हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Factors Affecting Forecasting in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
Contents
- विक्रय पूर्वानुमान को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Forecasting)
- 1. सामान्य व्यापारिक स्थितियाँ (General Business Conditions)
- 2. उद्योग की आन्तरिक स्थिति (Conditions within the Industry)
- 3. कम्पनी की आन्तरिक स्थिति (Conditions within the Company)
- 4. निर्यात व्यापार को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Export Trade)
- 5. राजनीतिक स्थिरता (Political Stability)
- 6. सरकारी प्रतिबन्ध (Government Restrictions)
- 7. राजस्व तथा मुद्रा नीति (Fiscal and Monetary Policy)
- 8. मल्य स्तर तथा चलन (Price Level and Trend)
- 9. तकनीकी अनुसंधान तथा विकास (Technological Research and Development)
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विक्रय पूर्वानुमान को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Forecasting)
विक्रय पूर्वानुमान को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्न है
1. सामान्य व्यापारिक स्थितियाँ (General Business Conditions)
इसके अन्तर्गत सामान्य आर्थिक परिस्थितियाँ जनसख्या वृद्धी ,सम्पति तथा अन्य का वितरण सामान्य रीतिरिवाज (customs) फैशन सीजनल उतार चढाव (seasonal fluctuations) आदि पर विचार किया जाता है
2. उद्योग की आन्तरिक स्थिति (Conditions within the Industry)
इसक अन्तगत् उत्पाद को कुल माँग वाला परिवर्तन, उद्योग से जुड़ी अन्य युनिटों की संख्या तथा उनकी बिक्री, अनुसंधान (research), सामा(potential), उत्पाद विकास आदि पर विचार किया जाता है।
3. कम्पनी की आन्तरिक स्थिति (Conditions within the Company)
कम्पनी में भविष्य में होने वाले परिवर्ती का ब्रिकी पर भी प्रभाव पड़ता है। इन परिवर्तनों में मल्य संरचना (price structure), वितरण चैनल (distribute channel), विक्रय को बढ़ावा देने के साधन, कम्पनी की उत्पाद तथा अन्य मार्केटिंग नीतियाँ, भविष्य की योजनायें, उत्पाद विकास की योजनाएँ आदि निहित होते हैं। इसीलिए यह आवश्यक है कि यह अनुमान लगाया जाकि ये सब कारक भविष्य में होने वाली बिक्री को किस हद तक प्रभावित करेंगे।
4. निर्यात व्यापार को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Export Trade)
जो कम्पनियाँ निर्यात व्यापार से जुड़ी होती है, उनके मार्केटिंग प्रबन्धक को विक्रय निर्यात का पूर्वानुमान करने से पूर्व विभिन्न कारकों पर विचार करना होता है। इन कारकों में सरकार की आयात-निर्यात नीति, निर्यात परिस्थितियाँ, निर्यात् फाइनेन्स, नये करार(New agreements) आदि निहित होती है।
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5. राजनीतिक स्थिरता (Political Stability)
यदि देश में राजनैतिक स्थिरता होगी तो व्यापार भी बहुत फलेगा फूलेगा। व्यापार से बाहर की स्थिति स्थिर रहेगी और पूर्वानुमान सही साबित होगा।
6. सरकारी प्रतिबन्ध (Government Restrictions)
आजकल प्राय: सभी देशों की सरकारें विभिन्न प्रतिबन्ध और नियन्त्रणों के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों में अधिक से अधिक बाधा डालती है। यदि ये प्रतिबन्ध/नियन्त्रण लम्बे समय के लिए हो तो पूर्वानुमान लगाना सरल हो जाता है। कम समयावधि के लिए पूर्वानुमान लगाना कठिन होता है।
7. राजस्व तथा मुद्रा नीति (Fiscal and Monetary Policy)
सरकार की राजस्व एवं मुद्रा नीति में बार-बार होने वाले परिवर्तन से पूर्वानुमान लगाना कठिन होता है। पूर्वानुमान के नजरिए से एक लचीली परन्तु कम आवृत्ति में परिवर्तन वाली राजस्व तथा मौद्रिक नीति प्राय: अच्छी मानी जाती है।
8. मल्य स्तर तथा चलन (Price Level and Trend)
मूल्य स्तर में जल्दी-जल्दी तथा अधिक परिवर्तन भी पूर्वानुमान पर खराब असर डालता है। स्थिर मूल्यों से पूर्वानुमान लगाना सरल होता है। विकास भी विक्रय पूर्वानुमान को प्रभावित करता है।
9. तकनीकी अनुसंधान तथा विकास (Technological Research and Development)
तकनीकी अनुसंधान तथा विकास भी विक्रय पुवार्नुसार को प्रभावित करती है
reference-https://www.demandjump.com/blog/what-are-the-factors-affecting-sales-forecasting
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