What is IPV6 in hindi?-IPV6 क्या है?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको IPV6 in hindi  के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

IPV6(internet protocols version 6) का परिचय

IPV6 की full form में internet protocols के version 6 होती है ये internet protocols का सबसे latest version है जो की यह IETF (internet engineering task force) के द्वारा ही बनाया गया है ये IPV4 का upgraded version है और इसे future में IPV4 को replace करने के लिए बनाया गया है इस समय ये IPV4 के साथ ही मिलकर काम करता है यदि आप अपने computer को एक साथ ही मिलकर काम करता है तो यदि आप computer में network center को खोले तो दोनों protocols को एक साथ काम करते हुए देख सकते है जैसे की आप निचे दिखाया गया है

IPV4 को 80 के दशक में बनाया गया था तब से लेकर अब तक internet की दुनिया में बहुत ज्यादा बदलाव आ गया है शुरुआत में internet कुछ limited organization तक ही सिमित था लेकिन अब यह पूरी दुनिया में फ़ैल चूका है दिनों दिन internet के users के बढ़ते जा रहे है इसलिए ऐसी कुछ limitations है जिनकी वजह से IPV4 future में internet की जरूरतों को पूरा नहीं कर पायेगा तो आएये इन limitation के बारे में जानने का प्रायस करते है

limitation of IPV4

निचे IPV4 की limitation दी जा रही है इनके बारे में आपको जानकर आप समझ सकते है की IPV6 की जरुरत क्यो पड़ी

  1. जैसा की आपको पता है की internet दिनों दिन बढ़ता ही चला जा रहा है तो ऐसे में IPV4 के द्वारा provide किये गए addresses की सख्या कम होती जा रही है आने वाले समय में ये addresses पूरी तरह से occupied हो जाएगी और दुसरे devices के लिए address को available नहीं होंगे जिस वजह से वे internet नहीं प्रयोग कर पाएंगे
  2. IPV4 data को स्वय कोई security नहीं देता है data को भेजने से पहले उसे encrypt किया जाना चाहिए
  3. IPV4 में special packets को प्राथमिकता देने का कोई option नहीं होता है हालाकि IPV4 एक quality of service filed को डिफाइन करता है लेकिन वह packets को प्राथमिकता के sequence में handle करने के लिए पर्याप्त नहीं है
  4. IPV4 को या तो आप manually configure करते है या फिर इसे dynamically DHPC(dynamic host configuration protocols) के द्वारा configure किया जा सकता है इसके लिए आपको DHCP को भी manage करना पड़ता है इससे बहुत सी bandwidth का प्रयोग हो जाती है और साथ ही network administrator का time भी consume होता है

अब तक आपने IPV4 की कुछ ऐसी limitations के बारे में जाना है जिनकी वजह से IPV4 को future में internet की जरुरतो को पूरा नहीं कर पायेगी तो आएये अब जानने का प्रयास करते है की IPV6 इन limitations को कैसे fulfill करता है और ऐसे कौन से feature जो इसे IPV4  से बेहतर बनाते है

feature of IPV6

निचे IPV6 के कुछ feature आपको दिए गए है जो IPV6 को IPV4 से बेहतर बनाते है

  1. IPV6 में address space बहुत ही बड़ा है तो ऐसे माना जाता है की इस दुनिया के हर इंसान को 20000 IP address दिए जा सकते है इसलिए नजदीकी future में IP address की कमी की कोई problem नहीं होगी IPV6 का address space future की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होता है
  2. IPV6 security के लिए IPSec(internet protocols security) का प्रयोग करता है IPV6 की header में IPSec के लिए field को provide किया गया है शुरू में ये IPV6  के साथ ही built in था लेकिन बाद में इसे optional बना दिया गया
  3. IPV6 packets को priority के base पर efficiently forward करने में सक्षम है इसके लिए IPV6 header में flow label field को provide किया गया है ये एक 20 bit field होता है इसके बारे में और future में IPV6 header को explanation होगा
  4. IPV6 आपको auto configuration के feature provide करता है यदि DHCP server available न हो तो भी communication में कोई problem नहीं आती है साथ ही IPV6 में state full और stateless दोनों तरह के configuration संभव है
  5. IPV6 की header simple है इसमे सिर्फ 8 fields ही include किये गए है simple header की वजह से IPV6 packets IPV4 packets की तुलना में fast forward होते है इसका reason ये है की राऊटर को IPV4 की तरह बड़ी header process करने से time बच जाता है और packets बहुत ही fast forward किये जाते है
  6. IPV6 broadcast को सपोर्ट नहीं करता है एक से ज्यादा hosts को packets send करने के लिए ये multicast का प्रयोग करता है
  7. IPV6 के पूरी तरह लागु होने पर हर system के pass एक globally unique IP address होगा इससे हर host internet पर किसी दुसरे host से directly communicate कर सकता है IPV6 के लागू होने पर आपको NAT(network address translation ) की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी
  8. IPV6 के द्वारा device जैसे की mobile phones किसी दूसरी location पर जाकर भी उसी IP address के साथ network से connected रहा सकते है
IPV6 in hindi

reference-https://www.geeksforgeeks.org/internet-protocol-version-6-ipv6/

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