what is leadership in hindi-नेतृत्व क्या होता है ?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको leadership in hindi  के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

नेतृत्व (Leadership) 

नेतृत्व किसी व्यक्ति का एक अहम गुण है जिसके द्वारा वह दूसरे व्यक्तियों को प्रभावित करता है और एक समान उद्देश्य के लिए उनके प्रयासों को एक जगह जोड़ता है। इस तर्क के अनुसार प्रबन्धक, किसी संगठन में एक लीडर का कार्य करता हैं और अपने अधीनस्थों द्वारा किये जा रहे प्रयासों एवं गतिविधियों को संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतू जोड़ता है।

नेतृत्व एक युक्ति, एक तरकीब, होशियारी अथवा चतुराई है जिससे दूसरे व्यक्तियों से अपना मनचाहा कार्य कराने के लिए तैयार कर लिया जाये। नेतृत्व एक मानवीय तत्व है जो मनुष्य के समूह को बाँधता है और लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। नेतृत्व के सम्बन्ध में कुछ प्रमुख परिभाषायें निम्न प्रकार हैं

(i) कुंटज् तथा ओ-डोनेल (Koontz and O’ Donnel) के अनुसार, “नेतृत्व किसी प्रबन्धक की योग्यता है जो अपने अधीनस्थों को आत्मविश्वास और जोश के साथ कार्य करने की प्रेरणा देती है।”

“Leadership is the ability of a manager to induce subordinates (followers) to work with confidence and zeal”.

(ii) जार्ज आर. टेरी (George R. Terry) के अनुसार, “नेतृत्व लोगों को प्रभावित करने की कला है जो खुशी से सामूहिक उद्देश्यों को पाने के लिए उद्यम करता है।”

“Leadership is the activity of influencing people to strive willingly for group objectives”.

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iii) पीटर एफ. डकर (Peter F. Drucker) के अनुसार, “नेतृत्व व्यक्ति की सोच को ऊँचा उठाता है, व्यक्ति के कार्यनिष्पादन को उच्च स्तर पर ले जाता है, व्यक्ति के व्यक्तित्व को सामान्य सीमाओं से ऊपर उठाता है।”

“Leadership is the lifting of a man’s visions to higher sights, the raising of a man’s performance to higher standard, the building of man’s personality beyond its normal limitations”.

(iv) बरनार्ड (Bernard) के अनुसार, “नेतृत्व किसी व्यक्ति विशेष का व्यावहारिक गुण है जिसके द्वारा वह अन्य व्यक्तियों को प्रभावित व संगठित करके अभिष्ट कार्य कराने में सफल हो जाता है, साथ ही उनका मार्ग-दर्शन भी करता है।”

“Leadership is the quality of a particular person through which he get success to influence and join the people to do the job. He also guides them”.

(v) कीथ डेविस (Keith Devis) के अनुसार, ”दूसरे व्यक्तियों को निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उत्सुक बनाने व उनकी सहर्ष सहमति प्राप्त करने की योग्यता को नेतृत्व कहते हैं।”

“Leadership is the ability to persuade others to seek defined objectives enthusiastically. It is the human factor which binds a group together and motivates it forward goals”.

सारांश में यह कह सकते हैं कि-

(i) नेतृत्व एक उद्देश्यपूर्ण व्यवहार करने की प्रक्रिया है।

(ii) यह सामूहकि रूप से व्यक्तियों को प्रभावित करने की प्रक्रिया है।

(iii) यह प्रबन्धन का एक विशेष गुण है।

(iv) किसी उपक्रम की सफलता उसके नेतृत्व की योग्यता पर निर्भर करती है।

(v)बिना  प्रभावी  नेतृत्व के संगठन, आदमी, मशीन एवं पदार्थ को व्यर्थ करता है।

(vi) अन्य व्याक्तयों को प्रभावित व संगठित करके उनसे अभिष्ट कार्य कराने में सफलता दिलाने वाले व्यक्ति का

व्यावहारिक गुण ही उसके कुशल नेतृत्व का परिचायक है।

नेतृत्व के कार्य (Functions of Leadership) 

सफल नेतृत्व के लिए दो बातें आवश्यक हैं

(a) मानवीय भावनाओं की बेहतर समझ होनी चाहिए अर्थात् सामूहिक व्यवहार, मानवीय सम्बन्ध तथा प्रबन्धकीय कुशलता का सामान्य ज्ञान होना चाहिए।

(b) उपरोक्त गुणों को प्रयोग करने का प्रशिक्षण। नेतृत्व के मुख्य कार्य निम्न हैं

(i) सबको एकत्र करने तथा निर्देशन करने वाला (Integrating and Directing)-संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति के

लिए सामूहिक प्रयासों को एक साथ लाना और उनको निर्देशित करना नेतृत्व का मुख्य कार्य है। अपने व्यक्तिगत प्रभाव व व्यवहार से एक अच्छा लीडर अपने अधीनस्थों में आत्मविश्वास पैदा करता है, उन्हें आवश्यक सलाह देता है और अच्छे परिणाम के लिए प्रेरित करता है।

(ii) टीम भावना विकसित करना (Develops Team Spirit)—एक प्रभावी लीडर टीम भावना में विश्वास रखता है। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए अपने अधीनस्थों के मध्य टीम भावना से कार्य करने की इच्छा विकसित करता है।

(iii) मध्यस्थ (Arbitration)-जब समूह विचार विमर्श करता है तो एक दूसरे के विचारों में टकराहट संभव है ऐसे में एक अच्छा लीडर मध्यस्थ की भूमिका निभाता है और एक निर्णय पर पहुँचने में मदद करता है।

(iv) कार्य का माहौल बढ़ाना (To Develop Environment Conducive to Work)—एक सकारात्मक सोच और परस्पर सहयोग की भावना जागृत करके उपक्रम में कार्य करने के अनुकूल माहौल तैयार करता है। (v) शीर्ष प्रबन्धन एवं कामगारों के मध्य संपर्क बनाना (To Make a Healthy Link between Top Management & Workers)-एक अच्छा नेतृत्व कामगारों के सामने प्रबन्धन का पक्ष प्रस्तुत करता है तथा प्रबन्धन के सामने कामगारों का पक्ष प्रस्तुत करता है। संगठन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि लीडर कितने प्रभावकारी ढंग से यह कार्य कर पाता है।

(vi) सलाहकार की भूमिका निभाता है (Act as a Counsellor)-एक लीडर को कभी-कभी अपने समूह के सदस्यों के जोश को बढ़ाने का कार्य करना पड़ता है। किसी बाधा को समाप्त करना और साथियों के लिए उत्प्रेरक का कार्य करना भी एक अच्छे लीडर की पहचान करना।

(vii) प्रोत्साहन (Motivation)–यदि लीडर अपने समूह के सदस्यों को प्रोत्साहित करता है और उनके कौशल का

संगठन के हित में सदुपयोग करता है तो संगठन का विकास सुनिश्चित हो जाता है।

(viii) अधिकारों का प्रयोग (Use of Power)-एक लीडर अपने अधीनस्थों से धनात्मक व्यवहार पाने के लिए कभी कभी अपने अधिकारों और शक्ति का भी प्रयोग करता है।

नेतृत्व के गुण अथवा लक्षण (Quality or Traits of Leadership) 

एक अच्छे नेतृत्व के गुण अथवा लक्षण निम्न हैं।

(i) भौतिक गुण (Physical qualities)

(ii) मनोवैज्ञानिक गुण (Psychological qualities).

(iii) alleah Tu (Intellectual qualities)

(iv) चारित्रिक गुण (Character qualities)

(i) भौतिक गण (Physical Qualities)-एक अच्छा लीडर सेहतमंद, सहनशील, मृदु भाषी होना चाहिए जिससे  अपना कार्य प्रभावशाली तरीके से कर सके।

(ii) मनोवैज्ञानिक गुण (Psychological Qualities)-एक अच्छे लीडर में निम्न मनोवैज्ञानिक गुण होने चाहिए (a). उत्साही

(b) सहयोग की भावना

(c) चतुर

(d) प्रेरणा देने वाला

(e) भावनात्मक रूप से मजबूत।

 (iii) बौधिक गुण (Intellectual Qualities)-एक व्यावसायिक संगठन की उन्नति, विकास तथा सफलतापूर्वक संचालन के लिए बौधिक रूप में मजबूत लीडर का होना आवश्यक है। कुछ महत्वपूर्ण बौधिक गुण निम्न हैं

(a) सृजनात्मकता (Creativity),

(b) स्पष्ट सोच (Clear vision),

(c) सम्प्रेषण कुशलता (Communication skill),

(d) समस्या सुलझाने एवं निर्णय लेने का गुण (Capacity for sound judgement),

(f) बुद्धिमता (Intelligence),

(g) स्वः जानकारी रखने का गुण (Self awareness)।

(iv) चारित्रिक गुण (Character Qualities)-लीडर का मजबूत चरित्र अपने अधीनस्थों के लिए एक उदाहरण होता है।

कुछ महत्वपूर्ण चरित्रिक गुण निम्न प्रकार हैं

(a) ईमानदारी (Integrity),

(b) स्व: अनुशासन (Self discipline),

(c) भौतिक एवं नैतिक साहस (Physical & moral courage),

(d) मानवता (Humanism)।

संक्षेप में हम कह सकते हैं कि एक लीडर’ को

(i) उत्साही होना चाहिए तथा कार्य की पहल करने को अग्रसर रहना चाहिए।

(ii) दूसरों की बात को सुनना एवं समझना चाहिए परन्तु निर्णय अपने विवेक के अनुसार ही लेना चाहिए।

(iii) मानसिक एवं शारीरिक रूप से मजबूत होना चाहिए।

(iv) आस-पास होने वाली गतिविधियों को सज्ञान में रखना चाहिए।

(v) खुले दिमाग का होना चाहिए तथा मनोवैज्ञानिक रूप से सुदृढ़ होना चाहिए।

(vi) विश्लेषण करने एवं निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।

(vii) चारित्रिक रूप से इतना मजबूत होना चाहिए कि अन्य उससे प्रेरणा हासिल कर सके।

(viii) आशावादी, कम्पनी के प्रति ईमानदार तथा परिपक्व (Mature) होना चाहिए।

(ix) औद्योगिक मनोविज्ञान एवं मानव सम्बन्धों का ज्ञान होना चाहिए।

(x) मौखिक वार्ता स्पष्ट और संचार क्षमता कुशल होनी चाहिए।

(xi) दूरदर्शी, सृजनात्मक एवं रचनात्मक होना चाहिए

leadership in hindi

reference-https://www.mindtools.com/pages/article/newldr_41.htm

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