User Interface OS hindi-यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम इंटरफेस

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट User Interface OS hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है

यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम इंटरफेस

इंटरफेस का तात्पर्य होता है, अंतरापृष्ठ जो यूजर के मध्य पारस्परिक सम्बन्ध बनाता है। यह किसी भी आपरेटिंग सिस्टम गाँe (linuse के लिए महत्वपूर्ण है।

पहले के कम्प्यूटर में, जो ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोग होता था वह कमाण्ड लाइन के द्वारा यूजर के मध्य प्रसारित होता था। आज के समय में जो भी ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोग में लाये जाते हैं, वह ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के द्वारा यूजर प्रदर्शित किया जाता है।

आज के समय माउस के एक क्लिक इवेन्ट से यूजर, ऑपरेटिंग सिस्टम से सम्बन्ध स्थापित कर सकता है।

1. कमाण्ड लाइन इंटरफेस (Command line interface)

कमाण्ड इंटरफेस के द्वारा यूजर को ऑपरेटिंग के साथ सम्बन्ध जोड़ने के लिए कमाण्ड को टाइप करना पड़ता है। यह कमाण्ड इंटरप्रेट (Interpret) एवम् क्रियान्वयन के पश्चात् यूजर को जरूरी परिणाम उपलब्ध कराती है। एम० एस० डॉस आमतौर पर प्रयोग होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है।

यह एम० एस० डॉस कमाण्ड लाइन के द्वारा यूजर से सम्बन्ध स्थापित करता है। कमाण्ड इंटरफेस को शैल (Shells) के रूप में जाना जाता है। यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (C-shell) पर कार्य करता है।

चित्र 1.9 : MS-Dos Command Shells

मुख्यतः कमाण्ड का प्रयोग फाइलों को बनाने, डिलीट करने के लिए करते हैं। कमाण्ड के प्रयोग से कोड को क्रियान्वित किया जाता है जिसमें वह यूजर के द्वारा प्रयोग किया जाता है, कोड सेक्शन के द्वारा सिस्टम कॉल प्रकट होती है। यूनिक्स सिस्टम में फाइल को ढूँढ़ने के लिए फाइल के नाम को मेमोरी में लोड करना पड़ता है, जैसे-

CP file 1-txt file 2-txt

यहाँ पर CP फाइल का नाम है, File 1-txt and file 2 txt क्रमश: सोर्स फाइल का नाम है एवम् अन्तिम फाइल नाम है। उपरोक्त दिये कोड का मतलब File 1 txt को create किया गया परन्तु उसका नामकरण File 2 – txt कर दिया गया।

(2). ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (Graphical user interface)

पहले उपयोग हो रहे कमांण्ड यूजर इंटरफेस में यूजर कमाण्ड का ही उपयोग होता था जिससे गलतियों की गुंजाइश ज्यादा रहती थी। जैसे किसी फाइल को खोलने के लिए पूरा एड्रेस (Address) लिखना पड़ता था, ऐसे में कोई भी गलती फाइल को खोलने नहीं देती थी या अन्य कोई भी कार्य नहीं हो पाता था।

इसके पश्चात् ग्राफिकल यूजर इंटरफेस की शुरुआत हुई जोकि बहुत ज्यादा यूजर मददगार है। windows ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी भी तरह का कार्य माउस के क्लिक बटन के उपयोग से तुरन्त हो जाता है।

windows में सभी तरह के Icon होते हैं, प्रत्येक Icon का अलग-अलग कार्य होता है। माउस में दो बटन होते हैं— लेफ्ट बटन एवम् राइट बटन का प्रयोग कर कोई भी आपरेशन किया जा सकता है।

चित्र 1.8

reference – https://blogs.helsinki.fi/students-digital-skills/1-introduction-to-the-use-of-computers/1-1-computer-

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