हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको financial management in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
वित्तीय प्रबन्धन(FINANCIAL MANAGEMENT)
वित्तीय प्रबन्धन की संकल्पना (Concept of Financial Management)
प्रत्येक व्यवसायिक उपक्रम को चाहे उसकी प्रकति एवं स्तर कछ भी क्यों न हो, अपनी गतिविधियों को चलाने के लिए एवं अपने व्यावसायिक उद्देश्यों की पर्ति के लिए वित्त (Finance) की आवश्यकता होती है। कोई भी व्यापारिक उपक्रम जब तक सफल नही हो सकता, जब तक उसके पास मिलने वाले अवसरो (Opportunities) का लाभ उठाने के लिये पर्याप्त धन न हो | वित्त किसी भी व्यवसाय की जीवन रेखा है।
इसलिए वित्त का प्रबन्धन व्यापार में धन के आवंटन में, वित्त की सम्भावित आवश्यकताओं के आगणन में वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने में मुख्य भूमिका निभाता है। वित्त का प्रबन्धन किसी उद्योग की सफलता तथा असफलता को सनिश्चित करता है। किसी भी औद्योगिक संगठन के मख्य आर्थिक उद्देश्य व्यापार को चलाने (Survival), वृद्धि करने तथा लाभ कमाने का होता है। इन उद्देश्यों की पूर्ति वित्त के दक्ष प्रबन्धन से ही संभव है।
“वित्त प्रबन्धन मुख्यत: किसी उपक्रम के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक धन जुटाने तथा उसे प्रभावी ढंग से उपयोग करने का विज्ञान है।”
व्यापार को चलाने तथा वृद्धि करने के लिए आवश्यक वित्त/धन की प्राप्ति विभिन्न स्रोतों से की जाती है। जैसे उत्पाद की बिक्री से प्राप्त प्रत्यक्ष धन से, बैंक द्वारा दिये गये ऋण से, प्रतिभूतियों (Securities) और बन्ध-पत्रों (Bond forms) आदि की ब्रिकी के फलस्वरूप धन की प्राप्ति से, आदि।
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उपरोक्त धन का प्रयोग व्यापार की विभिन्न गतिविधियों जैसे मशीन, उपकरण, औजार, कच्चामाल आदि खरीदने, कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने, विज्ञापन, मार्केटिंग आदि कार्यों में होता है।
परिभाषा (Definitions)
“वित्तीय प्रबन्धन, प्रबंधकीय विज्ञान (Management Science) की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध उद्योग की अर्थव्यवस्था का नियोजन (Planning), वित्त-व्यवस्था (Financial arrangement) आंवटन (Allotment) और इसक नियन्त्रण (Controlling) करने से होता है।”
होगलैण्ड (Hoagland) के अनुसार, “वित्तीय प्रबन्धन का आशय है कि कोई उद्योग या निगम (Corporation) कैसे धन एकत्र करता है और कैसे उसका उपयोग करता है।”
मोक. शुल्ज तथा शुकेत (Mock, Schultz and Shuckect) के अनुसार,” वित्तीय पबन्धन का अभिप्राय, काशल (Skill) का उपयोग पूँजी (Funds) के लेन-देन (Manipulation) उपयोग तथा नियन्त्रण में करने से है।”
वित्तीय-प्रबन्धन का मुख्य कार्य वित्तीय समस्याओं को देखना, परखना, उनका विश्लेषण करना तथा धन का उपचा उद्देश्यपूर्ण प्रयोग करके व्यपार या उपक्रम को लाभ पहुँचाना है।
reference-https://www.netsuite.com/portal/resource/articles/financial-
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