LABOURS LEGISLATION(ACT) IN HINDI-लाबौर्स लेजिस्लेशन एक्ट हिंदी में

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको LABOURS LEGISLATION ACT IN HINDI के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

श्रम अधिनियम (एक्ट) [LABOUR LEGISLATION (ACT)]

परिचय (Introduction)

औद्योगिक अधिनियम, वे कानून हैं जो सरकार द्वारा विभिन्न उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों को आर्थिक एवं सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए बनाये गये हैं। ये कानन उद्योग स्वामियों के लिए दिशा निर्देशन का कार्य करते हैं और विभिन्न मामला जस वेतन, भत्तों, प्रोत्साहन, सुविधायें तथा श्रमिकों की अन्य कार्यकारी परिस्थितियों आदि में कैसे व्यवहार करना है, इसकी जानकारी प्रदान करते हैं।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री वी० वी० गिरि ने औद्योगिक-अधिनियमों की व्याख्या करते हुए कहा कि, “औद्योगिक अधिनियम उद्योग से मिलने वाले लाभों और हितों के उद्योगस्वामियों एवं श्रमिकों के मध्य समान वितरण का प्रावधान करते हैं और श्रमिकों को उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा मनोबल पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करते है

पिछले कुछ दशकों से बढ़ती हुयी महँगाई, जीवनयापन की बढ़ती आवश्यकताओं और बदलते हुए सामाजिक एवं राजनैतिक परिवेश के कारण श्रमिकों एवं उद्योग स्वामियों के मध्य तकरार एवं झगड़ों में वृद्धि हुयी है। एक ओर जहाँ उद्योग स्वामियअधिक लाभ कमाने के चक्कर में श्रमिक का शोषण करता जा रहा है,

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वही दूसरी ओर श्रमिक भी विभिन्न राजनैतिक शक्तियों, संगठनों, श्रमिक संघों के बहकावे में आकर हड़ताल, तोड़फोड़, नारेबाजी (Sloganeerings) आदि अनुचित तरीके अपनाता है।

केन्द्रीय सरकारों द्वारा समय-समय पर बनाये गये विभिन्न औद्योगिक अधिनियम एवं कानूनों से न केवल श्रमिकों एवं उद्योग स्वामियों के मध्य विवादों को कम करने में आशातित सफलता मिली बल्कि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिला।

औद्योगिक अधिनियमों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है

(a) सामान्य अधिनियम (General legislation) तथा

(b) विशिष्ट अधिनियम (Specific legislation)।

सामान्य अधिनियम श्रमिकों की सामान्य समस्याओं जैसे सामाजिक कल्याण (Social welfare), बीमा Insuran औद्योगिक विवादों (Industrial disputes) की देखरेख करते हैं जबकि विशिष्ट अधिनियम विशिष्ट उद्योगों, परिवहन, खदानों (Mines), विद्युत, कूड़ा-करकट के निस्तारण, बॉयलर आदि से सम्बन्धित कार्य देखते हैं।

(b). औद्योगिक अधिनियमों की आवश्यकता एवं महत्व (Importance and Necessity of Industrial Legislation)

 औद्योगिक काननों एवं अधिनियमों की आवश्यकता एवं महत्व से सम्बन्धित कुछ मुख्य कारण निम्न –

 1. उद्योग में हड़तालों, विवादों तथा अशांति को न्यूनतम करने के लिए,

2. औद्योगिक सम्बन्धों को उन्नत बनाने के लिए

 3. श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए एवं नियोक्ता द्वारा शोषण से बचाने के लिए.
4. श्रमिकों को उचित मजदूरी दिलाने के लिए,

5. श्रमिकों के आपसी विवादों को न्यूनतम करने के लिए,

6. उद्योग एवं व्यापार में वृद्धि करके सामाजिक हितों की सुरक्षा करने के लिए,

7. श्रमिकों को कार्य की सुरक्षा (Job security) प्रदान करने के लिए

8. उद्योग के अन्दर अच्छी पर्यावरण परिस्थितियों को उन्नत बनाने के लिए,

9. काय घण्टों का निर्धारण एवं आराम/विश्राम का समय सनिश्चित करने के लिए

10. आद्यागिक दुर्घटनाओं के शिकार श्रमिक को उचित मआवजा दिलवाने के लिए।

reference-https://www.mondaq.com/india/employee-rights-labour-relations/625206/labor-laws-in-india–

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