Information Technology items in hindi-सुचना तकनिकी आइटम हिंदी में

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Information Technology items in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होया है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

होटल मैनेजमेंट (Hotel Management)

होटलों में ग्राहकों से सम्बन्धित तथा उनकी प्राथमिकताओं से सम्बन्धित जानकारी करने, विभिन्न उपलब्ध स्वादिष्ट व्यंजनों एवं खाद्य आइटमों की सूची को स्टोर करने तथा गायक भोजन का ऑन-लाइन (On-line) ऑर्डर लेने के लिए कम्प्यूटर्स का बखबी प्रयोग होना

होटलों में कम्प्यूटर का प्रयोग वर्तमान में उपलब्ध कमरों की संख्या तथा उनके दैनिक दर . Rate) को भी स्टोर करन के लिए किया जा रहा हैं। होटलों में एकाउन्टिंग और बिलिंग (BT जैसे कार्यों को भी कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है। होटलों में प्रबन्धकीय कार्यों के उददेश्य से किसी खास समयावधि में हुए कुल आमदनी (Total Income) प्राप्त की गई विदेशी मुद्रा इत्यादि से सम्बन्धित रिपोर्टों को प्रिन्ट किया जा सकता है, जिनका प्रयोग भविष्य की योजनाओं हेत किया जा सकता है।

शिक्षा (Education)

शैक्षणिक संस्थानों में कम्प्यूटर का प्रयोग शिक्षण-सहायता (Teaching Aid) अनुसन्धान उपकरण (Research Tool) तथा एनालाइजिंग पद्धति (Analysing system) के रूप में होता है। जब कम्प्यूटर का प्रयोग शिक्षण-सहायता (Teaching aid) के रूप में किया जाता है, तो इसे कम्प्यूटर-असिस्टेड इन्सट्रक्शन (Computer-Assisted Instruction ICAI) कहा जाता है।

CAI के लिए अनेक सॉफ्टवेयर्स का प्रयोग शैक्षणिक कार्यों हेतु होता है। CAI सॉफ्टवेयर किसी क्षेत्र की जाँच (Test) करने के लिए कम्प्यूटर-स्क्रीन पर कछ प्रश्न पछता है तथा जब छात्र सही-सही उत्तर देता है, तो यह कुछ संवादों के माध्यम के प्रत्युत्तर देता है कि उत्तर सही है। यदि उत्तर गलत होता है, तो यह कुछ सिग्नल (Error Signal) देता है।

मल्टीमीडिया के आविष्कार से कम्प्यूटर आधारित टेनिंग (Computer Based Training) (CBTI) का प्रादुर्भाव हुआ, जो किसी छात्र को वांछित विषय को स्वयं सीखने में क्षमता प्रदान करता है। कम्प्यूटर का प्रयोग किसी खास टॉपिक पर अपने विचारों को इलेक्ट्रॉनिक प्रजेन्टेशन (Electronic Presentation) के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है।

इन्टरनेट  के आविष्कार के फलस्वरूप, यह सम्भव हो पाया है कि कोई भी व्यक्ति अपने कम्प्यटर से घर बैठे हा आन-लाइन पुस्तकालयों (On-lineLM से अपनी इच्छानसार किसी भी पुस्तक या पत्रिका को एस्केस कर पढ़ सकता है या फिर से पिंट भी कर सकता है।

इन्टरनेट, छात्रों को ऑन-लाइन लर्निंग (On-line Learning) और ऑन-लाइन ट्रेनिंग (On line Training) की सुविधा मुहैया करता है अत: कोई छात्र अपने कम्प्यूटर से अपने घर बैठे-बैठे ही अपना प्रश्न इन्टरनेट पर अपने शिक्षक से पूछ सकता है और अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकता है।

टेलीफोन एक्सचेन्ज (Telephone Exchange)

कम्प्यटरीकृत टेलीफोन एक्सचेन्ज बड़ी संख्या में टेलीफोन-कॉल्स (Telephone Calls) को हैण्डल (Handle) करता है। कम्प्यूटरीकृत टेलीफोन एक्सचेन्ज काफी तेजी से और बिना किसी गलती (Error) के टेलीफोन काल्स (Telephone Calls) का प्रबन्धन करते हैं जो मानवीय विधि से सम्भव नहीं है।

साथ ही ये किसी विशेष एक्सचेन्ज अथवा नेटवर्क को उद्यत प्रयोग (Prompt Use) के लिए अन्य एक्सचेन्जेज अथवा नेटवर्क्स से सम्बद्ध (link) कर सकते हैं कम्प्यूटरीकृत टेलीफोन एक्सचेन्ज में उपग्रहों (Satellites) के माध्यम से टेलीफोन कॉल्स (Telehpone Calls) को अत्यन्त तीव्र गति से ट्रान्समिट (Transmit) किया जाता है।

इसमें कम्प्यूटर बाद में तैयार किये जाने वाले बिल (Bill) के लिए कॉल्स (Calls) का लॉग (log) भी मेनटेन कर सकता है। कॉन्फ्रेन्सिंग (Call Conferencing) इत्यादि सुविधाएँ सूचना तकनीक (Information Technology) के प्रयोग से ही सम्भव हो पायी है। आजकल ये सुविधाएँ बहुत ही कम मूल्य पर मुहैया की जा रही है

इन्फॉर्मेशन कियोस्क (Information Kiosks) का तात्पर्य उस स्थान से होता है; जहाँ से कोई भी व्यक्ति इन्टरनेट का प्रयोग कर ई-मेल भेज सकता है, इन्टरनेट को सर्फ (Surf) कर सकता है, कम्प्यूटर पर ऑन-लाइन गेम खेल सकता है अथवा अपने वैयक्तिक कार्य को कर सकता है।

इन स्थानों पर कोई भी व्यक्ति कम्प्यूटर का उपयोग जितने समय के लिए करता है, उस समय के लिए कम्प्यूटर का किराया (Rent) देता है। आजकल इन्फॉर्मेशन कियोस्क (Information Kisoks) का उपयोग अधिकतर ई-मेल भेजने, रिसीव किए गए मेल को चेक करने और इन्टरनेट को सर्फ (Surf) करने के लिए किया जाता है।

चलचित्रों के विशेष प्रभाव डालने में (Special Effect in Movies)

आजकल चलचित्र (फिल्म) उद्योग में कुछ खास दृश्यों में एनिमेशन (Animation) और विशिष्ट प्रभावों को डालने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है। विज्ञापन उद्योग (Advertisement Industry) में भी कम्प्यूटर का प्रयोग विभिन्न उत्पादों (Products) के विज्ञापन में विशिष्ट प्रभाव को डालने के लिए किया जाता है।

किसी भी उत्पाद को विज्ञापन फिल्म के दृश्य में विशिष्ट प्रभावों को डालने के लिए मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, मॉर्मिंग (Morphing) एक विशिष्ट प्रभाव है, जिसमें ऐसा प्रतीत होता है कि एक इमेज (Image) से दूसरी इमेज (Image) निकल रही है। जैसे, किसी शेर की इमेज को मनुष्य के इमेज में बदलते हए देखना या किसी मनुष्य की इमेज को शेर की इमेज में बदलते हुए देखना।

डुप्लीकेट’ नामक हिन्दी फिल्म में ऐसे दृश्य हैं, जिनमें एक साथ एक ही समय दो शाहरुख खान को दिखाया गया है। इन दृश्यों में मल्टीमीडिया के विशेष प्रभाव को डाला गया है। ‘जुरासिक पार्क (Jurasic Park) नामक अंग्रेजी फिल्म में डायनासोर (Dinosaurs) को मल्टीमीडिया में टाइटेनिक (जहाज) को टूटते हुए दर्शाने में भी मल्टीमीडिया का विशिष्ट प्रभाव का प्रयोग किया गया है। कार्टून फिल्मों में भी मल्टीमीडिया के विशेष प्रभावों का प्रयोग किया जाता है।

मौसम की भविष्यवाणी

मौसम की भविष्यवाणी करना काफी लम्बे समय से एक कठिन कार्य रहा है। कम्प्य मीटिओरोलॉजी (Meterology) अर्थात् अन्तरिक्ष विज्ञान की सबसे बड़ी समस्या भविष्य (Prediction) का समाधान कर दिया है। इसके अन्तर्गत पर्याप्त डेटा को प्राप्त कर उसे विश्लेषित (Analyse) करके मौसम की भविष्यवाणी करने में प्रयोग किया जाता है।

(Satellites) के सीधे-सीधे जड़े कम्प्यूटर अब अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों (Meterologist और समुद्रों में स्थित विभिन्न वेदर स्टेशन्स (Weather Stations) से प्राप्त डेटा के अतिरिक वांछित इन्फॉर्मेशन भी तेजी से उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार अन्तरिक्ष वैज्ञानिक वांछित और इन्फॉर्मेशन को हासिल करने के पश्चात् कम्प्यूटर की सहायता से डेटा को एनालाइज और पर रही अधिक सही-सही भविष्यवाणी करते हैं अंतरिक्ष वैज्ञानिक मौसम के पिछले मैनेजर आधार पर, कम्प्यूटर की सहायता से लम्बे समय के लिए भी मौसम की भविष्यवाणी

पुस्तकालयों में (In Libraries)

पुस्तकालयों में प्रबन्धन में कम्प्यूटर्स का प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। पुस्तकालयों में कम्प्यूटर्स का प्रयोग अपने सदस्यों को दी गई पुस्तकों (Issued Books) का रिकॉर्ड मेनटेन करने किताबों के जमा करने की अंतिम तिथि के पश्चात् लेट फाइन (Late fine) कैल्कुलेट करने, किसी सदस्य को दी जाने वाली पुस्तकों की निर्धारित संख्या के अधिक नहीं दिए जाने की सुनिश्चितता करने. इत्यादि के लिए किया जाता है।

किसी पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की सूची का विषय के अनुसार देखने की सुविधा भी कम्प्यूटरीकृत लाइब्रेरी मैनेजमेंट में उपलब्ध होती है। आज तो कई ऐसे पुस्तकालय हैं, जो इन्टरनेट तथा अन्य नेटवर्क से जुड़े हुए हैं तथा जिनमें उपलब्ध किसी भी पुस्तक और प्रिंट भी कर सकता है। को कोई व्यक्ति किसी भी जगह से रिमोटली एक्सेस (Remotely Access) कर उसे पढ़ सकता है

किताबों के प्रकाशन में (Publication of Books)

प्रकाशन उद्योग में कम्प्यूटर ने क्रान्ति ला दी है। आज के परिप्रेक्ष्य में लेखकों द्वारा किताबा । हस्तलिपि (Manuscript) को तैयार करने, किताब के टैक्स्ट को फॉर्मेट करने, किताबम चित्रणों, तस्वीरों और तालिकाओं को बनाने तथा किताबों के कवर पेजों (Cover Pages) का में कम्प्यूटर को प्रयोग किया जाता है।

लेखक पुस्तक की हस्तलिपि (Manuscript) को तयार के लिए वर्ड-प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर; जैसे-एमएस-वर्ड (Ms-word) का प्रयोग करत ह पश्चात टाइप-सेटर (Type-setter) किताब के टैक्स्ट को फॉर्मेट करता है। पुस्तक में वा (Illustrations) और तस्वीरों को कलाकार (Artist) के द्वारा वांछित जगह पर बनाया जा सके उसके पश्चात पस्तक के पेजों को लेजर-प्रिन्टस से प्रिन्ट किया जाता है तथा अन्त में पुस्तक की अंतिम कॉपी (Final Copy) को प्रोसेस के लिए निगेटिव (फोटो फिल्म) के कवर, Cover Pages) बनाने के लिए ग्राफिक सॉफ्टवेयर, जैसे-कोरल डॉ (Corel DRA इलस्ट्रेटर (Illustrator) आदि को प्रयोग किया जाता है। कवर पेजों को कलर प्रिन्टिंग के विशेष  द्वारा प्रिंटिंग प्रेस में प्रिंट किया जाता है।

कार्यालयों में (In Offices)

कार्यालयों में कम्प्यूटर का प्रयोग पत्र लिखने, आवेदन लिखने, विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट तैयार करने ,विभिन्न प्रकार के फॉर्म (Forms) बनाने, स्मारक-पत्र (Momoarandum) लिखने इत्यादि हर किया जाता है। कार्यालयों में प्रबन्धकों और उच्च-स्तरीय अधिकारियों के द्वारा कम्प्यूटर का प्रयोग विभिन्न लोगों से मिलने या बात करने के लिए, कार्यों को समयानुसार सुनियोजित करने के लिए भी किया जाता है।

उपरोक्त कार्यों को सम्पादित करने के लिए कार्यालयो में सामान्यत: एमएस ऑफिस (MS-Office) पैकेज के वर्ड, पब्लिशर और आउटलुक जैसे एप्लीकेशन्स का प्रयोग किया जाता है। कार्यालयों में कम्प्यूटर के प्रयोग से कागज-रहित कार्यालय (Paper-less Office) की अवधारणा साकार हो सकी है। इस तरह के कार्यालय में कम जगह और कर्मचारियों की आवश्यकता तो होती है। साथ ही कार्य कहीं कम खर्च में तेजी से सम्पादित किए जाते हैं।

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