OS Structure in hindi-ऑपरेटिंग सिस्टम की संरचना

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट OS Structure in hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है

ऑपरेटिंग सिस्टम की संरचना

आज के समय ऑपरेटिंग सिस्टम को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया जाता है। क्योंकि भविष्य में घटित कोई भी संरचनाओं (Structure) को आसानी से जोड़ा जा सके।

ऑपरेटिंग सिस्टम की कुछ और सुगम्यता कार्यात्मकता (Functionality) जैसे कि दीर्घकालीनता (Reliability), संपर्क स्थलीयता (Portability) (Accessibility) को भविष्य के निर्माण में ध्यान रखकर किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम की संरचना की जाती है।

1. ऑपरेटिंग सिस्टम की एकाश्म (Monolithic) संरचना

पहले के ऑपरेटिंग सिस्टम की संरचना सिर्फ एक भाग (part) द्वारा ही संचालित होती थी। सभी कार्य सिर्फ एक भाग (part) द्वारा ही पूर्ण किये जाते थे। मोनोलिथिक (Monolithic) संरचना का सोर्स कोड भी एक ही भाग में समाहित होते थे।

फिर चाहे मेमोरी का कार्य हो या प्रोसेस का प्रतिभाग करना अथवा इनपुट / आउटपुट का परिचालन ही क्यों न हो सभी एक ही भाग में कार्य करते थे।

चित्र 1.10

कमियाँ (Drawbacks)

ऑपरेटिंग सिस्टम के सारे प्रकार्य (Functionality) का एक-दूसरे के समयोजन से एक का प्रकार्य (Functionality) दूसरे के प्रकार्य (Functionality) में मिलकर बाधा पहुँचाती है, क्योंकि दोनों का व्यवहार अलग-अलग होता है

जिससे सही संयोजन का विकास न हो पाने से ऑपरेटिंग सिस्टम का संचालन धीमा हो जाता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रथम परत संरचना (Layered Structure of Operating System)

ऑपरेटिंग सिस्टम की परत संरचना में सभी प्रकार्य (Functionality) को विभिन्न भागों में विभाजित करते तथा ऐसा करने से एक का प्रकार्य (Functionality) दूसरे के प्रकार्य (Functionality) में बाधा नहीं पहुँचाती। ऑपरेटिंग सिस्टम परत एवम् हार्डवेयर के मध्य एक बारीक सा अन्तराल (Gap) होता है, ताकि हार्डवेयर का प्रकार्य (functionality) और ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रकार्य (functionality) समान न हो। इस अन्तराल (Gap) को सिमेन्टिक गेप (Semantic Gap) कहते हैं।

चित्र 1.11 : परत संरचना

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सिमेन्टिक अन्तराल (Semantic Gap)

सिस्टम के सॉफ्टवेयर और मशीन दोनों के क्रियाकलाप के स्वभाव के अन्तर को ही सिमेन्टिक अन्तराल (Semantic Gap) करते हैं। 

द्वितीय परत ऑपरेटिंग सिस्टम की संरचना (Two layer structure of operating system)

 द्वितीय परत ऑपरेटिंग सिस्टम की संरचना, पूर्व में दिये गये एकांकी परत संरचनाओं की कमियों को दूर करने के लिए विकसित किया गया। पहले एकांकी परत की संरचना में दिये गये सिमेन्टिक गेप (Semantic Gap) को कम से कम करने की कोशिश की गई है।

चित्र 1.12: हार्डवेयर मशीन

द्वितीय परत संरचना में सिमेन्टिक गेप (Semantic gap) को कम से कम करने के लिए विस्तारित मशीन (Extended machine) जो कि हार्डवेयर का एक्सटेन्शन (extension) है उसका प्रयोग किया गया है।

इसमें एक परत अपने नीचे दी गई दूसरी परत का उपयोग करता है। इससे यूजर (user) को ज्यादा से ज्यादा कार्य क्षमता प्रदान की जाती है। आज के समय प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम इसी द्वितीय परत ऑपरेटिंग सिस्टम की संरचना पर कार्य करते हैं।

reference – https://www.geeksforgeeks.org/different-approaches-or-structures-of-operating-systems/

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