हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको classification of energy in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
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ऊर्जा का वर्गीकरण (Classification of Energy)
किसी भी देश के विकास हेतु ऊर्जा एक महत्वपूर्ण संसाधन होता है। ऊर्जा कई प्रकार की होती है।
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प्राथमिक तथा द्वितीयक ऊर्जा
प्राथमिक ऊर्जा स्रोत वे है जो या तो प्रकृति में पाए जाते है या प्रकृति में इकट्ठा है। मुख्यत: प्राथमिक ऊर्जा के स्रोत कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस तथा बायोमास (जैसे कि लकड़ी), अन्य प्राथमिक ऊर्जा स्रोतों में उपलब्ध परमाणु ऊर्जा रेडियोधर्मी पदार्थ से, पृथ्वी के अन्दर उपलब्म तापीय ऊर्जा या पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण संभावित मजा शामिल है। मुख्यत: प्राथमिक तथा द्वितीयक ऊर्जा स्रोतों को चित्र में दिखाया गया है।
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प्राथमिक ऊर्जा स्रोत ज्यादातर औद्योगिक उपयोगिता में द्वितीयक ऊर्जा में परिवर्तित होते हैं। उदाहरण के लिये कोयला, तेल तथा गैस, भाप तथा विद्युत में परिवर्तित हो जाते है। प्राथमिक ऊर्जा को सीधे भी इस्तेमाल किया जा सकत है। कछ कर्जा स्रोतों को नान-ऊर्जा स्रोतों के रूप में उपयोग किया जाता है। जैसे कि कोयला तथा प्राकृतिक गैस क खाद बनाने वाले संयन्त्र में फीडस्टॉक (feedstock) के रूप में उपयोग किया जाता है।
वाणिज्यिक ऊर्जा तथा अवाणिज्यिक ऊर्जा
(Commercial Energy and Non-Commercial Energy)
वाणिज्यिक ऊर्जा
वह ऊर्जा स्रोत जो बाजार में निश्चित कीमत पर उपलव्य रहते है उसे वाणिज्यिक उर्जा कहलाती है। बाणिज्यिक उर्जा बिजली, कोयला तथा शुद्ध पेट्रोलियम से बने उत्पाद के रूप में उपलब्ध है। वाणिज्यिक का आधुनिक दुनिया में औधोगिक, कृषि, परिवहन और वाणिज्यिक विकास का आधार बनती है।
औद्योगिक देशों में वाणिज्यिक ईंधन न केवल आर्थिक उत्पादन के लिए, बल्कि सामान्य आबादी में कई धरेलू कार्यो के लिए स्त्रोतों है जैसे बिजली लीगनइएट ,कोयला ,तेल प्राकृतिक गैस आदि
अवाणिज्यिक ऊर्जा
वह उर्जा स्त्रोत जो मूल्य के लिए वाणिज्यिक बाजार में उपलब्ध नहीं है उने अाणिज्यिक उर्जा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। अवाणिज्यिक ऊर्जा स्रोतों में जलाने वाली लकड़ी, पशुओ का गोबर तथा कृषि अपशिष्क (Agriculture waste) जैसे ईंधन शामिल है। जो पारंपरिक रूप से इकट्ठा किये जाते है जिन्हें पैसे से नहीं खरीदा जा सकता है
तया ज्यादातर गांव के प्रत्येक घर में उपयोग किया जाता है इन्हे पारम्परिक रूप से इंधन भी कहा जाता है अवाणिज्यिक ऊर्जा को उर्जा के रूप में नहीं जोड़ा जाता है। जैसे कि जलने वाली लकडी ,कृषि , अपशिष, पानी गर्म करने के लिये सौर ऊर्जा, बिजली उत्पादन के लिये सौर ऊर्जा, अनाज सुखाने के लिये सौर ऊजी, मछली तथा फल परिवहन के लिये पशु शक्ति, सिंचाई के लिये पानी की व्यवस्था पशु द्वारा, गने की प्रेराई के लिये पशु शक्ति, पानी तथा बिजली उत्पादन के लिये पवन ऊर्जा
नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा
Renewable( नवीकरणीय )
नवीकरणीय उर्जा बह ऊर्जा होती है जो अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होती है तथा जिसे समाप्त नहीं किया जा सकता है। जैसे कि पवन कर्जा, सोलर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा ज्वारीय ऊर्जा तथा जल विद्युत पवन (जैसे कि चित्र मे) नवीकरणीय ऊर्जा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उसका दोहन बिना किसी हानिकारक प्रदूषण के छोड़े बिना किया जा सकता है।
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गैर-नवीकरणीय ऊर्जा
गैर-नवीकरणीय ऊर्जा एक पारंपरिक जीवाश्म इंधन है: जैसे कि कोयला, तेल तथा गैस, जो समय के साथ समान हो सकता है।
ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत तथा ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय स्रोत में अन्तर
ऊर्जा के नवीकरणीय स्खोत | उर्जा के गैर-नवीकरणीय स्त्रोत |
1.ये लगातार प्राप्त किये जा सकते है | ये लगातार प्राप्त नहीं किये जा सकते है |
2.ये कभी समाप्त नहीं होते अर्थात यह पुन: विकसित हो जाते है | ये कुछ समय बाद समाप्त हो जाते है तथा यह पुन: नहीं होते है |
3.इन्हे अपम्परागत उर्जा के स्त्रोत कहते है | ये परंपरागत स्त्रोतों कहे जाते है |
4.ये प्रदुषण पैदा नहीं करते है | ये प्रदुषण पैदा करते है |
reference-https://www.teachoo.com/11071/3163/Classification-of-Energy-
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