what is ledger in hindi-खाता बही क्या है?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको what is ledger in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

खाता बही (Ledger)

व्यापार के प्रत्येक लेनदेन (Transaction) को उसी दिन, जिस दिन यह लेनदेन होता है. एक किताब । जिसे रोजनामचा (Journal) कहते हैं, में रिकाड़े कर लिया जाता है। इस प्रकार रोजनामचा लेनदेन की बनाई गई। सूची है। रोजनामचे में लेनदेन का वास्तविक रिकार्ड अंकित होता रहता है। प्रत्येक दिन के लिए अलग रोजनाम जाता है।

एक रोजनामचे में अनेक लेखा (Account) रिकार्ड किये जाते हैं जो अलग-अलग व्यक्ति अथवा फर्म (Firm) से सम्बन्धित होते हैं। इस प्रकार किसी एक व्यक्ति या फर्म विशेष के साथ किये गये सभी लेनदेन को पहचानकर अलग करना बहुत कठिन होता है।

इसीलिए रोजनामचे से, प्रत्येक व्यक्ति अथवा फर्म से सम्बन्धित लेनदेन को छाँटकर (Sorted Out) वर्गीकृत कर लिया जाता है तथा एक अन्य किताब, जिसे खाताबही (Ledger) कहते हैं, में रिकार्ड कर लिया जाता है। इस प्रकार खाताबही में वाही सब जानकारी होती है जो रोजनामचे में होती है  परन्तु उन्हें सम्बन्धित व्यक्ति अथवा फर्म के अनुसार उचित प्रकार से व्यवस्थित किया गया होता है

“खाता-बही या लेजर (Ledger) उस मुख्य बही (पुस्तक) को कहते हैं जिसमें पैसे के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है। आजकल यह कम्प्यूटन-फाइल के रूप में भी होती है। खाता बही में सभी लेनदेन को खाता के अनुसार लिखा जाता है जिसमें खर्च (Debit) तथा जमा (Credit) के दो अलग-अलग कॉलम होते हैं।”

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बाटलीबॉय के अनुसार, “खाताबही खातों की मुख्य पुस्तक है और इसी पुस्तक में सारे व्यापारिक लेन-देन (सौदे) अन्त में विभाजित (वर्गीकृत) होकर अपने-अपने खातों में स्थान प्राप्त करते हैं।”

खाते का महत्व या लाभ

प्रत्येक लेखा प्रणाली (Accounting System) में खाते का रखरखाव अत्यन्त आवश्यक है। इसकी आवश्यकता को इसके लाभ द्वारा स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है।

1.किसी व्यक्ति विशेष वस्त अथवा आय/व्यय के मदों में होने वाले लेनदेन को एक स्थान पर सम्बन्धित एकाउण्ट में समूह करके रखा जाता है।

2. जब समय-समय पर प्रत्येक एकाउण्ट को संतुलित (Balanced) किया जाता है, तब यह उस एकाउण्ट की सही स्थिति (Net Position) को प्रदर्शित करता है।

3 खाता या लेजर टायल बैलेंस (Trial Balance) को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है जो लेखा-पुस्तिकाओं(Accounting Books) की अर्थगणितीय यथार्थता (Arithmetical Accuracy) की जाँच करता है।

4. क्योंकि रोजनामचे में दर्ज हुयी प्रविष्टियों को ही लेजर (खाते) में लिखा जाता है, गबन (Defalcations) की त्रुटियों की सम्भावना को न्यूनतम किया जा सकता है।

5. खाता (Ledder) सभी प्रविष्टियों (Entries) की मंजिल होती है जो किसी रोजनामचे (Journal) या उप-रोजनामचे(Sub-journals) में अंकित होती है।

6. खाता, उन सभी सचनाओं के लिए “भण्डारगृह (Store House)” का कार्य करता है, जिनका प्रयोग अन्तिम लेखा (Final Account) तथा वित्तीय स्टेटमैंट (Financial Statements) तैयार करने के लिए होता है।

7. खाता व्यापार में लाभ/हानि की स्थिति को प्रदर्शित करने वाले “लाभ-हानि लेखा” (Profit and Loss Account) को तैयार करने में मदद करता है। यह “बैलेंसशीट’ (Balance Sheet) बनाने में भी मदद करता है।

खाते के उद्देश्य (Importance of Ledger)

खाता बनाने के प्रमुख उद्धेश्य निम्न है –

1. एक निश्चित समयाविधि के लिए किसी संस्था (Entity) के देनदारों तथा लेनदारों (Debtors and Creditors) की स्थिति को जानने के लिए,

 2. एक निश्चित समयाविधि में किसी फर्म के कुल क्रय/विक्रय को जानने के लिए,

3. एक निश्चित समयाविधि में, व्यय के प्रत्येक मद में खर्च किये गये धन तथा हानि की जानकारी के लिए

4. अंकगणितीय/आँकिक त्रुटियों की जांच में सुविधा प्रदान करने के लिए,

 5. एक निश्चित समयाविधि के लिए, आय के प्रत्येक मद में अर्जित धनराशि को जानने के लिए।

6. खर्चों (Expenses), हानियों, आयों (Incomes), प्राप्तियाँ (Gains), सम्पत्तियों (Assets), पूँजी (Capital) तथा देनदारियों (Liabilities) के प्रत्येक मद का कुल प्रभाव जानने के लिए, जो परिचालन परिणामों (Operational Result) तथा वित्तीय स्थिति (Financial Position) को सुनिश्चित करने का आधार होते हैं।

reference-https://en.wikipedia.org/wiki/Ledger

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