हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको incentive in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
प्रलोभन अथवा प्रेरणा (Incentives)
आकर्षण है जो अमिक को उसके कठोर कार्य तथा उसकी दक्षता प्रलोभन अथवा प्रेरणा एक पुरस्कार अथवा आकर्षण है जो श्रमिक को उसके कठोर कार्य तथा उसका के लिए दिया जाता है।
पुरस्कार श्रमिक के वेतन से अतिरिक्त होता है और कर्मचारी द्वारा एक मानक कार्य सीमा से अधिक कार्य करने पर उसी अनुपात में दिया जाता है। इससे श्रमिक को और अच्छा व अधिक कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।
श्रमिक अधिक से अधिक परिश्रम करे इसके लिए उसे अनेक प्रकार के लालच अथवा लाभ दिये जाते हैं जैसे पदोन्नति, प्रशंसा पत्र, सार्वजनिक सम्मान, अतिरिक्त वेतन वृद्धि, उत्पादन पर आधारित बोनस व अतिरिक्त धन आदि। इन्हीं लाभों को प्रलोभन अथवा प्रेरणा (Incentive) कहते हैं।
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प्रलोभन अथवा प्रेरणाओं के प्रकार (Types of Incentives)
प्रलोभन अथवा प्रेरणायें प्राय: चार प्रकार की होती हैं
(i) वित्तीय प्रेरणायें (Financial Incentives)
(ii) अवित्तीय प्रेरणायें (Non-financial Incentives)
(iii) अर्ध वित्तीय प्रेरणायें (Semi-financial Incentives)
(iv) व्यक्तिगत तथा सामूहिक प्रेरणायें (Individual & Group Incentives)
(i) वित्तीय प्रेरणायें (Financial Incentives)
दक्षता को और अधिक बढ़ाने के लिए कुछ वित्तीय प्रेरणायें कर्मचारी को दी जाती हैं जैसे (a) बोनस तथा (b) लाभांश (Profit Sharing)। वित्तीय प्रेरणायें भारतवर्ष में उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे प्रभावशाली प्रोत्साहन या प्रलोभन है क्योंकि भारत में रोजगार के प्रत्येक स्तर पर मजदूरी अथवा वेतन बहुत कम है। ऐसे में वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में मिला धन उनकी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति करता है।
(ii) अवित्तीय प्रेरणायें (Non-financial Incentives)
ये प्रेरणाएँ कर्मचारी को कोई वित्तीय लाभ तो नहीं पहुँचाती हैं परन्तु उसकी दक्षता में वृद्धि करती है तथा उसे प्रोत्साहित करती है। कभी-कभी कुछ अन्य सुविधाएँ, पदोन्नति, अधिकार देने अथवा सार्वजनिक रूप से प्रंशसा करने मात्र से ही कर्मचारी और अच्छा व अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित होता है। कछ अवित्तीय प्रेरणाओं में निम्न लाभ निहित है
(a) कर्मचारी की अच्छे कार्य के लिये प्रशंसा,
(b) नौकरी की सुरक्षा,
(c) प्रशिक्षण तथा अन्य कल्याणकारी कार्यक्रम,
(d) अच्छी तथा स्वस्थ कार्यकारी दशाएँ,
(e) पदोन्नति के अवसर,
(f) मददगार तथा सहयोगी प्रबन्धन,
(g) कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के लिए घर, स्वास्थ, शिक्षा तथा मनोरंजन आदि की बुनियादी सुविधाएँ तथा
(h) संगठन में सम्मान एवं पहचान।
(iii) अर्ध वित्तीय प्रेरणायें (Semi-financial Incentives)
अर्ध-वित्तीय प्रेरणाओं में निम्न लाभ निहित होते हैं
(i) कर्मचारी को कम दरों पर भोजन, मनोरंजन एवं चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध करवाना तथा उनके बच्चों की । कम दरों पर शिक्षा सुविधाएँ उपलब्ध करवाना।
(ii) कर्मचारी भविष्य निधि (Employee’s provident fund) और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन तथा अन्य सुविधाए।
(iv) व्यक्तिगत तथा सामूहिक प्रेरणायें (Individual & Group Incentives)
वित्तीय प्रेरणाओं का भुगतान कार्य के प्रत्येक स्तर पर अलग-अलग दरों पर अथवा एक समान दर पर, संगठन की नीति के अनुसार किया जा सकता है। जब प्रेरणाएँ अलग-अलग दरों पर भुगतान की जाती हैं, तब बढ़ते हुए स्तर के साथ-साथ भुगतान की दर भी बढ़ जाती है। प्रेरणायें दो प्रकार की हो सकती हैं
(a) व्यक्तिगत प्रेरणायें (Individual Incentives)—व्यक्तिगत प्रेरणायें कर्मचारी को उत्पादन में उसकी भागीदारी अथवा उसके द्वारा किये गये कार्यों के अनुरूप दी जाने वाली प्रेरणायें हैं। इसमें संगठन या विभाग का कुल उत्पादन क्या है इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जो व्यक्ति, विभाग के औसत उत्पादन से अधिक उत्पादन करेगा, संगठन उसे वित्तीय अथवा गैर वित्तीय प्रोत्साहन देता है।
(b) सामूहिक प्रेरणायें (Group Incentives) सामूहिक प्रेरणाएँ, किसी विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को किसी उत्पादन कार्य के लिए सामूहिक रूप से प्राप्त होती हैं। यह व्यवस्था उन लोगों को प्रायः पसन्द नहीं आती जो अधिक दक्ष या कुशल होते हैं।
reference-https://www.merriam-webster.com/dictionary/incentive
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