हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Steps in Sales Forecasting in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
Contents
- पूर्वानुमान लगाने के पद (Steps in Sales Forecasting)
- (i) पूर्वानुमान का उद्देश्य ज्ञात करना (Determining the Objective of Forecast)
- (ii) पूर्वानुमान के लक्ष्य पुनः विभाजित करना (Sub-divide the Task of Forecasting)
- (iii)विभिन्न कारकों के सापेक्ष महत्व को ज्ञात करना (Determine the Relative Importance of Factors)
- (iv)पुर्वानमान के लिए प्रयोग की जाने वाली विधि का चयन (Select the Method to be Used for Forecasting)
- (v) आँकड़े एकत्र करके विश्लेषण करना (Collect and Analyse the Data)
- (vi) विक्रय पूर्वानुमान तथा विक्रय को बढ़ाने वाली योजना के मध्य सम्बन्धों का अध्ययन (Study the Corelation between Sales Forecast and Sales Promoting Plans)
- (vii) प्रतिस्पर्धीयों की गतिविधियों का अध्ययन (Study of Competitor’s Activities)
- (viii) अन्तिम विक्रय पूर्वानुमान तैयार करना (Prepare Final Sales Forecasts)
- (ix) मूल्याकंन एवं समंजन (Evaluation and Adjustments)
पूर्वानुमान लगाने के पद (Steps in Sales Forecasting)
विक्रय पुर्वानमान लगाने के पद व्यापार (Business) की प्रकति. उत्पाद के प्रकार तथा बाजार की पारिस्थितिक के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। बाजार की स्थिति भी अलग-अलग कम्पनी तथा अलग अलग उत्पाद हो सकती है फिर भी सामान्य परिथितिक में अधिकतर industries निम्न पदों का अनुसरण करती है
(i) पूर्वानुमान का उद्देश्य ज्ञात करना (Determining the Objective of Forecast)
पूर्वानुमान करने से पूर्व निम्न बाते स्पष्ट होनी चाहिए।
(a) पूर्वानुमान की अवधि -लघु अवधि (short term) या दीर्घ अवधि (long term)।
(b) विक्रय पूर्वानुमान का क्षेत्र (area) तथा यूनिट (संख्या अथवा मान (values) में) का
(c) पूर्वानुमान में लगने वाला समय, श्रम तथा धन।
(ii) पूर्वानुमान के लक्ष्य पुनः विभाजित करना (Sub-divide the Task of Forecasting)
पूर्वानुमान के प्रोग्राम को समांग समूहों में उत्पाद, क्षेत्र, गतिविधियों या ग्राहकों के अनुसार पुनः विभाजित करते हैं।
(iii)विभिन्न कारकों के सापेक्ष महत्व को ज्ञात करना (Determine the Relative Importance of Factors)
विभिन्न कारकों के सापेक्ष महत्व ज्ञात करते हैं जिससे कि पूर्वानुमान को प्रभावित करने वाले कारकों को उनके अनुरूप महत्व दिया जा सके।
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(iv)पुर्वानमान के लिए प्रयोग की जाने वाली विधि का चयन (Select the Method to be Used for Forecasting)
विधि का चयन, सही अधिकारी द्वारा सभी परिस्थितियों, उद्देश्य तथा यथार्थता का वाँछित कोटी (required degree of accuracy) को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।
(v) आँकड़े एकत्र करके विश्लेषण करना (Collect and Analyse the Data)
सही विधि का चयन करके पूर्वानुमान लगाने हेतु आवश्यक आँकड़े एकत्र करते हैं, सारणीबद्ध करते हैं तथा क्रॉस चैक करते हैं। सांख्यिकीय तकनीकों का प्रयोग करते हुए आँकड़ों की व्याख्या करते हैं। यह प्राथमिक विक्रय पूर्वानुमान कहलाता है जो अन्तिम विक्रय पूर्वानुमान का आधार प्रदान करता है।
(vi) विक्रय पूर्वानुमान तथा विक्रय को बढ़ाने वाली योजना के मध्य सम्बन्धों का अध्ययन (Study the Corelation between Sales Forecast and Sales Promoting Plans)
पूर्वानुमान को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए विक्रय को बढ़ाने वाली योजनाओं जैसे-विज्ञापन नीति, व्यक्तिगत विक्रय तथा अन्य नीतियों का पूनार्वलोकन (reviewed), प्राथमिक विक्रय पूर्वानुमान (Preliminary Sales Forecast) के सम्बन्धी में, करते हैं।
(vii) प्रतिस्पर्धीयों की गतिविधियों का अध्ययन (Study of Competitor’s Activities)
किसी कम्पनी के उत्पादों की बिक्री उसके प्रतिस्पर्धीयों की गतिविधियों से बहुत प्रभावित होती है अत: प्रतिस्पर्धी (Competitor) की गतिविधियों नीतियों, प्रोग्रामों तथा कटनीति (strategies) तथा बाजार पर अनेक प्रभावों का अध्ययन करना तथा उसके अनुरूप पूर्वानुमान को समॅजित (adjust) करते हैं।
(viii) अन्तिम विक्रय पूर्वानुमान तैयार करना (Prepare Final Sales Forecasts)
उत्पादों एवं क्षेत्रों के अनुसार प्राथमिक विक्रय पूर्वानुमान के परिणामों से अन्तिम विक्रय पूर्वानुमान तैयार करते हैं। सभी उत्पादों, क्षेत्रों, ग्राहकों तथा गतिविधियों के विक्रय पूर्वानुमानों को मिलाकर सम्पूर्ण उपक्रम (Enterprise) का विक्रय पूर्वानुमान बनाया जा सकता है।
(ix) मूल्याकंन एवं समंजन (Evaluation and Adjustments)
समय-समय पर आने वाले समय के लिए वास्तविक विक्रय निष्पादन का पूनार्वलोकन तथा आँकलन करते हैं। आँकलन मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक तथा वार्षिक हो सकता है। वास्तविक गतिविधियों के दौरान होने वाली परेशानियों को दृष्टिगत् रखते हुए पूर्वानुमान के आँकडों में बदलाव किया जा सकता है। पूर्वानुमान की अवधि बीत जाने पर वास्तविक तथा अनुमानित बिक्री के अन्तर को जाँचा जाता है। इसके साथ उन कारकों को भी तलाश किया जाता है जिसमें सुधार करके अगले पूर्वानुमान को बेहतर किया जा सकता है।
reference-https://www.clari.com/blog/how-to-create-a-sales-forecast/
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