आज इस पोस्ट में Framing in Hindi क्या होता है कैसे काम करता है कितने प्रकार के होते है उन सभी प्रकार के नाम आदि दिया गया है तो चलिए शुरू करते है –
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Framing
physical layer bit stream को इसके अर्थ अथवा structure की परवाह किए बिना केवल accept और ट्रांसमिट करता है परन्तु data link layer किसी frame boundaries को create और recognize करती है
डाटा link layer के लिए सामान्य दृष्टी कोण यह है की bit stream को असतत फ्रेम(discrete frames) में विभक्त करे और प्रत्येक frame के लिए check sum को compute करे |जब कोई frame अपने destination पर पहुचते है तो check sum को recompute किया जाता है यदि recompute किया गया
check sum पहले के check sum जोकि frame में स्थित है से भिन्न होता है तो data link layer यह जान जाता है की error उपस्थित हो गई है और इससे निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाती है अर्थात bad frame को त्याग देना और संभवत: एक error रिपोर्ट वापिस भेज देना
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इसको frame के प्रारंभ और अन्य में विशिष्ट bit पैटर्न्स(special bit patterns) को attach करके किया जा सकता है ये bit patterns गलती से डाटा में हो सकते है यदि ऐसे है तो यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक होता है की इन bit patterns को गलत ढंग से frame delimiters के रूप में interpreter कर लिया जाए व्यापक रूप से प्रयोग की जाने वाली चार framing methods निम्न लिखित है
- character count
- character stuffing
- bit stuffing
- physical layer coding के violations
1.Character Count
framing(Framing in Hindi )की यह विधि frame में characters की सख्या को specify करने के लिए header में एक field का प्रयोग किया जाता है destination पर जब data link layer character count को देखती है तो जान जाती है की कितने characters है और frame का अंत कहा है इस विधि को निम्न लिखित डायग्राम में क्रमश 5,5,8, और 8 characters के frames के लिए दर्शाया गया है
इस विधि के साथ समस्या यह है की किसी transmission error द्वारा character count garble किया जा सकता है
example के लिए इस डायग्राम में दुसरे frame का character count 5 से 7 हो गया है इस स्थिति में destination synchronization से बाहर हो जाता है और frame के start को locate करने में असमर्थ हो जायगा
यहाँ तक की checksum सही नहीं है तो destination को यह ज्ञात है की frame ख़राब है और अब उसके पास यह जानने का कोई जरिया नहीं है की अगले frame कहा से शुरू हो रहा है
अब re-transmission के लिए frame को सोर्स पर वापस भेजना भी उपयोगी नहीं होता ,क्योकि destination यह नही जानता है की res-transmission शुरू करने के लिए कितने characters छोड़ दिए जाए इसी कारण वर्तमान में character count विधि का शायद ही प्रयोग किया जा रहा होगा
2.Character stuffing
character stuffing को बाइट stuffing भी कहा जाता है framing की यह दूसरी विधि प्रत्येक frame के start और end पर specific bytes के साथ error के उपरांत re-synchronization की समस्या से सम्बंधित है
पूर्व में starting और ending bytes भिन्न भिन्न होती थी परन्तु हाल के वर्षो में अधिकांश protocols flag के रूप starting और ending delimiter दोनों में ,flag byte की जाने वाली समान bytes का प्रयोग करते है
इस प्रकार यदि receiver synchronization खो देता है तो यह present frame का अंत प्राप्त करने के लिए केवल flag byte को खोजता है दो लगातार flag byte पहले frame का end और frame का start दर्शाती है
इस विधि के साथ समस्या तब आती है जव binary data जैसे object programs अथवा floating point numbers को ट्रांसमिट किया जाता है ऐसा आसानी से हो सकता है की flag byte का bit pattern data में स्थित हो यह स्थिति सामान्य : framing के साथ समस्या को उत्पन्न करती है
इस समस्या के समाधान के लिए एक मार्ग यह है की sender की data link layer डाटा में प्रत्येक accidental flag byte से तुरंत पहले एक escape byte को इन्सर्ट करे |यदि receiving end पर डाटा link layer का data network लेयर को send करने से पहले इसे escape byte को हटा देती है इस तकनिकी को ही character stuffing अथवा byte stuffing कहा जाता है
3.bit stuffing
फ्राम्मिंग(framing) की यह तीसरा विधि data frames की character bits की एक arbitrary number के साथ एक bits की एक arbitrary number को धारण करने की अनुमति प्रदान करती है इस विधी में प्रत्येक frame के start और end में एक specific बिट पैटर्न 01111110 धारण करने के वाला फ्लैग byte होती है जब कभी भी sender की data link layer को data में पांच लगातार 1s प्राप्त होते है तो यह स्वम: ही outgoing bit stream एक शून्य bit जोड़ देता है इस तकनीक को bit stuffing कहा जाता है
जब receiver को incoming bit stream में पांच लगातार 1s के बाद एक शून्य bit प्राप्त होता है तो यह स्वय : ही जीरो bit को destuff कर देता है यदि user data flag pattern 01111110 क धारण करता है तो यह flag 01111110 के रूप में ट्रांसमिट होता है परन्तु receiver की memory में 01111110 के रूप में ही store होता है
bit stuffing के साथ दो frame के मध्य को flags pattern द्वारा स्पष्ट रूप में पहचाना जा सकता है
4.physical layer coding violations
framing की यह चौथी और अंतिम विधि data frame उन network के लिए ही लागु होती है जिनमे physical medium पर एन्कोडिंग की अधिकतम redundancy होती है example के लिए कुछ लोकल एरिया नेटवर्क physical bits का प्रयोग करके data की one bit को encode करते है इसमे से सामान्य : 1 bit एक high low pair और 0 bit एक low high pair होती है
इस scheme का आशय है की प्रत्येक data bit का transition मध्य में है यह receiver के लिए bit boundaries को लोकेट करना सरल बनाती है high high और low low का कॉम्बिनेशन का प्रयोग data के लिए नहीं होता है परन्तु कुछ protocols में इनका प्रयोग फ्रेम्स की सीमा निर्धारित करने के लिए किया जाता है
reference-https://www.geeksforgeeks.org/framing-in-data-link-layer/
Framing in Hindi
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