High Level Language in hindi-हाई लेवल लैंग्वेज क्या है हिंदी में

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट High Level Language in hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है

उच्च स्तरीय भाषा(High Level Language)

Computer प्रोग्राम जो हम उपयोग करते हैं, उसे उच्च स्तरीय भाषा में तैयार किया जाता है। उच्च स्तरीय भाषा में प्रोग्राम तैयार करना आसान होता है। लैंग्वेज ट्रान्सलेटर (Language translator) सॉफ्टवेयर द्वारा स्तरीय भाषा को मशीन भाषा में बदला जाता है। इसे लैंग्वेज प्रोसेसर (Language processor) भी कहते हैं।

उच्च स्तरीय भाषा में तैयार किया प्रोग्राम सोर्स प्रोग्राम कहलाता है, जबकि Translator software द्वारा मशीनी भाषा में convert प्रोग्राम Object code या Machine code कहलाता है।

लैंग्वेज ट्रान्सलेटर सॉफ्टवेयर निम्न प्रकार के होते हैं-

(a) असेम्बलर (Assembler)

(b) कम्पाइलर (Compiler)

(c) इंटरप्रेटर (Interpreter)

(a) असेम्बलर (Assembler)

यह एक प्रोग्राम है जो असेम्बली या निम्न स्तरीय भाषा में लिखे प्रोग्राम को मशीन भाषा में convert करता है। असेम्बली, भाषा में लिखे प्रोग्राम के सोर्स कोड (Source code) को मशीन या Object code में बदलता है।

यह मशीन कोड को एक जगह पर Assemble करता है तथा उस एकत्रित कोड को मेमोरी में स्थापित करके के तैयार करता है।

डायग्राम

(b) कम्पाइलर (Compiler)

यह एक लैंग्वेज ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर है जो उच्च स्तरीय भाषा (High level language) में तैयार प्रोग्राम को मशीनी भाषा (Machine language) में convert करता है।

कम्पाइलर पूरे प्रोग्राम को एक ही बार में अनुवादित करता है तथा प्रोग्राम की सभी गलतियों को उनके लाईन क्रम में एक साथ सूचित करता है।

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(c) इंटरप्रेटर (Interpreter )

कम्पाइलर की तरह इंटरप्रेटर भी एक लैंग्वेज ट्रान्सलेटर सॉफ्टवेयर है। इंटरप्रेटर सॉफ्टवेयर उच्च स्तरीय भाषा में तैयार किए गए प्रोग्राम को मशीनी भाषा में convert कर क्रियान्वित करता है। इंटरप्रेटर उच्च स्तरीय भाषा में तैयार प्रोग्राम की प्रत्येक लाईन को एक-एक कर मशीनी भाषा में convert करता है।

तत्पश्चात् क्रियान्वित (Execute) करता है। यदि क्रियान्वयन के समय कोई Error आ जाता है तो उस Error को तुरन्त उसी समय इंगित (Point out) करता है तथा Correction के बाद ही अगली लाईन को मशीन भाषा में convert करता है।

इंटरप्रेटर का Output ऑब्जेक्ट प्रोग्राम न होकर सॉफ्टवेयर क्रियान्वन(implementation) का परिणाम होता है। इस तरह प्रत्येक बार साफ्टवेयर को क्रियान्वयन के समय इंटरप्रेटर से होकर जाना पड़ता है।

डायग्राम

उच्च स्तरीय भाषा (Trane & Execute) प्रोग्राम का क्रियान्वयन

 Compiler(कम्पाइलर)Interpreter(इंटरप्रेटर)
1.पूरे प्रोग्राम को एक साथ convert करता है।प्रोग्राम को प्रत्येक लाईन को एक-एक कर Translate करता है।
2,प्रोग्राम को Machine language में बदलकर सभी प्र Error बताता हैप्रत्येक लाइन को Translate करते ही Errors एक साथ बताता है। तथा उस Error के दूर होने पर ही आगे बढ़ता है।
3.प्रोग्राम को मशीन भाषा में बदलता है, परन्तु उसका  क्रियान्वयन नहीं करताप्रोग्राम को मशीन भाषा में Translate करके उसका क्रियान्वयन भी किया जाता है।
4.Error को हटाने में Slow होता है।Error को हटाने में Fast होता है।
5.एक बार अनुवाद (Translate) हो जाने के बाद Execution के लिए कम्पाइलर की जरूरत नहीं होती है।प्रोग्राम को प्रत्येक बार क्रियान्वयन के लिए इंटरप्रेटर की जरूरत पड़ती है।

reference – https://unacademy.com/content/bank-exam/study-material/computer-knowledge/

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