वितरण चैनल-Channels of Distribution in hindi

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Channels of Distribution in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

वितरण चैनल (Channels of Distribution)

जब तक उत्पाद अन्तिम रूप से बाजार में जाने के लिए तैयार हो जाते हैं तब यह जानना आवश्यक हो जाता है कि कि विधि तथा मार्ग का प्रयोग करके उत्पाद को बाजार में पहुँचाया जायेगा। वितरण चैनल वास्तव में उत्पाद/सामान नाग अपनाये जाने वाला मार्ग है जब वह उत्पादक/संगठन से अन्तिम उपभोक्ता तक पहुँचाया जाता है।

उत्पादक प्राय: अपने उत्पाद को उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए विभिन्न मार्केटिंग मध्यस्थों का सहारा लेते हैं। ये मध्य विभिन्न नामों से जाने जाते हैं जैसे-बिक्री एजेन्ट, विक्रेता, थोक विक्रेता, वितरक (Distributors), स्टॉकिस्ट (Stoction खुदरा व्यापारी (Retailers), अधिकृत प्रतिनिधि (Authorised representatives), ब्रोकर/कमीशन एजेन्ट (Brokers/Commission, agents) आदि। ये सब मध्यस्थ ही मिलकर वितरण चैनल बनाते हैं। विभिन्न शो-रूम, डिपो (Depots) तथा अन्य बिक्री की विधियाँ भी वितरण चैनल का ही एक अंग होते हैं।

इसे भी पढ़े –Strike in hindi-हड़ताल हिंदी में

अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार, “एक वितरण चैनल अथवा मार्केटिंग चैनल एक अन्तः कम्पनी संगठन यूनिटों तथा कम्पनी के बाहर एजेन्ट, डीलर, थोक विक्रेता या खुदरा व्यापारी जिनके द्वारा सामान, उत्पाद या सेवा का विपणन (Marketing) होता है, द्वारा बनायी गई संरचना (Structure) है।

उपरोक्त से स्पष्ट है कि प्रत्येक मार्केटिंग चैनल में एक या अधिक ट्रांसफर बिन्दु होते हैं। ये बिन्दु कोई संस्थान (Institution) या उत्पाद का अन्तिम क्रेता हो सकते हैं।

वितरण चैनल के कार्य (Functions of Channels of Distribution)

वितरण चैनल द्वारा किये जाने वाले प्रमुख कार्य निम्न हैं

1. उत्पादन संक्रिया में मदद करते हैं (Helps in Production Function)

उत्पादक विक्रय की जिम्मेदारी मध्यस्थों पर, जो अपने पेशे के माहिर होते हैं, छोड़कर उत्पादन क्रिया पर ध्यान दे सकते हैं। मार्केटिंग में लगने वाले धन का प्रयोग भी उत्पादन में लगाया जा सकता है।

2. माँग तथा आपूर्ति का मेल कराते हैं (Matching Demand and Supply)

मध्यस्थों का प्रमुख कार्य विभिन्न उत्पादकों के संकलित उत्पादों एवं अवयवों को जोड़कर उचित संकलन तैयार करना है जो अन्तिम उपभोक्ता को सहलियत प्रदान करें। एल्डरसन (Alderson) के अनुसार, “मार्केटिंग का लक्ष्य माँग तथा आपूर्ति के खण्डों (Segments) का मेल करना होता है।” ये उत्पादन की बड़ी मात्रा (Bulk) को तोड़कर प्रत्येक उपभोक्ता की कम आवश्यकता की पूर्ति करता है।

3. उत्पादकों को वितरण दक्षता प्रदान करते हैं (Provide Distribution Efficiency to Manufacturers)

वितरण चैनल उत्पादकों तथा उपभोक्ताओं को दक्ष तथा मितव्ययी (Economic) तरीके से पास लाते हैं। किसी उत्पादक के लिए प्रयोगिक रूप से यह उचित नहीं होता कि परे बाजार में अपने स्वयं के विक्रय केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित करें तथा अपने उत्पाद उपभोक्ताओं को सीधे, बिना किसी बाह्य वितरण चैनल की मदद के, बेचें।

4.चैनल सेल्समैनशिप उपलब्ध कराते हैं (Channels Provide Salesmanship)

वितरण चैनल विशेषतौर पर बाजार में नये उत्पाद स्थापित करने में सहायक होते हैं। अनेक उपभोक्ता उत्पादों में डीलर द्वारा संस्तत बिक्री सामान्य प्रक्रिया है। डाल अपने द्वारा प्रचारित/प्रसारित उत्पाद के क्रय को बढ़ावा देते हैं। वे प्री-सेल (Pre-sale) तथा आफ्टर सेल (After sale) सा भी. ग्राहकों को उपलब्ध कराते हैं। वे उत्पादकों के फीडबैक से प्राप्त प्रतिक्रियाओं को उत्पादकों तक पहुँचाते रहते है।

5. चैनल उत्पाद की सौदेबाजी में मदद करते हैं (Channels Help Merchandise the Products)

सौदेबाजा वितरण चैनल ग्राहकों के मध्य उत्पादों के बारे में जागरूकता (awareness) को बनाने तथा मजबूत करने में मदद करत जब एक ग्राहक किसी रिटेल शाप (retail shop) में जाता है, उसका ध्यान नये उत्पाद/ब्राँड़ पर आकर्षक डिस्पले द्वारा संकेद्रित करता है जिससे उत्पाद में उसकी दिलचस्पी बढ़ती है। चैनल मूल्य निर्धारण यन्त्रावली को लाग करने में भी मदद करते है।

मूल्य निर्धारण करते समय उत्पादक उन मध्यस्थों (middleman) को आमंत्रित करते हैं जो अन्तिम उपभोक्ता के बहुत करीब होते है वे ऐसे मूल्य को निर्धारण करने में सहायक होते है जो उत्पादक तथा  उपभोक्ता दोनों को स्वीकार्य हो।

 विभिन्न वितरण चैनल (Different Channels of Distribution)

(a)उपभोक्ता सामानों के लिए वितरण चैनल (Channels of Distribution for Consumer Goods)-उपभोक्ता सामानों के लिए पांच प्रमुख वितरण चैनल निम्न है

 (i) उत्पादक से अन्तिम उपभोक्ता तक सीधे वितरण (Direct Distribution),

 (ii) उत्पादक से खुदरा (Retailer) तथा उससे उपभोक्ता तक,

(iii)उत्पादक से थोक विक्रेता, उससे खुदरा विक्रेता तथा फिर उससे उपभोक्ता तक,

(iv)उत्पादक से एजेन्ट, उससे खुदरा विक्रेता तथा फिर उससे उपभोक्ता तक

 उत्पादक उपरोक्त चैनलों में से कोई एक अथवा उनको संयुक्त से प्रयोग कर सकते हैं। प्रबन्धन समय-समय पर अपने वितरण चैनलों की दक्षता की जाँच कर सकता है तथा आवश्यकतानुसार उनकी स्थिति में बदलाव कर सकता है।

(b) औद्योगिक सामानों के लिए वितरण चैनल (Channels of Distribution for Industrial Goods)-औद्योगिक सामानों के लिए चार प्रमुख वितरण चैनल निम्न हैं

(i) उत्पादक से सीधे औद्योगिक उपभोक्ता तक

 (ii) उत्पादक से औद्योगिक वितरक तथा उससे अन्तिम उपभोक्ता तक।

(iii) उत्पादक से एजेन्ट तथा उससे अन्तिम उपभोक्ता तक।

(iv) उत्पादक से एजेन्ट, उससे औद्योगिक वितरक तथा उससे अन्तिम उपभोक्ता तक।

reference-https://www.investopedia.com/terms/d/distribution-channel.asp

निवेदन-अगर आपको यह आर्टिकल(Channels of Distribution in hindi) अच्छा लगा हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर() करे और आपको जिस टॉपिक(Channels of Distribution in hindi) पर आपको पढना या नोट्स चाहिए तो हमें जरुर कमेंट(Channels of Distribution in hindi) करे आपका कमेंट्स हमारे लिए बहु मूल्य है धन्यवाद

Leave a Comment