हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट What is System Cell in hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है
सिस्टम कॉल
सिस्टम कॉल किसी भी प्रोसेस एवम् ऑपेरिटंग सिस्टम के मध्य इंटरफेस प्रदान करता है। यह एक यूजर प्रोग्राम के लिए एक बेहतर सर्विस है जो ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा दी जाती है। ऑपरेटिंग सिस्टम अपनी बेहतर सर्विस प्रदान करने के लिए उपयोग होता है, जैसे कि प्रोसेस मैनेजमेन्ट, फाइल मैनेजमेन्ट, डिवाईस मैनेजमेन्ट एवम् सूचना प्रसारण का कार्य।
इन सभी सर्विस का प्रयोग सिस्टम कॉल (system call) की मदद से उपयोग करते हैं। उपयोक्त दी गई ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रत्येक सर्विस के लिए अलग-अलग सिस्टम कॉल का उपयोग होता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम इस बात का ध्यान रखता है कि यूजर प्रोग्राम द्वारा कैसी माँग आती है। उसकी जरूरत के अनुसार उस निश्चित् सिस्टम कॉल का उपयोग कर वह यूजर द्वारा निश्चित् कार्य को पूर्ण किया जाता है।
किसी प्रोग्राम में किसी फाइल को खोलना, उसमें कुछ लिखना तथा उसमें कई तरह के ऑपरेशन करना फिर अन्त में बन्द कर देना। यह सभी कार्य प्रोग्राम के क्रियान्वन के समय क्रमानुसार सिस्टम कॉल का उपयोग करते हैं। सबसे पहले सिस्टम कॉल के अनुसार स्क्रीन पर यूजर से फाइल का नाम एवम् क्या डाटा लिखा जाना है, वह पूछा जाता है।
फिर जैसे ही यूजर की- बोर्ड के माध्यम से डाटा उपलब्ध कराता है फिर से सिस्टम कॉल होती है। जैसे ही निश्चित् फाइल को ढूँढने के पश्चात् खोलते हैं तो फिर से सिस्टम कॉल होती है। फाइल में लिखना एक नई सिस्टम कॉल और अन्त में सिस्टम कॉल सभी कार्यों को पूर्णतः खत्म करने के लिए होती
उपरोक्त प्रोग्राम के क्रियान्वयन में हर एक स्थिति पर सिस्टम कॉल होती है। अगर किसी प्रोग्राम के क्रियान्वन के समय कोई भी Error आता है तो उसके लिए फिर सिस्टम कॉल होती है। जैसे प्रोसेस टर्मिनेट होना एक सिस्टम कॉल है। हार्डवेयर का फेल होना भी सिस्टम कॉल के माध्यम से स्क्रीन पर डिस्प्ले होता है।
सिस्टम कॉल एक तरह का कोड है जो फंक्शन एवम् सबरूटीन (Function and Subroutine) को रन टाइम (Run time) में कार्य करता है। इनपुट डिवाईस के द्वारा कोई भी इवेन्ट प्रोसेस के क्रियान्वयन में सिस्टम कॉल होता है।
किसी भी तरह का कार्य चाहे वह फाइल खोलना, डिलीट करना, पढ़ना, लिखना, डाईरेक्ट्री का प्रबन्धन करना इत्यादि सिस्टम कॉल के द्वारा करते हैं। प्रत्येक ऑपरेटिंग सिस्टम में विभिन्न सिस्टम कॉल को अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
सिस्टम कॉल के प्रकार (Types of system call )
1. प्रोसेस प्रबन्धन (Process management)
सिस्टम कॉल, प्रोसेस प्रबन्धन के अन्तर्गत किसी नई प्रोसेस को (create) किया जाता है। पहले से क्रियान्वित प्रोसेस को टर्मिनेट किया जाता है। प्रोसेस के संलग्नक को क्रियान्वित करते हैं।
2. फाइल प्रबन्धन (File management)
इसके अन्तर्गत फाइल को बनाना, फाइल को मिटाना, को खोलना एवम् फाइल को बन्द करना, फाइल को पढ़ना तथा लिखने का कार्य सिस्टम कॉल के द्वारा करते हैं।
3. डिवाईस प्रबन्धन (Device management )
डिवाईस प्रबन्धन के अन्दर, डिवाईस के लिए रिक्वेस्ट (Request) करना, डिवाईस को रिलीज करना एवम् रीड एवम् राईट ऑपरेशन का कार्य भी सिस्टम कॉल की मदद से करते हैं।
4. सूचना प्रबन्धन (Information maintenance)
सूचना प्रबन्धन, सभी सूचनाओं का प्रसारण प्रोसेस डाटा, समय, तारीख एवम् यूजर के मध्य सूचनाओं का प्रसारण भी सिस्टम कॉल के द्वारा करते हैं।
5. प्रसारण (Communication)
प्रसारण को शुरू करना, प्रसारण को खत्म करना तथा प्रसारण के समय सूचना को पढ़ना, लिखना भी सिस्टम कॉल की मदद से करते हैं।
सिस्टम प्रोग्राम (System Program)
सिस्टम कॉल के अतिरिक्त कम्प्यूटर सिस्टम में विभिन्न प्रकार के सिस्टम प्रोग्राम होते हैं। यह सिस्टम प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम एवम् ऐप्लिकेशन प्रोग्राम के मध्य इंटरफेस का कार्य करता है। सिस्टम प्रोग्राम एक बेहतर वातातरण प्रदान करता है जिससे सभी तरह के ऐप्लिकेशन प्रोग्राम का विकास किया जा सके एवम् बेहतर क्रियान्वन की सुविधा प्रदान की जा सके। सिस्टम प्रोग्राम को अलग-अलग श्रेणी में बाँटते हैं-
1. फाइल प्रबन्धन (File management )
सिस्टम प्रोग्राम फाइल प्रबन्धन के लिए कुछ कमाण्ड का उपयोग करते हैं—जैसे कि कट (cut), कॉपी (copy), लिस्ट (list), प्रिन्ट (print) इत्यादि । ये सब ऑपरेशन फाइल एवम् डाईरेक्ट्री के प्रबन्धन में कार्य करते हैं।
2. फाइल परिवर्तन (File modification)
सिस्टम प्रोग्राम फाइलों में परिवर्तन के लिए, फाइलों में नया डाटा बनाने के लिए, पहले से रखे डाटा में परिवर्तन करने के लिए उपयोग करते हैं। टेक्स्ट एडीटर (Text Editor) इसका मुख्य उदाहरण है।
3. प्रसारण (Communication )
प्रसारण में सिस्टम प्रोग्राम का कार्य यूजर के मध्य एवम् प्रोसेस तथा सिस्टम के साथ एक वर्चुअल कनेक्शन प्रदान करना जिससे प्रसारण का कार्य आसानी से हो सके। इस प्रोग्राम की मदद से यूजर कोई भी मैसेज को दूसरे यूजर को आसानी से भेज सकता है।
4. सूचनाओं की स्थिति (Status information)
सिस्टम प्रोग्राम का उपयोग, कम्प्यूटर सिस्टम की स्थिति की जानकारी रखता है, जैसे कि सिस्टम की तारीख, समय एवम् एक साथ कितने यूजर जुड़े हुए हैं। सी० पी० यू० का यूटिलाईजेशन, डिस्क एवम् मेमोरी का उपयोग व सूचनाओं की स्थिति पर भी ध्यान रखता है।
5. प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सपोर्ट (Programming language support)
विभिन्न प्रकार की प्रोग्रामिंग यूजर लैंग्वेज, विभिन्न सिस्टम प्रोग्राम को मदद देती है, जैसे-कम्पाइलर, असेम्बलर, इंटरप्रेटर इत्यादि। यह सिस्टम प्रोग्राम को ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ही प्रदान किया जाता है।
6. प्रोग्राम का क्रियान्वयन (Program execution )
किसी भी प्रोग्राम को लोड करना उसका क्रियान्वयन करना सिस्टम प्रोग्राम का कार्य है। किसी भी प्रोग्राम को कम्पाईल (compile) करने के पश्चात् लोड (Load) करने की आवश्यकता होती है जो प्रोग्राम को मुख्य मेमोरी में लोड करे।
यह कार्य लोडर (Loader) की मदद से करते हैं। सिस्टम प्रोग्राम विभिन्न प्रकार के लोडर (Loader) उपयोग करता है जैसे कि Absolute loader, relocatable loader इत्यादि। लोडिंग (Loading) के पश्चात् प्रोग्राम को दोष मुक्त किया जाता है जिसे हम (Debugging) कहते हैं। दोष-मुक्त Debugging का कार्य Debugger के द्वारा करते हैं।
reference – https://starwars.fandom.com/wiki/System_cell#:~:text=A%20system%20cell%20was%
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