हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट Scheduling Algorithm in hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है
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शिड्यूलिंग कसौटी (Scheduling Criteria)
प्रोसेस को शिड्यूल करने के लिए विभिन्न प्रकार की शिड्यूलिंग विधियाँ उपलब्ध हैं। हर एक शिड्यूलिंग विधि की प्रोसेस की जरूरत के हिसाब से भी उपलब्धता है। इसके लिए कुछ कसौटियाँ तय की गई हैं जिसे शिड्यूलिंग विधि (Scheduling Algorithm) कहते हैं।
हर एक शिड्यूलिंग विधि की तुलना करने के लिए कुछ शिड्यूलिंग कसौटियाँ (Scheduling Criteria) तय किये गये हैं। इसका उद्देश्य एक बेहतर विधि (Algorithm) की संकल्पना करना है।
1. सी०पी०यू० का उपयोग (C.P. U. Utilization)
सी०पी०यू० को ज्यादा से ज्यादा समय तक प्रोसेस के द्वारा क्रियान्वयन में व्यस्त (busy) रखना, इसको बेहतर करने के लिए ज्यादा प्रोसेस का लोड (load) बढ़ाया जा सकता है
ताकि सी०पी०यू० कभी भी खाली न बैठे और मल्टीप्रोग्रामिंग को बढ़ावा दिया जा सके। जितनी भी विधि (Algorithm) प्रयोग में लाए जाएँगे उन सभी का मुख्य उद्देश्य सी०पी०यू० का बेहतर उपयोग करना है।
2. थू-पुट (Throughput )
जब सभी प्रोसेस अपने क्रियान्वयन में व्यस्त रहती हैं, तो यह ध्यान रखा जाता है कि दिये गये निश्चित समय पर कितनी प्रोसेस अपना क्रियान्वयन पूर्ण किया। यह किसी भी बेहतर (Algorithm) की मापन प्रक्रिया है।
3. टर्न एराउन्ड टाइम (Turn Around time )
यह वह समय कहलाता है जब कोई प्रोसेस क्रियान्वयन के लिए लोड (Load) होती है, और जब इसका कार्य पूर्ण होता है। इन दोनों समय के बीच का समय टर्न एराउन्ड टाइम (Turn around time) कहलाता है।
यह समय प्रोसेस का रेडी क्यू के लिए इंतजार करने का समय, रेडी क्यू में रहने का समय और सी०पी०यू० के कार्य करने के समय को जोड़कर पूर्ण समय टर्न एराउन्ड टाइम कहलाता है।
4. वेटिंग टाईम (Waiting time)
वेटिंग टाइम के अन्तर्गत प्रोसेस रेडी क्यू में रहती है और अपने क्रियान्वयन का इंतजार करती है। वह विधि (Algorithm) सबसे बेहतर होती है जिसका वेटिंग या औसतन वेटिंग (Average waiting) समय सबसे कम हो।
5. रिस्पॉन्स टाइम (Response time )
रिस्पांस टाइम में क्रियान्वित प्रोसेस का परिणाम प्राप्त होने में जो समय लगता है, वह समय रिस्पांस टाइम कहा जाता है। यह सबसे विश्वस्त तरीका है किसी भी शिड्यूलिंग कसौटी (scheduling criteria) तय करने हेतु।
शिड्यूलिंग विधि (Scheduling Algorithm)
शिड्यूलिंग Algorithm को दो भागों में विभाजित करते हैं-
(i) नॉन-प्रिएम्पटिव शिड्यूलिंग (Non-Preemptive Scheduling Algo)
नॉन-प्रिएम्पटिव शिड्यूलिंग के तहत अगर कोई प्रोसेस सी०पी०यू० को क्रियान्वयन के लिए भेज दी गई है और तब तक उस प्रोसेस को वापस नहीं बुला सकते जब तक उस क्रियान्वित प्रोसेस का कार्य स्वयं पूर्ण न हो जाए अथवा किसी भी इनपुट / आउटपुट डिवाईस से कोई रिक्वेस्ट (Request) न आई हो या वह प्रोसेस स्वयं न चाहती हो, तब तक उस प्रोसेस को क्रियान्वयन से रोका नहीं जा सकता।
(ii) प्रिएम्पटिव शिड्यूलिंग (Preemptive Scheduling)
प्रिएम्पटिव शिड्यूलिंग के अन्तर्गत कार्य कर रही प्रोसेस को जबरजस्ती वापस बुला लेना, स्वयं का कार्य पूर्ण होने से पहले और दूसरी किसी प्रोसेस को सी०पी०यू० को आवंटित कर देना। पूर्व में वापस बुला ली गई प्रोसेस को पुन: रेडी क्यू (Ready queue) में भेज देना ताकि फिर से उस छूटी प्रोसेस का क्रियान्वयन हो सके। एक ही समयकाल पर एक प्रोसेस कई बार (Preempt) की जा सकती है।
reference – https://www.tutorialspoint.com/operating_system/os_process_scheduling_algorithms.htm
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