हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Effects of energy on climate in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
ऊर्जा का उपयोग करने से जलवायु पर होने वाले प्रभाव
उर्जा का उपयोग करने से जलवायु में परिवर्तन होने की समस्या उत्पन्न हो रही है। जैसे कि समुद्र के स्तर का बदना, मौसम में परिवर्तन, बाढ़, सूखा तथा तूफान आदि।
इन सभी परिवर्तनों के पीछे वातावरण में ग्रीन हाऊस गैसों का उत्पन्न होना है, जो कि पूरे विश्व में पानय को विभिन जरूरतों के कारण है। जैसे कि गैर-नवीकरणीय ऊर्जा के स्त्रोतों का ईंधन के रूप में उपयोग कर बिजली उत्पन करना, परिवहन के लिये उपयोग करना या ऊष्या उत्पन्न करने के लिये।
गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का दहन करने से प्रदूषण उत्पन होता है, जोकि वातावरण व मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।
मानव द्वारा उर्जा उपयोग के कारण पूरे विश्व में सबसे ज्यादा ग्रीन हाऊस गैस उत्पन्न होती है। लगभग उर्जा का 2/3 भाग पूरे विश्व में ग्रीन हाऊस गैस उत्पन्न होने के पीछे गैर-नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का उपयोग बिजली उत्पन करने के लिये, परिवहन के उपयोग के लिये या ऊष्मा उत्पन करने के लिये होता है। वर्ष 2015 में यूरोप में ऊर्जा प्रक्रम (Process) के कारण 78% ग्रीन हाऊस गैसे उत्पन्न हुई।
हमारे द्वारा ऊर्जा का उपयोग करने या ऊर्जा को उत्पन्न करने के कारण जलवायु में काफी अधिक परिवर्तन उत्पन्न हो रहे है। जलवायु परिवर्तन के कारण हमारी उर्जा उत्पन्न करने की क्षमता,उर्जा उपयोग करने की क्षमता में बदलाव आ रहा है। जैसे कि जल साइकिल में परिवर्तन होने के कारण जल उर्जा पर प्रभाव, अधिक तापमान तथा अधिक तापमान के कारण गर्मी कुलिंग के लिए अधिक का उपयोग; जबकि सर्दियों में हिटिंग के लिये ऊर्जा की आवश्यकता में कमी आई है।
भारत में ऊर्जा का भविष्य (Indian Energy Scenario)
भारत में सबसे अधिक उर्जा कोयले से बनती है। लगभग 55% प्राथमिक का उत्पादन कोयले से होता है पिछले कुछ सालों से प्राथमिक उर्जा के उत्पादन में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 10% (1994) में से बढ़कर 13% (1999) तक पहुंच गई है। प्राथमिक ऊर्जा उत्पादन में तेल की हिस्मोदारी 20% से गिरकर 17% रह गए है
ऊर्जा आपूर्ति (Energy supply)
कोयला (Coal)-भारत के पास कोयले का विशाल भंडार है। लगभग 84.396 मिलियन टन निकालने योग्य कोयला 2003 अन्य तक था। यह दुनिया के भंडार का लगभग 86% है तथा आज के उत्पादन के हिसाब से यह लगभग 230 साल के बाद समाप्त हो सकता है दुनिया के पास आज के उत्पादन के हिसाब से लगभग 192 वर्ष के बाद समाप्त हो सकता है
भारत दुनिया में कोयला और लिग्नाइट का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है। कोयले का उत्पादन ज्यादातर आध प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल में केन्द्रित है।
तेल आपूर्ति (Oil Supply)-भारत के कुल उर्जा खपत में तेल की हिस्सेदारी लगभग 36% है। आज भारत दुनिया के शीर्ष दस तेल-उत्पादक देशों में से एक है और जल्द ही चीन और जापान के बाद एशिया तेल के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में कोरिया से आगे निकल जायेगा।
देश में अधिकतम कच्चे तेल का उत्पादन लगभग 7 मिलियन टन होता है जबकि वर्तमान में अधिकतम डिमांड लगभग 110 मिलियन टन की है। वर्तमान स्थति को देखते हुये 2007 के अंत तक भारत के तेल की खपत 136 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है। जिसमें से घरेलू उत्पादन केवल 34 मिलियन टन है।
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- what is energy in hindi-उर्जा क्या होती है ?
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भारत को कच्चे तेल के प्रति बैरल 50 डॉलर के औसत मूल्य का अनुमान लगाते हुये लगभग 50 बिलियन डालर की भारी रकम तेल पर चुकानी पड़ती है। 2003-04 में 64 बिलियन डॉलर के कुल निर्यात के मुकाबले, तेल आयात में 21 विलीयन डालर का योगदान था भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 70% मुख्य रूप से खाड़ी देशों से आयात करता है
तेल भंडार में भारत का लगभग 5.4 बिलियन बैरल हिस्सा बॉम्बे हाई. ऊपरी असम, कैम्बे , कृष्ण-गोदावरी में स्थित है। क्षेत्रो के हिसाब से पेट्रोलियम उत्पाद की खपत 42% परिवहन पर, 24% उघोग पर है भारत ने 2004के अंत तक तेल आयात पर 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये।
प्राकृतिक गैस की आपूर्ति (Natural Gas Supply)
देश में उर्जा की खपत में प्राकृतिक गैस को खपत लगभग 8.9 प्रतिशत है। प्राकृतिक गैस की मौजूदा मांग 67 mcmd की उपलव्यता के मुकाबले ल भग 96 मिलियन क्योकि मीटर प्रति दिन (mcmd) है 2007 तक मांग लगभग 200mcmd होने की उम्मीद है। प्राकृतिक गैस भडार लगभग 660 बिलियन क्यूविक मीटर है
विद्युत ऊर्जा की आपूर्ति (Electrical Energy Supply)
पूरे भारत की विद्युत ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता 1,12,581 मेगावाट 31 मई 2004 को थी। जिसमें 28.860 मेगावाट हाइड्रो, 77931 मेगावाट थर्मल, 2720 मेगावाट परमाणु तथा 1869 मेगावाट पवन ऊर्जा थी। वर्ष 2002-2003 में बिजली का सकल उत्पादन 531 बिलियन यूनिट (KWh) था।
परमाणु ऊर्जा आपूर्ति (Nuclear Power Supply)
भारत के उर्जा उत्पादन में 2.4 प्रतिशत हिस्सा परमाणु ऊर्जा का है। भारत में पांच परमाणु पॉवर स्टेशन पर 10 परमाणु पावर रिएक्टर के द्वारा विजली का उत्पादन होता है। तथा निर्माण के लिए अधिक परमाणु रिएकारो को मंजूरी दी गए है
हाइड्रो पावर सप्लाई (Hydro Power Supply)
भारत में पानी के द्वारा ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता काफी अधिक है परन्तु अब तक केवल 15%जल के द्वारा ही बिजली का उत्पादन होता है। देश की कुल उत्पन इकाइयों में पनबिजली की हिस्सेदारी में लगातार कमी आई है और यह वर्तमान में 31 मई 2004 को 25% है।
ऊर्जा की खपत को नीचे दी गई सारणी में दर्शाया गया है
Final Energy Consumption
units | 1994-95 | 2001-02 | 2006-07 | 2011-12 |
Billion units | 289.36 | 480.08 | 712.67 | 1067.88 |
Million Tones | 76.67 | 109.01 | 134.99 | 173.47 |
Million Tones | 4.85 | 11.69 | 16.02 | 19.70 |
Million cubic meters | 9.880 | 15730 | 18291 | 20853 |
Million Tones | 63.55 | 99.89 | 139.95 | 196.47 |
reference- https://en.wikipedia.org/wiki/Climate_and_energy
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