हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको departmentation in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
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विभागीकरण (Departmentation)
हम जानते हैं कि बड़े उद्योगों में अनेकों कर्मचारी कार्य करते हैं। दक्षतापूर्ण सुपरविजन तथा नियन्त्रण के लिए यह आवश्यक है कि उद्योग/उपक्रम को विभिन्न विभागों में बाँट दिया जाये। अमुक गतिविधि को पूर्ण करने के लिए प्रत्येक विभाग को दसरे विभागों पर विश्वास करना होता है।
प्रत्येक विभागाध्यक्ष अपने विभाग के कार्यों का सुपरविजन तथा नियन्त्रण करता है। वह अपने विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का अधिकारी होता है तथा विभाग के सुचारू एवं दक्ष कार्य निष्पादन के लिए उत्तरदायी होता है। विभागीकरण को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है
“विभागीकरण, सम्पूर्ण उपक्रम को विभिन्न विभागों में तोड़ने की प्रक्रिया है। “
दसरे शब्दों में, “कार्य को विभाजित करने तथा प्रशासन की दृष्टि से उन्हें यनिट तथा सब यूनिट अथवा विभागा में समुहित (Grouping) करने को ही विभागीकरण (Departmentation) कहते हैं।
किसी संगठन की संरचना करते समय विभागीकरण एक प्राथमिक लक्ष्य होता है। एक विभाग को डिवीजन, ब्राच, ब्यूरो (Bureau) अथवा सेक्शन (Section) भी कहते हैं।
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विभागीकरण के उद्देश्य (Objectives of Departmentation)
विभागीकरण के प्रमुख उद्देश्य निम्न प्रकार है
1.सुचारू एवं दक्ष प्रशासन (Smooth and Efficient Administration) विभागीकरण का उद्देश्य प्रभावशाली एवं दक्षतापूर्ण तरीके से चलाना है। इसका उद्देश्य उपक्रम के कार्यों को औचित्यपर्ण एवं वैज्ञानिक ढ विभागों में बॉटना है। इसके साथ ही उनके कार्मिकों में कार्यों को इस प्रकार विभाजित करना जिससे कि उन्हें आसान (Supervision), निर्देशन, नियन्त्रण तथा समन्वियत किया जा सके और उपक्रम एवं कार्मिकों को अधिकतम
2.उधेश्यो/लक्ष्यों की प्राप्ति (To attain Goals) विभागीकरण के द्वारा अधिकारों तथा दायित्वों का विक होता है जिससे कि उपक्रम के लक्ष्यों की प्रभावशाली तरीके से प्राप्ति हो सके।
३. समूहों तथा उपमहाँ पें कार्यों का विभाजन (Division of Workin Groups and Subgroups) यह कार्यो को बाटता है, तथा उन्न, यूनिट तथा सब, यूनिट में समूहित करता है जिससे कि उन्हें प्रभावी ढंग से प्रबन्धित किया जा सके
4.विशिष्टीकरण (Specialiwation) विभागीकरण से विभिन्न गतिविधियों के निष्पादन में विशिष्टता आती है।
विभागीकरण के लाभ (Benefits of Departmentation)
विभागीकरण के प्रमुख लाभ है
- दक्षता (Efficiency) में वृद्धि होती है।
- गतिविधियों में विशिष्टता (Specialisation) आती है।
- प्रशासनिक नियन्त्रण (Administrative Control) प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।
- उत्तरदायित्वों (Responsibility) का निर्धारण किया जा सकता है।
- प्रबन्धकीय गुणों (Managerial Skills) का विकास होता है।
- स्वतन्त्र निर्णय लेने तथा शुरूआत करने में आसानी होती है।
- कार्य का मल्याकंन (Evaluation) आसान हो जाता है।
- प्रभावी, आर्थिक तथा उचित बजटीकरण किया जा सकता है।
- समन्वय (Co-ordination) का आधार बनता है।
reference-https://www.businessmanagementideas.com/departmentation/departmentation-meaning-and-means/3466
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