिक buffers के उपयोग की कीमत पर परन्तु राहत प्राप्त होती है
reference-https://www.geeksforgeeks.org/congestion-control-techniques-in-computer-
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