आपको DCCN category में आपको बहुत सारे पोस्ट कर दिया गया है आज इस पोस्ट में IPv6 Protocol in Hindi के बारे में बताया जा रहा है की ये क्या होता है कैसे काम करता है और बहुत कुछ तो चलिए शुरू करते है –
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What is IPv6?
IPv6 एक साधारण और forward compatible protocol है जो IPv4 का up-gradation है
IPv6 में IPv4 की सभी कमियों ,example के लिए –IP address की उपलब्धता की कमी ,network layer security की कमी time sensitive traffic को accommodate करने अर्थात धारण करने की अयोग्यता इत्यादी को दूर करने का प्रयास किया गया है इन मुद्दों के अतिरिक्त routing भी एक ऐसा मुद्दा है जिसने नए internet protocol के विकास और क्रियान्वयन की आवश्यकता पैदा की है
इन कमियों को दूर करने के लिए internet protocol का वर्जन 6 (version 6 protocol) प्रस्तावित किया गया और इसे एक मानक के रूप में विकसित किया गया | IPv6 की important विशेषताए निम्न लिखित है –
- IPv6 larger address space उपलब्ध कराने के लिए 32-बिट address के स्थान पर 128-बिट address का प्रयोग करता है
- IPv6 अधिक लचीले header format का प्रयोग करता है जो routing प्रोसेस को सरल बनाता है और गति प्रदान करता है
- IPv6 में basic header के साथ साथ extended header भी होता है
- IPv6 में resource allocation options होते है जोकि IPv4 में स्थित नहीं थे
- IPv6 में नए अथवा भविष्य के protocol options का भी प्रावधान है
- IPv6 में encryption और authentication की सहायता से security को support का भी प्रावधान है
- IPv6 में source पर fragmentation को support का भी प्रावधान है
IPv6 n केवल बहुत ही बड़ी मात्रा में address space उपलब्ध कराता है वरन इसका address structure भी flexible है IPv6 तीन प्रकार के uni-cast address के साथ कार्य कर सकता है IPv4 की class D address के एक नए multicast address का प्रयोग करता है और एक नए address type का समर्थन करता है
reference-https://www.tutorialspoint.com/ipv6/index.htm
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