हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको database users in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
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डेटाबेस यूजर्स (Database Users)
(DBMS) का मुख्य उद्देश्य Database में नई सूचनाओं को Store करना और Database से Stored Data को रिट्रीव (Retrieve) करने की सुविधा प्रदान करना होता है Database के साथ कार्य करने अर्थात (interact) करने वाले लोगो को निम्नलिखित दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है
- Database Users
- Database Administrator-DBA
Database Users
(DBMS) के साथ कार्य करने अर्थात् Interact करने के आधार पर Database Users निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं
- नेवी यूजर (Navie User)—वे Users, जो Menu oriented Application Programme के माध्यम से Database से Interact करते हैं और Database पर सीमित Operations ही कर सकते हैं, Navie User की श्रेणी में आते हैं। इस श्रेणी के Users को Database की उपस्थिति की जानकारी नहीं होती है। ऑटोमेटिक टेलर मशीन (ATM) के यूजर (User) इसी श्रेणी में आते हैं।
- ऑन-लाइन यूजर (On-Line User)—वे Users, जो Database को सीधे-सीधे किसी On-Line Terminal अथवा User-Interface के माध्यम से Access करते हैं और Database System से Communicate करते हैं,
On-Line User की श्रेणी में आते हैं। इस श्रेणी के Users को Database की उपस्थिति की जानकारी होती है एवं ये Data Manipulation Language-DML के माध्यम से Database को भी Manipulate कर सकते हैं।
- प्रोग्रामर (Programmer)—वे Users, जो नेवी यूज़र्स (Navie Users) और OnLine Users के लिए Application Programme तथा User-Interface विकसित करते हैं, Programmer की श्रेणी में आते हैं। Programmer, Application Programmes को विकसित करने के लिए किसी ObjectOriented Language; जैसे—C++, C#, Java, Visual Basic.Net या किसी Fourth Generation Language 4 GL, जैसे-SQL, SQR या Xbase का प्रयोग करते हैं।
डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (Database Administrator-DBA)
वे User अथवा Users का एक ऐसा समूह, जो Databases को Create, Modify और Maintain करने के लिए उत्तरदायी होते हैं और Databases की Accessing को Control करते हैं, डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (Database Administrator-DBA) कहलाते हैं। Database Administrator-DBA, Database के Structure को Define करता है
Database में Stored Data पर निष्पादित किए जा सकने वाले Operations को प्रत्येक User के लिए निर्धारित करता है और Database की sharing को विभिन्न Users एवं Programmers के लिए भी निर्धारित करता है। Database Administrator-DBA, Database के प्रत्येक User का Profile maintain करता है
तथा उन्हें Database पर निष्पादित किए जा सकने वाले विभिन्न प्रकार के operation के लिए Permissions भी Assign करता है। विदित हो कि User- Profile का प्रयोग Database System द्वारा इस बात की पुष्टि के लिए किया जाता है
कि कोई यूजर किसी विशेष Database पर किस-किस प्रकार के Operations को निष्पादित कर सकता है Database Administrator_DBA उन Procedures को भी परिभाषित करता है जो प्राकृतिक, मानवीय एवं हार्डवेयर कारणों से Data के नष्ट होने की स्थिति में उसे Recover कर सके।
Instances and schemas
Database में सूचनाओं को डालने और अपुपयोगी सूचनाओं को मिटाने से यह समय के साथ परिवर्तित होता रहता है। किसी एक विशिष्ट क्षण(moment) पर Database में स्टोर की गई सूचनाओं (Stored Information) का Collection Database का इन्सटेन्स (Instance) कहलाता है।
Database के समग्र(overall) Design को स्कीमा (Schema) कहा जाता है। Schema यदि किसी भी तरह से परिवर्तित होते हैं, तो कभी-कभी परिवर्तित होते हैं। Database Schemas और Instances की अवधार को किसी Programming Language में लिखे Program) की Analogy द्वारा समझा जा सकता है।
Database Schema किसी Program में सम्बद्ध Type Definitions) के साथ Variable Declarations के अनुरूप होती है। दिए गए क्षण(moment) पर प्रत्येक Variable का एक Vaule होता है। किसी विशिष्ट समय पर Variables के मान के according database स्कीमा के instance होता है
Database Schemas और Instances दोनों शब्दों में भेद करना महत्वपूर्ण है। Database Schema Database का structure है। इसे तब डिज़ाइन किया जाता है, जब Database किसी भी तरह से मौजूद नहीं होता और एक बार Database के क्रियाशील हो जाने के उपरान्त इसमें कोई परिवर्तन करना अत्यन्त कठिन होता है। Database Schema में कोई Data अथवा Information नहीं होती।
Database Instances किसी भी समय Data के साथ Database की क्रियाशील अवस्था (Operational State) होती है। यह Database का स्नैपशॉट (Snapshot) है। Database Instances समय के साथ परिवर्तित होते हैं। DBMS यह सुनिश्चित करता है कि इसकी प्रत्येक Instance Database Designer द्वारा लगाई गई Validations, बाधाओं (Constraints) और परिस्थितियों (Conditions) को मानते हुए एक Valid State में हो।
reference-https://www.tutorialcup.com/dbms/database-users-administrators.htm
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