what is wages and incentives in hindi-मजदूरी तथा प्रोत्साहन क्या है

हेल्लो दोस्तों ! आज इस पोस्ट में जावा wages and incentives in hindi क्या होता है यह किस लैंग्वेज से बना होता है इसके फीचर क्या क्या होते है आज इस पोस्ट में बताया जायेगा  तो चलिए जावा java को समझते है

परिचय (Introduction)

मजदूरी या वेतन शायद सबसे प्रमुख एवं जटिल अकेला ऐसा कारक है जो प्रबन्धन तथा श्रमिकों के मध्य सम्बन्धी पर प्रभाव डालता है। इसका महत्व इस बात से ही पता चलता है कि यह समाज के एक ऐसे वर्ग से जुड़ा है जो संख्या में बहुत बड़ा है तथा जो वर्तमान आर्थिक ढाँचे से हमेशा असंतुष्ट रहता है। किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में वेतन तथा मजदूरी म विवाद अथवा असंतोष कही अधिक पाया जाता है।

अत: औद्योगिक शान्ति, उच्च अंसतोष कहीं अधिक पाया जाता है। इसे रखने के लिए वेतन प्रणाली का संतोषजनक होना आवश्यक है। उद्योगों में वेतन की भुगतान प्रणाली उतनी ही पुरानी है जितना कि उद्योग। आधुनिक युग के उद्योगों में नई वेतन प्रणालियाँ विकसित की गई हैं जो अधिक स्पष्ट तथा विश्वसनीय है।

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श्रमिकों के लिए वेतन, उनके श्रम के एवज में प्राप्त होने वाला आय का प्रमुख स्रोत है। किसी कर्मचारी का वेतन उसके जीवन स्तर को बताता है। यह उसकी क्रय करने की शक्ति को बताता है जिससे कि वह अपने जीवन की सामान्य तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। नियोक्ता के लिए वेतन, उत्पादन अथवा वितरण लागत का एक महत्वपूर्ण अंग है।

उच्च वेतन से उत्पादन लागत में वृद्धि तथा लाभ में कमी आती है। अत: नियोक्ता का हित इस बात में है कि श्रम लागत प्रति उत्पाद नियन्त्रण में रहे तथा उसमें कमी आये हालांकि कम वेतन से श्रमिकों में असंतोष उत्पन्न होता है तथा उनकी दक्षता और कार्य की गुणवत्ता में कमी आती है। उचित मजदूरी या पारिश्रमिक का भुगतान करने से नियोक्ता तथा श्रमिकों के मध्य सम्बन्ध मधुर बने रहते हैं तथा कम श्रम व्यय में अधिकतम उत्पादन प्राप्त होता है।

 मजदूरी या वेतन (Wages or Salary)

परिभाषा (Definition)

“वेतन या मजदूरी वह पारिश्रमिक है जो नियोक्ता, किसी कर्मचारी को उसके द्वारा किये गये श्रम के बदले में भुगतान करता है। यह भुगतान दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक अथवा मासिक हो सकता है।”

“वेतन को, नियोक्ता द्वारा श्रमिक को उसके करार के अन्तर्गत श्रम के बदले भुगतान किये गये पारिश्रमिक द्वारा भी परिभाषित किया जा सकता है।“

मजदूरी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों में सामान्यतया श्रम करने वाले श्रमिकों और सुपरवाइजरों को सम्मिलित किया जाता है। मजदूरी को श्रमिक की साधारण आवश्यकताओं और इच्छाओं को पूर्ण कर सकने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। इसके अतिरिक्त वह जिन्दगी के मानकों (Standards of Living) को बनाये रखने तथा जीवन में कुछ सुविधा/आराम प्रदान करने के लिए भी पर्याप्त होनी चाहिए।

reference-https://www.slideshare.net/vinothnithin/wages-and-incentives

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