विश्व में ऊर्जा का भविष्य हिंदी-Global Energy scenario in hindi

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Global Energy scenario in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है

विश्व में ऊर्जा का भविष्य (Global Energy scenario)

आज विश्व ऊर्जा का भविष्य क्या होगा यह एक प्रश्न है, परन्तु इसके लिये निम्न प्रकार के ईधनों के बारे में अध्ययन करते है।

जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels)

कोयला

कोयला जीवाश्म ईधन का एक रूप है जो कि बनस्पतियों के कारण बनता है। इसको बनने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। विश्व में कोयले की उत्पादकता को चित्र में प्रदर्शित किया गया है। जिसके आधार पर कह सकते है कि कोयला 6.9 x 106  से 11.8 x 10° मीट्रिक टन (Metric Tonnes) है।

जबकि रूस, चीन व संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 70 प्रतिशत विश्व उत्पादन को सुरक्षित-भण्डार है। जिस प्रकार से एक महाजन सूद के रूप में व्याज लेता है फिर ब्याज चक्रवृद्धि दर से लेता है, ठीक इसी प्रकार से कोयले की खपत भी इसी ढंग से बढ़ रही है।

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पिछल 131 वर्षों में कोयले का उत्पादन बढ़कर 4.9 x 106 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष हो गया है। यदि यही खपत जारी रही तो सन् 2250 तक लगभग कोयले के समस्त भंडार रिक्त हो जायेगे।

तेल (Oil)

इसी प्रकार से कच्चा तेल (crude oil) का उत्पादन चित्र  में प्रदर्शित किया गया है। इसका खपत में वृद्धि द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात बदी है। जहाँ सन 1973 में 19.96 बैरल थी वहीं पर आज यह 23.2 बैरल है से यह लगता है की यदि पेट्रोलियम तेल की यदि खपत रही हो

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सन 2025 के लगभग समस्त तेल भंडार  रिक्त हो जायेगा कच्चा तेल  के उत्पादन वक्र से लगता है कि तेल की खपत लगभग 7 प्रतिशत से ज्यादा प्रतिवर्ष बढ रही है  जबकि विश्व में पैट्रोल उत्पादन राष्ट्रों का 50 प्रतिशत तेल मध्य एशिया सप्लाई करता है।

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 चित्र कच्चे तेल का विश्व में उत्पादन

प्राकृतिक गैस (Natural Gas)

प्राकृतिक गैस कई प्रकार के हाइडोकार्बन का मिश्रण होती है। इसके अतिरिक्त इसमें अकार्बनिक यौगिकों की अल्प मात्रा भी होती है। साधारणतः प्राकृतिक गैस में मीथेन 50 प्रतिशत व इथेन 20 प्रतिशत तथा प्रोपेन 10 प्रतिशत तक होती है।

चित्र में विश्व में प्राकृतिक गैस के उत्पादन को प्रदर्शित किया गया है। सन् 1990 में इसकी लगभग 1800 x 109 घन मीटर उत्पादन किया गया है। इसकी खपत भी बढ़ रही है यह भी पैट्रोलियम की भांति शीघ्र समाप्ति की ओर हो रही है।

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चित्र 1.5: विश्व में प्राकृतिक गैस का उत्पादन

 नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy)

नाभिकीय ऊर्जा का विकास सन् 1957 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हुआ है। इसमें परमाणुओं को विखण्डित किया जाता है जिसके कारण ऊर्जा का उत्पादन होता है। सन् 1957 में विश्व में पहली नाभिकीय शक्ति प्लांट ने कार्य करना प्रारम्भ किया था। जहाँ इसमें अनेकों लाभ है,

वहाँ पर इसके कारण रेडियो धर्मिता के प्रसार से प्रदूषण व मानव जाति को हानि भी हो जाती है। जिसे चित्र  में विश्व में नाभिकीय शक्ति  प्लांट द्वारा  वैद्युत ऊर्जा का उत्पादन प्रदर्शित किया गया है। इसमें सन् 2000 में 2×106 GWh का उत्पादन हुआ है। इसी पर भविष्य में ऊर्जा का उत्पादन निर्भर है।

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चित्र 1.6: विश्व में परमाणु संयंत्रों द्वारा वैद्युत उत्पादन एवं क्षमता

जल शक्ति (Hydro Power)

जलशक्ति का उपयोग लगभग 100 वर्षों से अधिक समय से हो रहा है। इस जल की धारा को एक टरबाइन पर डालकर वैयतका उत्पादनकासी प्रकार में लय शक्ति उत्पादन क्षमता वाले तथा अधिक शक्ति उत्पादन क्षमता वाले बिजली घर होते है। आजकल तो मारको हाईडिल प्रोजेक्ट पर भी बहुत कार्य चल रहा है। इसमें चीन, सूडान, नेपाल, भूटान व इण्डोनेशिया एवं भारत अग्रणी राष्ट्रों में आते हैं।

reference-https://www.worldenergy.org/assets/downloads/World-Energy-

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