हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Pricing Policy in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
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मूल्य नीति (Pricing Policy)
नात “वह नीति जिसके द्वारा कम्पनी को अपने उत्पादों या सेवाओं के थोक तथा खुदरा मूल्यों का पता चलता मूल्य नीति कहलाती है”।
मूल्य निर्धारण (Pricing) मार्केटिंग क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण निर्णय है। उपक्रम के वित्तीय उद्देश्यों (financial objective के साथ मार्केटिंग गतिविधियों को जोड़ने में मूल्य निर्धारण के निर्णयों का महत्वपूर्ण स्थान है। मूल्य निर्धारण के निर्णयों के प्रभा होने वाले अत्यन्त महत्वपूर्ण चर (variables) निम्न है
1. बिक्री की मात्रा (Sales Volume)
2. लाभ मार्जिन (Profit Margin)
3. निवेश पर वापसी की दर (Rate of Return on Investment)
4. ट्रेड मार्जिन (Trade Margin)
5. विज्ञापन तथा बिक्री प्रचार (Advertising and Sales Promotion)
6. उत्पाद कल्पना (Product Image)
7. नया उत्पाद विका(new Product Development)
विक्रय मूल्य (Selling price) व्यापार में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि मूल्य स्तर (Price level)
(i) फर्म के मार्केट शेयर (share) तथा बिक्री की मात्रा (sales volume) को नियन्त्रित करता है।
(ii) कुल बिक्री राजस्व (Sales Revenue) जात करता है क्योंकि (बिक्री राजस्व = बिक्री की मात्रा x यूनिट मूल्य) को प्रभावित करती है
(iii) निवेश पर वापसी की दर को नियन्त्रित (recrualte) करता है जिसके द्वारा मल्य, बिक्री लाभप्रदता (profitability) को प्रभावित करता है।
(iv) वृहद उत्पादन (Mass production) में यूनिट लागत पर प्रभाव छोड़ता है।
मूल्य (Price)
मूल्य (Price) किसी उत्पाद या सेवा के मान को धन के रूप में व्यक्त करता है। जब क्रेता तथा विक्रेता मूल्य | पर सहमत हो जाये तब ही उत्पाद या सेवा के स्वामित्व का आदान प्रदान हो सकता है।
मूल्य निर्धारण के उद्देश्य (Objectives of Pricing) मूल्य निर्धारण के विभिन्न उद्देश्य निम्न है-
(i) लघु अवधि के लिए अधिकतम लाभ (Profit maximisation)
(ii) दीर्घ अवधि के लिए अभिष्ठतम लाभ (Profit optimisation)
(iii) बिक्री की मात्रा का लक्ष्य (Target sales volume)
(iv) मार्केट शेयर का लक्ष्य (Target market share)
(v) बाजार में गहरी पहुँच (Deeper penetration)
(vi) नये बाजारों में प्रवेश।
(vii) कुल उत्पादों पर लाभ का लक्ष्य (किसी उत्पाद विशेष के लाभ स्तर को छोड़ते हुए)
(viii) प्रतिस्पर्धा (competition) को जाँच में रखना,
(ix) शीघ्र नकद प्राप्ति तथा तेज रोकड़ प्रवाह,
(x) बाजार में मूल्य तथा मार्जिन को स्थिर बनाये रखना,
(xi) कमजोर वर्गों के लिए भी उचित मूल्यों पर सामान उपलब्ध कराना, तथा
(xii) सामान अथवा सेवाओं को ऐसे मूल्यों पर उपलब्ध कराना जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले।
मूल्य निर्धारण की विधि (Pricing Procedure)
मूल्य निर्धारण के पद, उसके उद्देश्य तथा फर्म द्वारा चयन की गई मूल्य निर्धारण विधि पर निर्भर करते हैं। सामान्यतया मूल्य निर्धारण के लिए प्रयोग होने वाले पद (steps) निम्न है
1. लक्षित ग्राहक समूह तथा उनके प्रोफाइल की पहचान करना
2. ब्रॉड (brand) के लिए मूल्य कल्पना (Price image) तथा वाँछित बाजार स्थिति निर्धारित करना।
3. उत्पाद की माँग पर मूल्य के प्रत्यास्थता की सीमा (Extent of Price-Elasticity) तथा लक्षित ग्राहक समूह के मूल्य संवेदनशीलता (Price Sensitivity) की सीमा ज्ञात करना।
4. विभिन्न लागतों का आँकलन (Estimate) करना।
5. उत्पाद की जीवन चक्र अवस्था (Life cycle stage) को गणना में लेना।
6. प्रतिस्पर्धियों के मूल्यों (Competitor’s prices) का विश्लेषण करना।
7. अन्य पर्यावरणीय कारकों (Environmental factors) का विश्लेषण करना।
8. उपरोक्त कारकों को ध्यान में रखते हुए अपनाये जाने वाली मूल्य निर्धारण विधि का चयन करना।
(9)निश्चित अन्तराल पर (periodically) मूल्य निधारण नाति तथा मूल निधारण विाध का पुनर्मूल्याकंन करना
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मूल्य निर्धारण को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Pricing)
मूल्य निर्धारण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्न है
(i) स्वस्थ व्यापार नियम (Fair trade laws)
(ii) विभिन्न उत्पादों के सरकार नियन्त्रित मूल्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञापित मूल्य (Nationally advertised prices and government restricted prices of different products)
(iii) वाँछित ग्राहक वर्ग (Desired customer clientele)
(iv) कम्पनी एकाधिकार (Company monopoly)
(v) उत्पादक द्वारा सुझाया गया मूल्य (Manufacturer’s suggested prices)
(vi) व्यापारी माल (Merchandises) का प्रकार,
(vii) बिक्री की प्रकृति (Nature of sales),
(viii) मूल्य परतें (Price lining),
(ix) अधिक मात्रा कम लाभ या कम मात्रा अधिक लाभ (Large volume with low unit profit or relatively small volume with high unit profit)
(x) वितरण के अनुकूल चैनल (Suitable channels of distribution)
(xi) विक्रय प्रचार योजना (Sales promotional strategy)
reference-https://www.encyclopedia.com/management/encyclopedias-almanacs-transcripts-and-
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