हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Strike in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
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हड़ताल (Strike)
जब श्रमिकों के मध्य असंतोष (Grievance) हो और प्रबन्ध तन्त्र द्वारा उन्हें सुलझाया न जाये तब श्रमिक इस असता के विरुद्ध एक मंच पर एकत्र हो जाते हैं जिससे औद्योगिक अशांति तथा विवाद पैदा हो जाता है। इसके परिणाम स्वरूप प्रायः हड़ताल (Strike) होती है। इस प्रकार
परिभाषा (Definition)
अनेक श्रमिकों द्वारा आपसी समझ से कार्य करना बंद कर देना “हडताल” कहला यह कर्मचारियों के पास एक शस्त्र के समान है जो नियोक्ता पर उनकी मांगों को मानने के लिए दबाव बनाता हो
हडताल के कारण उचित हो अथवा अनुचित, यह हमेशा राष्ट्र विरोधी होती है। इससे मालिक एवं श्रमिक के मध्य सम्ब में खटास आती है, वातावरण दूषित होता है। काम बन्द हो जाने सेश्रमिक को मजदूरी नहीं मिलती है, उद्योग मालिक का उत्पादन कार्य बाधित हो जाने से आर्थिक हानि तो होती है, उद्योग की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है।
राष्ट्र का सकल उत्पादन कम होता है और राष्ट्र को भी सकल आय की हानि होती है। इस प्रकार हड़ताल से श्रमिक, उद्योग मालिक एवं राष्ट्र सभी को हानि होती है। ऐसी स्थिति न आये, इसके लिए सरकार ने कुछ प्रतिबन्ध, नियम, शर्ते तथा विवादों के शीघ्र निपटारे हेतु कुछ अधिनियम भी बनाये हैं
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। सार्वजनिक हितों की रक्षा के लिए सरकार कुछ अति महत्वपूर्ण व्यवसायों तथा उद्योगों को अनिवार्य सेवा घोषित कर उसमें होने वाली हड़ताल एवं तालाबन्दी पर अंकुश लगा सकती है।
(i) हड़ताल के कारण (Causes of Strikes)
हड़ताल के विभिन्न कारण निम्न है
(i) बोनस सहित चेतन सम्बन्धी विवाद,
(ii) कार्यकारी व्यवस्था तथा परिस्थितियाँ
(iii) अनुशासन तथा अन्य फैक्ट्री नियम,
(iv) नौकरी से निलम्बन, छटनी अथवा अन्य कोई सजा,
(v) कार्यकारी घण्टों को लेकर विवाद,
(vi) ट्रेड यूनियन या आन्तरिक यूनियन सम्बन्धी विवाद,
(vii) प्रबन्ध अथवा सुपरवाइजर द्वारा श्रमिक पर हमला, गाली गलौज या दुर्व्यवहार सम्बन्धी विवाद, तथा
(viii) सहानुभूतिक (Sympathetic) हड़ताल!
. (ii) हड़ताल के प्रभाव (Effects of Strikes)
हड़ताल के विभिन्न प्रभाव निम्न है
(i) हड़ताल श्रमिकों के लिए बहुत महंगी पड़ती है। उनके तथा उनके परिवार के पास खाने पीने के सामान की कमी हो जाती है।
(ii) हड़ताल से ट्रेड यूनियन फंड़ में कमी आ जाती है।
(iii) बेरोजगारी बढ़ती है।
(iv) हड़ताल हिंसक (Violet) हो सकती है जिससे श्रमिकों को चोट लग सकती है।
(v) उत्पादकता तथा लाभ में कमी आती है।
(vi) महत्वपूर्ण कार्य घण्टे (Working Hours) व्यर्थ हो जाते हैं।
(vii) व्यापार की साख तथा प्रतिष्ठा को नुकसान होता है।
(viii) कभी-कभी सम्पत्ति तथा मशीनरी को भी नुकसान हो सकता है।
(ix) बाजार में कम्पनी के उत्पाद की मात्रा में कमी हो जाती है।
(x) यदि हड़ताल असफल हो जाये तो श्रमिकों का मनोबल गिरता है, साथ ही प्रबन्ध तंत्र उन्हें पहले से दिये गये लाभ भी वापस ले सकता है।
reference-https://en.wikipedia.org/wiki/Strike_action
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