हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Three level architecture of dbms in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
Three Level Architecture of DBMS
Program-Data एवं Program-Operation Independence, अनेक Users के Views का समर्थन और डेटाबेस के Description अर्थात् Schema को स्टोर करने के लिए कैटलॉग (Catalog) का प्रयोग, डेटाबेस के प्रयोग की तीन प्रमुख विशेषताएं अर्थात् Characteristics) हैं।
Three-Schema Architecture को इन्हीं विशेषताओं अर्थात् Characteristics को प्राप्त करने एवं दर्शाने के लिए सुझाया गया था। Three- Schema Architecture को ANSI/SPARK Model भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य User Application एवं Physical Database को पृथक् करना है। इस आर्किटेक्चर (Architecture) में Schemas को निम्नलिखित तीन levels पर परिभाषित किया जा सकता है
(1) Internal Level में एक Internal Schema होता है, जो database के फिाजकल स्ट्रक्चर का विवरण देता है। Internal Schema, एक Physical Data Model का प्रयोग करता है और Data Storage का पूर्ण विवरण देता है, साथ ही डेटाबेस के लिए Access Path का भी विवरण देता है।
(2) Conceptual Level में एक Conceptual Schema होता है, जो किसी विशेष समूह के यूज़र्स के लिए Database Structure का विवरण देता है। Conceptual Schema, डेटाबेस के Physical Storage Structure को लुप्त अर्थात् Hide करता है; परन्तु डेटाबेस के Entities, Data Types, Relationships, यूज़र द्वारा उस पर निष्पादित किए जा सकने वाले Operations एवं डेटाबेस पर प्रभावी (Apply) किए जा सकने वाले Constraints का विवरण देता है।
जब किसी Database System को क्रियान्वित किया जाता है तो कॉन्सेप्चुअल स्कीमा (Conceptual Schema) को वर्णित करने के लिए एक Representational Model का प्रयोग किया जाता है।
(3) External or View Level के अन्तर्गत अनेक External Schemas या व्यूज़ (Views) होते हैं। प्रत्येक External Schema डेटाबेस के उस हिस्से का वर्णन करता है, जो किसी विशेष User Group के लिए उपयोगी होता है और डेटाबेस के शेष भाग को उस User Group) से छिपाकर रखता है। साधारणतया प्रत्येक External Schema को एक Representational Data Model का प्रयोग कर क्रियान्वित किया जाता है।
Three-Schema Architecture एक Tool है, जिसके द्वारा यूज़र किसी डेटाबेस सिस्टम में Schema के Levels को दर्शाया जा सकता है। अधिकांश dbms इन तीनों Levels को पूर्ण रूपेण पृथक नहीं कर पाते हैं, परन्तु कुछ हद तक Three-Schema Architecture का समर्थन करते हैं।
कुछ dbms में Conceptual Schema में डेटाबेस के Physical Level Details को शामिल किया जा सकता है। वे dbms , जो यूज़र के व्यूज़ (Views) का समर्थन करते हैं, उनमें External Schemas को उसी data model में निर्दिष्ट किया जा सकता है
जो Conceptual level Information का विवरण देता है। कुछ डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम, Conceptual Level एवं External Level)पर भिन्न-भिन्न Data Models का प्रयोग करने की अनुमति देते हैं।
डायग्राम
ध्यान दें, ये तीनों ही Schemas केवल और केवल डेटा के Descriptions होते हैं। डेटा तो वास्तव में Physical Level में विद्यमान होती है। Three-Schema Architecture पर आधारित किसी डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम में प्रत्येक User Group केवल और केवल अपने External Schema को निर्दिष्ट करता है।
अतः किसी External Schema पर निर्दिष्ट की गई Request को dbms द्वारा Conceptual Schema के विरुद्ध एक Request में परिवर्तित करना आवश्यक होता है एवं तत्पश्चात् Internal Schema के विरुद्ध एक Request में परिवर्तित करना आवश्यक होता है, ताकि उस Request को Stored Database के लिए प्रोसेस (Process) किया जा सके।
यदि की गई Request, डेटा को डेटाबेस Retrieve करने के लिए होती है, तो यूज़र के External View से Match करने के लिए डेटाबेस से Extract किए गए डेटा को Reformat करना आवश्यक होता है। विभिन्न Levels के बीच Requests को Transform करने अर्थात् रूपान्तरित करने की प्रक्रिया का मैपिंग (Mapping) कहा जाता है।
reference-https://www.javatpoint.com/dbms-three-schema-architecture
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