हेल्लो दोस्तों! आज इस पोस्ट में repeater क्या होता है कैसे काम करता है इसके advantage and disadvantage के बारे में डिटेल्स से hindi में दिया गया है जिससे आपको Repeater in Hindi से अच्छी खासी नॉलेज हो जायेगा तो चलिए शुरू करते है
Contents
Repeaters क्या है
Repeater का प्रयोग network में communication media की लम्बाई को बढाने के लिए किया जाता है
डाटा network में केबल(cable) पर electronic signals के रूप में transmit होता है इस ट्रांसमिशन(transmission) के दौरान सिग्नल की स्ट्रेंग्थ(strength) में निश्चित रूप से हास्य या कमी अर्थात deterioration होता है यह हास्य या कमी (deterioration) attenuation अथवा distortion के रूप में होता है
किसी सिग्नल की strength में कमी को attenuation कहा जाता है और सिग्नल(signal) के transmission के दौरान उनमे अवांछित परिवर्तन को distortion कहा जाता है
यदि data को communication media की अधिकतम लम्बाई से अधिक दुरी तक transmit किया जाना होता है तो signals को amplify किये जाने की आवश्यकता होती है repeater एक ऐसी device होती है जी transmit किए गए signals को accept करके उन्हें amplify करता है और network communication media पर आगे भेज देता है
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distortion(बिगड़ा हुआ signal) ,signal transmission के लिए कही बड़ी समस्या है distorted signals ,transmit किए जा रहे डाटा को corrupt कर देता है repeater distorted signal को पहचानने अर्थात identify करने में असक्षम होते है distortion की समस्या से निपटने के लिए transmission media के साथ di गयी गाइडलाइन्स का निश्चित रूप से अनुसरण करना चाहिए
distortion कके सभी कारणों का पता लगाना चाहिए और cable को sources अर्थात devices से थोड़ी दुरी बनाकर ले जाना चाहिए जो distortion का कारण हो सकता है network transmission technology के रूप में fiber optic cabling भी distortion कम कर सकता है उन network protocols का प्रयोग किया जा सकता है जो data transmission में घटित होनी वाली error का स्वत: पता लगाकर उन्हें ठीक कर सकते है
repeater ,OSI reference model की physical लेयर का कार्य करता है और network’s signals को regenerate करके उसे पुन: network के दुसरे सेगमेंट में send करता है
आप उसे एक डायग्राम में देख सकते है जिसमे repeater कमजोर signals को कैसे regenerate करता है
डायग्राम
attenuation की समस्या को दूर करने के लिए communication media की लेंग्थ को छोटा रखा जाता है ताकि signals अपने destination तक पहुचने के लिए पर्याप्त स्ट्रोंग हो
एक repeater का प्रयोग किया जाता है –
- दो समान अथवा असमान media वाले LAN segments को connect करना होता है
- सिग्नल को अधिक दुरी तक ट्रांसमिट करने के लिए repeater करना होता है
- सभी network ट्रैफिक(traffic) को दोनों डायरेक्शन(directions) में pass करना होता है
- इसको कम खर्च में दो segment को जोड़ता है
एक repeater का प्रयोग नही करता है
- network traffic heavy हो
- LAN segments भिन्न भिन्न एक्सेस method का प्रयोग किया जाता है
- data फ़िल्टरिंग(filtering) की आवश्यकता होती है
यदि तार की लेंग्थ(length) को अधिक रखना आवश्यक ही हो तो communication media की transmission line में रिपीटर को install किया जा सकता है repeater सामान्य: दो पोर्ट्स बॉक्सेस में होती है जोकि segments को connect करते है जिसमे एक पोर्ट से सिग्नल repeater में आता है और इसे regenerate करके दुसरे पोर्ट से आगे send कर दिया जाता है
एक repeater network के किसी एक सेगमेंट से weak signals को लेकर उन्हें regenerate करके दुसरे segment को pass कर देता है repeater के माध्यम से segment से अन्य अगले segment में डाटा को pass करने के लिए यह आवश्यक होता है की दोनों segments के पैकेट्स(packets) और logical link control- LLC protocols एक समान हो
example के लिए एक repeater के माध्यम से एक 802.3 LAN अर्थात Ethernet और 802.5 LAN अर्थात token ring के मध्य communication स्थापित नहीं किया जा सकता है इसका कारण यह है की repeater ,signals को translate अथवा filter नही करते है
अत: repeater द्वारा join किये जाने वाले दोनों ही segments को एक हिया access method का प्रयोग करना चाहिए example के लिए ,यदि एक segment CSMA/CD method तथा दूसरा segment टोकन passing method का प्रयोग करता है तो उन्हें आप एक repeater द्वारा connect नहीं किया जा सकता है इसका तात्पर्य यह है की एक repeater एक ethernet packet को एक टोकन ring packet में translate नहीं कर सकते है
डायग्राम
जैसे की आप उपर दिए गए डायग्राम को देख सकते है की repeater ,डाटा signals अथवा packets को एक प्रकार के physical media से किसी अन्य प्रकार के physical media पर मूव कर सकते है repeaters को एक thinnet coaxial cable segment से आने वाले ethernet packets को एक fiber optic segment पर भेज सकते है
data packets के distorted होने पर भी repeater डाटा की प्रत्येक bit को एक केवल cable segment से अन्य cable segment में भेजे देते है इसका कारण यह है की repeater traffic के flow में आने वाली समस्या को control करने के लिए filters के रूप में कार्य नहीं करते है इतना ही नहीं ,repeater किसी broadcast storm को नेटवर्क में एक broadcast storm तब घटित होता है जब network में अनेक broadcast messages होते है जिनकी क्षमता network में bandwidth की सीमा के निकट होती है
Advantage of repeater
repeater की प्रमुख्य लाभ निम्न है
- ये network की लेंग्थ(length) को सरलता से बढ़ा सकते है
- इनके लिए किसी processing ओवरहेड(overhead) की आवश्यकता नहीं होती है अत: यदि कोई performance degradation घटित भी होता है तो यह अत्यंत कम होता है
- ये विभिन्न प्रकार के network cables का प्रयोग करने वाले समान प्रकार के network को connect करते है
disadvantage of repeater
repeater की प्रमुख्य हानिया निम्न लिखित है
- इसका प्रयोग भिन्न network type के segment को connect करने के लिए नहीं किया जा सकता है
- इसका प्रयोग network पर congestion को कम करने के उदेध्य से segment traffic के लिए नहीं किया जा सकता है
- अनेख network प्रकारों की एक सीमा होती है की उन पर एक बार में कितनी सख्या में network का प्रयोग किया जा सकता है
reference-https://www.amazon.in/Repeaters/b?ie=UTF8&node=1375438031
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