What is insert operation in hindi-इन्सर्ट ऑपरेशन क्या है?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको insert operation in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है

किस ऑपरेशन पर रेफरेन्शियल इन्टिग्रिटी की आवश्यकता होती है?

तीन ऐसे Basic Operations हैं, जिन्हें रिलेशन्स (Relations)/ टेबल्स (Tables) पर निष्पादित करन के लिए रेफरेन्शियल इन्टिग्रिटी ट्रीटमेन्ट (Referential Integrity Treatment) की भी आवश्यकता होती है।

ये कि ऑपरेशन्स (Basic Operations) हैं—इन्सर्शन (Insertion), डिलीशन (Deletion) और अपडेशन (Updation)। ये तीनो ऑपरेशन्स (Operations), SQL कमाण्ड्स (SQL Commands)-INSERT, DELETE और UPDATE के द्वारा निष्पादित किए जाते हैं।

INSERT Operation

INSERT ऑपरेशन आपको किसी रिलेशन (Relation)/टेबल (Table) में एक नया ट्यूपल (Tuple)/रिका (Record) इन्सर्ट (Insert) अर्थात एड (Add) करने की अनुमति प्रदान करता है। जब आप किसी रिलेशन टेबल में नया ट्यूपल (Tuple) रिकॉर्ड (Record) को एड (Add) इन्सर्ट (Insert) करने की कोशिश करते हैं

इसे भी पड़े-

तो निम्नलिखित प्रकारों में से किसी भी एक प्रकार के कॉन्सटैन्ट (Constraint) के उल्लंघन (Violation) की संभावना होती है

(1) Domain constraint– यदि किसी (Attribute)/फील्ड (Field) के लिए दी गई वैल्यू, उस एट्रीब्यूट (Attribute) फील्ड (Field) के डोमेन (Domain) के बाहर (Outside) होती है, तो डोमेन कॉन्सट्रैन्ट (Domain Constraint) का उल्लंघन (Violation) होता है।

(2) Key Constraint– यदि नए ट्यूपल (Tuple)/रिकॉर्ड (Record), t में ‘की’ एट्रीब्यूट (Key Attribute)/फील्ड (Field) की दी गई वैल्यू रिलेशन (Relation), R में पहले से विद्यमान किसी ट्यपल (Tuple) रिकॉर्ड (Record) में स्टोर वैल्यू के समान होती है, तो ‘की’ कॉन्सट्रैन्ट (Key Constraint) का उल्लंघन (Violation) होता है।

(3) Referential Integrity Constraint–यदि किसी रिलेशन (Relation) टेबल (Table) के किसी ट्यूपल (Tuple) रिकॉर्ड (Record) के फॉरेन ‘की’ (Foreign Key) की वैल्यू रेफरेन्स्ड रिलेशन (Referenced Relation) से मैच (Match) नहीं करती है तो रेफरेन्शियल इन्टिग्रिटी कॉन्सट्रेन्ट (Referential Integrity Constraint) का उल्लंघन (Violation) होता है।

यदि किसी रिलेशन (Relation) टेबल (Table) में एक ट्यूपल (Tuple) रिकॉर्ड (Record) को इन्सर्ट (Insert) करने के परिणामस्वरूप, एक या एक से अधिक कॉन्सट्रैन्ट्स (Constraints) का उल्लंघन (Violation) होता है, तो उन्ह हैंडल (Handle) करने के लिए निम्नलिखित दो ऑप्शन्स (Options) उपलब्ध होते हैं

(1) ट्यूपल (Tuple)/रिकॉर्ड (Record) के Insertion को रिजेक्ट (Reject) किया जा सकता है तथा DBMS के द्वारा यूजर को रिजेक्शन (Rejection) के कारणों को एक्सप्लेन (Explain) किया जा सकता है।

(2) यूजर को डेटा को सही करके पुनः सबमिट (Submit) करने के लिए कहना और इन्सर्शन (Insertion) को रिजेक्ट (Reject) करने के कारण बताना।

नीचे दिए गए उदाहरणों में विभिन्न प्रकार के कॉन्सट्रैन्ट्स (Constraints) के लिए वायोलेशन्स (Violations) अर्थात् उल्लंघनों एवं यथोचित समाधानों (Solutions) को डेमोन्स्ट्रेट (Demonstrate) किया गया है। सभी उदाहरण नीचे दर्शाए गए रिलेशन (Relation)/टेबल (Table) : EMPLOYEE पर आधारित हैं।

Primary Key

डायग्राम

उदाहरण 1– INSERT INTO EMPLOYEE VALUES (‘E001′,’MANESH’,’SALES’40000);

वायोलेटेड कॉन्सटैन्ट (Violated Constraint)-‘की’ कॉन्सट्रैन्ट (Key Constraint)

कारण(Reason) : प्राइमरी ‘की’ (primary key) : EmpCode की वैल्य ‘E001′,’EMPLOYEE

टेबल में पहले से विद्यमान है।

समाधान(Solution) : DBMS को EmpCode की वैलिड वैल्यू (Valid value) देने के लिए यूजर को संवाद देना चाहिए एवं यदि वैलिड वैल्यू (Valid Value) दी जाती है जो इन्सर्शन (Insertion) को एक्सेप्ट (Accept) करना चाहिए।

उदहारण 2-INSERT INTO EMPLOYEE VALUES (‘NULL’, ‘AJIT’, ‘STORE’, 30000); वायोलेटेड कॉन्सट्रैन्ट (Violated Constraint)—एन्टिटी इन्टिग्रिटी कॉन्सट्रैन्ट (Entity Integrity Constraint)

कारण (Reason) : प्राइमरी ‘की’ (Primary Key) की वैल्यू NULL है।

समाधान (Solution) : EmpCode की एक वैलिड वैल्यू (Valid Value) के लिए DBMS को यूजर

को संवाद देना चाहिए एवं यदि वैलिड वैल्यू (Valid Value) दी जाती है तो इन्सर्शन (Insertion) को एक्सेप्ट (Accept) करना चाहिए।

reference-https://www.tutorialspoint.com/data_structures_algorithms/array_d

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