What is object oriented database model in hindi-ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस मॉडल

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको object oriented database model in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है

Object-oriented Database Model

Relational Database Technology, Complex Information System की आवश्यकताओं को Handle करने में असफल रहा है। Relational Database Systems के साथ प्रमुख समस्या यह है

कि ये Application Developers को Information को Tables में Model करने के लिए बाध्य करते हैं जहां Entities के बीच के Relationships को Values के द्वारा परिभाषित किया जाता है। Relational Database Design वास्तव में एक ऐसी प्रक्रिया है

जिसमें RealWord Object को Tables के स्वरूप में इस प्रकार Represent किया जाता है कि Performance अच्छा हो एवं Data Integrity को Preserve किया जा सके अर्थात् संरक्षित किया जा सके। परन्तु, Object Database Design, सम्पूण एप्ला lication Design Process) का एक Fundamental Part होता है।

programming  Language द्वारा प्रयोग किए जाने वाली Object Classes, वे Classes होती है  जिनका प्रयोग ऑब्जैक्ट-ओरियेन्टेड डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (OODBMS) द्वारा किया जाता है। चूकि के Models, Consistent होते हैं; अतः प्रोग्राम के  Object Model को Database Manager के लिए किसी Unique Object में Transform करन ति रूपान्तरित करने की आवश्यकता नहीं होती है।

एक Data Model, अच्छी तरह से Mathematically wellDefined Concepts का एक Collection होता है, जो आपको किसी डेटा समृद्ध एप्लीकेशन (Data Intensive Applications) की Static and Dynamic Properties को समझने एवं अभिव्यक्त करने में सहायता करता है।

एक Data Model निम्नलिखित से निर्मित होता है

  • Static Properties; जैसे—Objects, Attributes एवं रिलेशनशिप्स(Relationship) |
  • Objects एवं ऑपरेशन्स (Operations) पर लागू किए जाने वाले Integrity Rules।
  • Dynamic Properties; जैसे—Operations, या वे रूल्स (Rules), जो एप्लाई किए गए स्टेट चेंजेज़ (Applied State Changes) के आधार पर New Database State को परिभाषित करते हैं।

Object Oriented Databases, Database में ही इन तीनों Components को Model कर सकते हैं।  Object-Oriented Database के पूर्व के Databases, सीधे-सीधे Static Properties एवं इन्टिग्रिटी रूल्स (Integrity Rules) का समर्थन करते थे;

परन्तु Model की Dynamic Properties को परिभाषित करने के लिए Applications पर भरोसा करते थे।  Dynamic Properties को Applications से डेलीगेट (Delegete) करने अर्थात् जोड़ने की हानि (Disadvantage) यह है

कि इन Dynamic Properties को डेटाबेस के प्रयोग के विभिन्न सिनारियोज (Scenarios) अर्थात् स्थितियों में एक समान ढंग से  Apply नहीं किया जा सकता है; क्योंकि उन्हें Database के बाहर Autonomous Applications में परिभाषित किया गया होता है।

Object Oriented Databases, Unifying Paradigm उपलब्ध कराते हैं, जो आपकोData Modeling के तीन पहलुओं (Aspects) को इन्टीग्रेट (Integrate) करने एवं Database के सभी Users पर एक समान रूप से Apply करने की अनुमति देते हैं।

Object-Oriented Model, एक Entity को एक Class के रूप में Represent करता है। एक Class, किसी विशेष Entity के  Attributes एवं Behavior, दोनों को ही Represent करता है।

उदाहरण के लिए, एक Book क्लास के Attributes, जैसे—ISBN, Title, Author, Publisher, YearofPublishing, Distributor एवं Price हैं तथा UpdatePrice एक प्रोसीजर (Procedure)/ Method है, जो पुस्तकों के मूल्य को अपडेट (Update) करने हतु, लिए जाने वाले Actions को निष्पादित करता है।

किसी भी Class-Objec के Instances खास-खास तथा भिन्न-भिन्न पुस्तकों को Represent करते हैं। किसी Object के क्लास एट्रीब्यूट्स की Values, प्रत्येक Object Instance के Behaviour Patterns को उस क्लास भिन्न होते हैं; परन्तु किसी Class के बिहावयर पट सम्बन्धित सभी Objects द्वारा Share किया जाता है।

Object Oriented Model, किसी Class के एट्रीब्यूटस  की वैल्यज को Programming Language या DBMS नेटिव डेटा टाइप्स (Native Data Types), जैसे—Integer, Numeric, Character, Currency, Date Time, से रिसट्रिक्ट (Restrict) नहीं करता है,

बल्कि एट्रीब्यटस कावल्यूज़ (Values), अन्य Objects भी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, Book क्लास का एक (Attribute), Distributor हो सकता है, जिसकी वैल्यू एक Distributor ऑब्जैक्ट हो सकती है, जो उस डिस्टीय (distributor) से सम्बन्धित हो सकती है, जो पुस्तकों को Distribute अर्थात् वितरित कर रहा हो।

Object-Oriented Model, Relationships को Logical Containment के माध्यम से Maintain करता है।

आइए, इसे समझने के लिए BookDistributor उदाहरण पर विचार करते हैं। किसी विशेष पुस्तक का Distributor, Book क्लास के एक Attribute की एक Value हो सकती है। चूंकि Distributor अपने आप में एक Object है; अतः आप इसके एट्रीब्यूट्स (Attributes) को Recursively, एग्जामिन (Examine) कर सकते हैं।

Distributor ऑब्जैक्ट का एक Title एट्रीब्यूट हो सकता है, जो एक Book ऑब्जैक्ट हो सकता है (यहाँ हम यह मान लेते हैं, कि Distributor के पास एक ही पुस्तक है।) अतः ‘B’ नामक पुस्तक (Book), ‘BD’ नामक डिस्ट्रीब्यूट (Distributor) को कन्टेन (Contain) अर्थात् धारण करता है,

जो ‘B’ नामक किताब (Book) को Contain अर्थात् धारण करता है। यह Logical Containment है, और इसी प्रकार ObjectOriented Model, Relationships को Maintain करता है।

Object-Oriented Databases ऑब्जेक्ट्स (Objects) को Manage करते हैं, जो Abstract Data Types होते हैं। ऑब्जैक्ट-ओरियेन्टेड डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (OODBMS), Multimedia Applications और ऐसे Complex Relationships युक्त डेटा को मैनेज (Manage) करने के लिए उपयुक्त होता है,

जिन्हें रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (RDBMS) में मॉडल (Model) एवं प्रोसेस (Process) करना कठिन होता है। चूंकि OODBMS में किसी भी प्रकार के डेटा को स्टोर किया जा सकता है, अतः यह डेटाबेस में Data, Text, Pictures, Voice एवं Video को स्टोर करने की अनुमति प्रदान करता है।

object oriented database model in hindi

reference-https://www.geeksforgeeks.org/definition-and-overvie

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