हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको controlling in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
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नियन्त्रण (Controlling)
प्रबन्धन साहित्य में नियन्त्रण शब्द का अर्थ है मानक स्थापित करना, वास्तविक परफार्मेन्स को मापना और सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाना। हेनरी फॉयल (Henry Fayol) के अनुसार, “नियन्त्रण द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि सब कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा सैद्धान्तिक रूप से बताया गया था, निर्देश जारी किये थे और नियोजन (plan) किया गया था।
F.L. Breach के अनुसार, “नियोजन (Plan) में निहित पूर्वनिर्धारित मानकों के विरुद्ध वास्तविक परफार्मेन्स चेक करना, जिसमें पर्याप्त प्रगति तथा संतोषजनक परफार्मेन्स को भी दृष्टिगत रखा गया हो, नियन्त्रण कहलाता है।”
(a) नियन्त्रण की आवश्यकता (Necessity of Controlling)
नियन्त्रण की आवश्यकता इस बात में भी निहित है कि दिये गये आदेशों को समझने में त्रुटि नहीं हुई है, नियमों का उल्लघन नहीं हुआ है और उद्देश्यों के प्रति कोई भ्राँति नहीं है। नियन्त्रण एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है
जिसमें किसी उपक्रम अथवा संगठन में चल रही गतिविधियों के वास्तविक परिणामों की तुलना निर्धारित मानकों से करके उनका ऑकलन किया जाता है। नियन्त्रण प्रबन्धन की एक प्रमुख क्रिया है।
बिना नियन्त्रण के प्रबन्धक प्रबन्धन नहीं कर सकता। यह नियोजन के अनुरूप कार्य करना सुनिश्चित करता है। यह वैज्ञानिक तथा सफल प्रबन्धन के लिए आवश्यक है। किसी कार्य विधि के नियन्त्रण के प्रमुख पद निम्न हैं
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(i) मानक स्थापित करना,
(ii) किये गये कार्य का ऑकलन करके रिपोर्ट तैयार करना,
(iii) आवश्यकतानुसार सुधार के कदम उठाना।
(b) नियन्त्रण के प्रकार (Types of Controlling)
उद्देश्यों की भिन्नता के आधार पर नियन्त्रण निम्न प्रकार का हो सकता
(i) भौतिक नियन्त्रण (Physical Control),
(ii) वित्त नियन्त्रण (Financial Control),
(iii) बजट नियन्त्रण (Budgetary Control)|
भौतिक नियन्त्रण में उत्पाद की गुणवत्ता तथा मात्रा का नियन्त्रण किया जाता है जबकि वित्त नियन्त्रण में उत्पादन लागत प्रतिनग, पदार्थ की लागत, श्रम लागत तथा अन्य खर्चे सम्मिलित हैं।
बजट नियन्त्रण में, भविष्य के लिये भौतिक तथा वित्त के मानक निर्धारित किये जाते हैं और परिणामों की तुलना, पूर्व निर्धारित मानकों से करते हैं। – उपरोक्त के अतिरिक्त संगठन की गतिविधियों के आधार पर नियन्त्रण निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है
(i) नीति (Policy) नियन्त्रण,
(ii) गुणवत्ता (Quality) नियन्त्रण,
(iii) इन्वेन्ट्री (Inventory) अर्थात् भण्डार नियन्त्रण,
(iv) सम्पूर्ण (Overall) नियन्त्रण।
(C) नियन्त्रण के उद्देश्य (Objectives of Controlling)-नियन्त्रण का मख्य उद्देश्य व्यापार में उच्चस्तर की दक्षता सुनिश्चित करना है। इस उद्देश्य से प्रबन्धक को सुनियोजित एवं प्रभावी तरीके से संगठन के लक्ष्य को पाने में मदद मिलती है इसके अतिरिक्त कुछ और उद्देश्य निम्न हैं
(i) कब क्या घटा तथा क्या घट रहा है, किसके द्वारा तथा क्यों घट रहा है, का पता लगाने के लिए,
(ii) प्रबन्धकों एवं कामगारों के मध्य बेहतर संचार व्यवस्था बनाने के लिए,
(iii) प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष खर्चों पर नियन्त्रण रखने के लिए,
(iv) संगठन के लक्ष्यों, नीतियों एवं उद्देश्यों के पुर्ननिर्धारण के लिए,
(v) सुनियोजित एवं निर्धारित लक्ष्य से विचलन (Deviations) ज्ञात करना तथा सुधार के उपाय करना।
(vi) यह सुनिश्चित करना कि सभी गतिविधियाँ पूर्वनिर्धारित प्लान के अनुसार ही चल रही हैं।
reference- https://www.toppr.com/guides/business-studies/controlling/meaning-of-controlling/
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