what is planning in hindi-नियोजन क्या होता है ?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको planning in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

नियोजन (Planning)

नियोजन सभी प्रबन्धन क्रियाओं का मूल है। इसका अर्थ है, कुछ करने से पहले सोचना। यह एक प्रक्रिया है जो यह सनिश्चित करती है कि क्या, कहाँ कब, कौन, क्यों और कैसे एक अमुक क्रिया की जानी है।

नियोजन से लक्ष्य का निर्धारण होता है, नीतियाँ तय की जाती हैं, विधियाँ, कार्यक्रम तथा योजना तैयार की जाती है जिसस कि उपक्रम के उद्देश्य अधिक दक्षतापूर्वक पूर्ण किये जा सके। इससे भविष्य में उत्पन्न कठिनाइयों का पता चलता है जिसस कि पहले से ही यह तय कर लिया जाता है कि अमुक कठिनाई से कैसे निपटा जायेगा।

नियोजन एक अनुपातिक, आर्थिक तथा क्रमबद्ध तरीके से वर्तमान में लिये जाने वाला निर्णय है जो भविष्य में लागू होगा। नियोजन के अन्तर्गत पूर्वानुमान लगाना, उद्देश्य निर्धारण, नीतियाँ, कार्यक्रम, विधियाँ, शेड्यूल (Schedules) तथा बजट बनाना आदि कार्य आते हैं। यह कार्य उच्च प्रबन्धन द्वारा किया जाता है। सांराश में हम कह सकते हैं कि–

इसे भी पढ़े –What is management in hindi-प्रबंधन क्या होता है

(i) नियोजन द्वारा भविष्य में किये जाने वाले कार्यों को देखा जाता है और उन्हें तर्कपूर्ण तरीके से क्रमबद्ध किया जाता है।

(ii) इसमें उपलब्ध जानकारियों पर विचार एवं विश्लेषण किया जाता है।

(iii) भविष्य को ध्यान में रखकर उद्देश्य एवं लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं।

(iv) उद्देश्यों को प्राप्त करने के अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाता है।

(v) उपरोक्त विकल्पों में से सर्वोत्तम विकल्प पर निर्णय लिया जाता है।

(vi) इससे बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।

(vii) यह एक समग्र (Integrated) तथा लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।

(a) नियोजन के उद्देश्य (Objectives of Planning)

नियोजन के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं

(i) नियोजन से प्रभावी व सही पुर्वानुमान (Forecasting) लगाने में मदद मिलती है।

(ii) नियोजन से गतिविधियों की निश्चितता बनी रहती है।

(iii) इससे निष्पादन (Performance) के मानक तय किये जा सकते हैं।

(iv) संगठन को विशिष्ट दिशा प्राप्त होती है।

(v) संगठन को वातावरण अथवा माहौल के साथ तालमेल बैठाने में मदद करता है।

(vi) यह प्रबन्धन में होने वाले अपव्ययों को कम करता है।

(vii) यह बजट बनाने में मदद करता है।

(viii) आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, तकनीकी बदलावों के चलते नियोजन करना आवश्यक है।

(ix) इससे दक्षता में वृद्धि होती है।

(b) नियोजन के लाभ (Advantages of Planning)

नियोजन के निम्न लाभ हैं

(i) संसाधनों का अधिकतम उपयोग होता है।

(ii) अवांछित कार्यों में कमी आती है।

(iii) अनिश्चितता में कमी आती है।

(iv) प्रबन्धकीय क्रियाओं को आधार मिलता है।

(v) नियन्त्रण करने में आसानी होती है।

(vi) उत्पादन में आ सकने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

(vii) नियोजन से सृजन (Creativity) तथा नयेपन (Innovative) को बढ़ावा मिलता है।

(viii) इससे प्रोत्साहन (Motivation) में वृद्धि होती है।

(ix) अधिकारों का प्रभावी ढंग से विकेन्द्रीकरण होता है।

(x) नियोजन से उपक्रम में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होती है।

 (c) नियोजन की सीमाएँ (Limitations of Planning)

नियोजन की कुछ सीमाएँ इस प्रकार है

(i) यदि नियोजन की अवधि बढ़ जाये तो लगाया गया पुर्वानुमान गलत भी हो सकता है

(ii) अधिक व्यय होता है।

(iii) युद्ध की स्थिति, प्राकृतिक आपदा तथा सरकारी फैसलों का नियोजन पर प्रभाव पड़ता है।

(iv) उपक्रम के कामगार किसी होने वाले बदलाव का विरोध कर सकते हैं।

(v) दृढ़ तथा गैर लचीलापन होने के कारण निर्णय लेने में समय लगता है।

planning in hindi

reference-https://en.wikipedia.org/wiki/Planning

निवेदन-अगर आपको यह आर्टिकल(planning in hindi) अच्छा लगा हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर(planning in hindi) करे और आपको जिस टॉपिक(planning in hindi) पर आपको पढना या नोट्स चाहिए तो हमें जरुर कमेंट() करे आपका कमेंट्स हमारे लिए बहु मूल्य है धन्यवाद

Leave a Comment