हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको energy in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
Contents
परिचय (Introduction)
आदिकाल से ही मनुष्य एवं ऊर्जा में एक अटूट सम्बन्ध रहा है। मनुष्य के सम्पूर्ण कार्य-कलाप(Activity) ऊर्जा पर ही निभर रहे हैं जैसे कि भोजन बनाना, पशुओं द्वारा करवाया गया कार्य आदि। वास्तव में जब आदिकाल में मनुष्य ने अपना आंखें खोली तो जीवन हेतु उसे मूल आवश्यकता भोजन को हो रही है। भोजन को प्राप्त करने के चक्कर में उसने बायोमास का सहारा लिया।
इस बायोमास को प्राप्त करने के लिये उसने अन्य कई कार्य, किये जिसमें पशुपालन, कृषि, पवन ऊर्जा व सौर ऊर्जा का उपयोग भी सम्मिलित है। इस प्रकार से मनुष्य लकड़ी को ईंधन के रूप में उपयोग करता हुआ शनैः शनैः आज ऊर्जा के अन्य विकल्पों जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा एवं प्राकृतिक गैस आदि का भी उपयोग करने लगा है।
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मनुष्य के अत्यधिक उपयोग द्वारा इन ईंधनों जैसे जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) (कोयला, पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस) आदि का भंडार दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है; क्योंकि आज विश्व में इनकी मांग बढ़ रही है। यदि इतनी द्रुतगति से ये इंधन खर्च होते रहे तो एक दिन विश्व के समस्त ईंधन भंडार रिक्त हो जायेंगे।
इसी कारण विश्व में ऊर्जा संकट गहराया हुआ है। वास्तव में इनके अतिरिक्त कई अन्य समस्यायें भी उत्पन्न हो रही हैं। जैसे कि प्रदूषण की समस्या, इंधन के मूल्यों में अप्रत्याशित वृद्धि, वनों का कटाव एवं भूमि का कटाव आदि।
इन समस्याओं से आज विश्व जूझ रहा है व आज मनुष्य वैकल्पिक ईंधन की ओर रुझान रखने लगा है; जैसे कि नाभिकीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा आदि। यदि इन ईंधनों का समुचित प्रबन्धन हो जाये तो इस समस्या के हल में एक छोटी सी पहल होगी।
ऊर्जा
सभी प्रकार की मशीनों और यन्त्रों को चलाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा का शाब्दिक अर्थ कार्य सम्पादन क्षमता से है। कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा के बिना कोई भी कार्य करना या होना सम्भव ही नहीं है। ऊर्जा के बिना न तो पृथ्वी पर जीवन सम्भव है, न ही पृथ्वी (earth) और ब्रह्माण्ड (universe) का अस्तित्व (existence) संभव है।
पृथ्वी पर कोई भी कार्य करने के लिए, जीव-जन्तुओं के उदभव के लिए पनी समेत सभी ग्रहों व उपग्रहों के निर्माण के लिए और उपग्रहों द्वारा ग्रहों का परिक्रमण करने के लिए तथा प्रहों द्वारा सूर्य का परिक्रमण करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। वर्तमान मशीनी युग में तो ऊर्जा की आवश्यकता कुछ अधिक ही है। सभी प्रकार की मशीनों या यन्त्रों को चलाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
reference-https://www.britannica.com/science/energy#:~:text=
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