हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट Input device kya hai में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है
Contents
1. इनपुट डिवाईस (Input Device)
इनपुट डिवाईस वे यंत्र हैं जिनके द्वारा डाटा व अनुदेशों को Computer में डाला जाता है, Computer इनपुट डाटा टेक्स्ट (Text), आवाज (Sound), चित्र (Image) या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के रूप में होता है।
जैसे कि—की-बोर्ड (Key hoard), माउस (Mouse), स्कैनर (Scanner), माइक (Mike), पंच कार्ड (Punch card reader) इत्यादि ।
यह एक (Electromechanical device) है जो इनपुट डाटा और अनुदेशों को प्राप्त करके प्रोसेसिंग के लिए भेज देता है।
डायग्राम
(a) की-बोर्ड (Key board)
यह एक इनपुट डिवाईस है जिसका प्रयोग Computer को डाटा देने के लिए किया जाता है जिसमें 104 की (Keys) होती हैं, जिनमें सभी प्रकार के बटन होते हैं जो प्रोसेसिंग के लिए आने वाले डाटा को इनपुट करने के लिए कार्य करते हैं।
इसका उपयोग Computer में अक्षरों तथा (Alphanumeric data) को डालने में किया जाता है।
वर्ड प्रोसेसिंग (Word processing) एवम् विभिन्न सॉफ्टवेयर (Software) के लिए की-बोर्ड (Key board) का प्रयोग आवश्यक हो जाता की-बोर्ड की सहायता से Computer को सभी जरूरी निर्देश दिये जाते हैं।
अगर आपका माउस (Mouse) खराब हो जाता है तो की-बोर्ड की मदद से माउस का कार्य कर सकते हैं।
आजकल ‘QWERTY की-बोर्ड का प्रयोग प्रचलन में है। इसे ‘QWERTY की-बोर्ड इसलिए कहा जाता है क्योंकि अक्षरों के सबसे ऊपर वाली (Row) के बायीं ओर के 6 बटन (buttons) Q,W, E, R, T, Y के क्रम में होते हैं।
चित्र 14
(i) Main Keyboard : इसमें अंग्रेजी के सभी अक्षर (A to Z) एवम् (0 to 9) के सभी अंक तथा (Special symbol button) रहते हैं। इसका प्रयोग Computer में (Alphanumeric data) को डालने के लिए किया जाता है। (ii) Function Keys : यह की-बोर्ड के सबसे ऊपर F1 से F12 तक बटन होते हैं। यह एक (Complete instruction) की तरह कार्य करता है जिसकी हमें प्रत्येक बार जरूरत पड़ती है एवम् समय की बचत होती है।
(iii) Numeric Keyboard : इसका प्रयोग संख्यात्मक डाटा को तीव्र गति से भरने के लिए जाता है। इसमें (0 to 9) तथा दशमलव ( · ), जोड़ (+), घटाना (-), गुणा (x) तथा भाग (+) का प्रयोग होता है।
इसका एक अन्य प्रयोग माउस के विकल्प के रूप में किया जाता है जहाँ पर की-बोर्ड द्वारा कर्सर (cursor) को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
(b) माउस (Mouse)
यह एक इनपुट डिवाईस है जिसे Pointing device कहते हैं। माउस का मुख्य कार्य पाईन्ट करना होता है उसके बाद उसे सलेक्ट किया जाता है। किसी भी टेक्स्ट को सलेक्ट करने के लिए क्लिक इवेन्ट का प्रयोग करते हैं।
चित्र 16
Mouse की सहायता से Computer स्क्रीन पर कर्सर या किसी भी टेक्स्ट (Test) एवम् (Picture) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं। माउस को Computer मदरबोर्ड (Motherboard) पर पोर्ट अथवा (USB universal serial bus) पोर्ट (Port) से जोड़ा जाता है।
माउस में (Left button) का कार्य (Click) या (Double Click) अथवा (Point) या (Drag) करने के लिए किया जाता है। माउस के Right button के द्वारा Computer में विशेष कार्य जैसे (Menu box) खोलना, Properties देखना या Dialogue box खोलना इत्यादि कार्य किये जाते हैं।
माउस के मध्य में एक Scroll wheel होता है। जिसका कार्य Document एवम् Web page को ऊपर-नीचे करने के लिए होता है।
माउस कई प्रकार के होते हैं— ऑप्टिकल माउस (Optical mouse), ट्रेकबॉल माउस (Trackball mouse) एवम् वायरलेस माउस (Wireless mouse)
(i) ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse) – Optical mouse प्रकाश किरणों (light rays) के परावर्तन के आधार पर कार्य करता है। इसमें सतह पर (LED: light emitting diode) या लेसर डायोड (Laser diode) द्वारा उत्पन्न तरंगें सतह से परावर्तित होती हैं जिन्हें (Diode sensor) द्वारा पढ़ा जाता है। Optical mouse के लिए माउस पैड की आवश्यकता नहीं होती है।
(ii) ट्रैकबॉल माउस (Trackball Mouse) – इस प्रकार के माउस में रबर बॉल ऊपर की तरफ होती है। इसमें माउस को बिना अपने स्थान से हटाये बिना रबर बॉल को घुमाकर माउस पॉइंन्टर (mouse pointer) में बदलते है। इसका प्रयोग कैड (CAD : computer aided design) में किया जाता है।
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(iii) वायरलैस माउस (Wireless Mouse ) — इस तरह का माउस बिना तार के तथा (Information) का आदान-प्रदान Radio and frequency या Bluetooth के ट्रांसमीटर होता है, जबकि रिसीवर (Receiver) को USB port के माध्यम से मदर बोर्ड के द्वारा जोड़ा जाता है। माउस द्वारा उत्पन्न संकेतों को रेडियो तरंगों में बदलकर रिसीवर तक भेजा जाता है।
(c) स्कैनर (Scanner)
किसी भी इमेज को उसकी प्रोसेसिंग के लिए Computer System में इनपुट कराने के लिए स्कैनर की जरूरत पड़ती है। यह किसी भी डाटा को इमेज के रूप में स्टोर कराने में सहायक होता है। यह एक लाइट बीम (Light beam) की मदद से फिजिकल डाटा को डिजिटल डाटा में बदलता है।
चित्र 17
(d) माइक (Mike)
यह एक इनपुट डिवाईस है, जो किसी आवाज को इस डिवाईस के माध्यम से Computer System में इनपुट कराते हैं। इसके द्वारा किसी आवाज (Sound) को Computer में इनपुट (Input) के रूप में डाला जाता है। माइक Audio signal को एनालॉग सिग्नल में बदलता है, जिसे साउन्ड कार्ड द्वारा डिजिटल संकेतों में बदल दिया जाता है।
इसका प्रयोग मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर में, आवाज रिकार्ड करने, आडियो फाइल तैयार करने तथा आपस में (Internet) के माध्यम से बातचीत के लिये किया जाता है।
reference- https://infonixelearn.com/input-device-in-hindi/#:~:tex
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