Process Control Block in hindi-प्रोसेस कन्ट्रोल ब्लॉक हिंदी

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट Process Control Block in hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है

प्रोसेस कन्ट्रोल ब्लॉक (Process Control Block—PCB)

ऑपरेटिंग सिस्टम सभी प्रोसेस की स्थिति को ध्यान में रखने के लिए एक टेबल (Table) बनाता है, जिसे प्रोसेस टेबल (Process table) कहते हैं। ये टेबल सभी प्रोसेस का लेखा-जोखा अपने पास रखता है। इस पूरे सिस्टम को प्रोसेस कन्ट्रोल (Process control) कहते हैं।

प्रोसेस कन्ट्रोल ब्लॉक में प्रत्येक प्रोसेस का एक डाटा स्ट्रक्चर (Data structure) तैयार किया जाता है। जैसे प्रोसेस की स्थिति (Process state), प्रोग्राम काउन्टर (Program counter ), मेमोरी प्रबन्धन की सूचना (Memory Management Information), शिड्यूलिंग की सूचना (Scheduling Information), आवंटित रिसोर्स (Allocated Resources), लेखन सूचना (Accounting Information) इत्यादि।

यह सभी सूचना प्रोसेस को कन्ट्रोल करने प्रबन्धन के काम आती हैं। प्रोसेस कन्ट्रोल ब्लॉक मुख्यत: यह दर्शाता है कि कैसे कोई प्रोसेस क्रियान्वयन के लिए अग्रसरित होती है।

प्रोसेस शिड्यूलिंग क्रम (Process scheduling Queue)

1. जॉब क्यू (Job queue)

वह सभी प्रोसेस जिन्हें कभी भी क्रियान्वित होना है। उन सभी प्रोसेस को स्टोरेज डिवाईस (Storage device) में रखते हैं, जैसे कि सेकण्डरी मेमोरी (Secondary memory) उसे जॉब क्यू भी कहते हैं।

2. रेडी क्यू (Ready queue)

जॉब क्यू (Job queue) से जब भी कोई प्रोसेस क्रियान्वयन के लिए आती है, उससे पहले उसे रेडी क्यू (Ready queue) में रखते हैं जिसे मुख्य मेमोरी (Main memory) कहते हैं। रेडी क्यू (Ready queue) में सभी प्रोसेस क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध रहती है और अपनी बारी का इंतजार करती है।

3. डिवाईस क्यू (Device queue)

प्रत्येक इनपुट / आउटपुट डिवाईस के लिए एक निश्चित क्यू (Queue) होती है। जब भी किसी प्रोसेस को क्रियान्वयन के समय इनपुट/आउटपुट डिवाईस की जरूरत होती है वह प्रोसेस इसी क्यू में इंतजार करती है। जब तक वह इनपुट / आउटपुट डिवाईस उस प्रोसेस का कार्य पूर्ण न कर दे।

प्रोसेस को कब शिड्यूल करें? (When to Schedule Process?)

प्रोसेस शिड्यूलिंग के समय यह ध्यान रखा जाता है कि शिड्यूलर (Scheduler) के द्वारा किस निश्चत प्रोसेस को शिड्यूल करना है। अत: शिड्यूलर को शिड्यूलिंग के निर्णय हेतु व्यावहारिक स्थितियों (Circumstances) की जरूरत होती है जो निम्नवत् है—

1. जब कोई प्रोसेस Running state से Waiting state पर आ जाए। यह स्थिति किसी प्रोसेस I/O का Wait करने अथवा किसी Child process के टर्मिनेशन का इंतजार करते समय आती है। इस समय शिड्यूलर कुछ Ready process को Select करता है।

2. जब कोई प्रोसेस Running state से Ready state पर आ जाए। किसी Interrupt के कारण तब शिड्यूलर उस प्रोसेस को Ready queue से क्रियान्वयन लेता है। अगर यह Interrupt किसी I/O device की वजह से आता है। तब पहले I/O device का कार्य पूर्ण होगा, उसके पश्चात्-पूर्व में रोकी गई प्रोसेस का क्रियान्वयन होगा।

3. जब कोई प्रोसेस Waiting state से Ready state पर जाए। इसमें प्रोसेस द्वारा I/O operation का कार्य पूर्ण कर लिया गया, इसके पश्चात् शिड्यूलर उन प्रोसेस को select करता है जो अब Ready state में है। उन्हें क्रियान्वयन के लिए लाया जाता है।

4. जब कोई प्रोसेस अपना क्रियान्वयन पूर्ण करके टर्मिनेट होती है वह वापस जाती है एवम् अन्य Ready process पर है अपना क्रियान्वयन शुरू करती है।

डिस्पैचर (Dispatcher)

सी०पी०यू० शिड्यूलर का कार्य प्रोसेस को Select करता है और क्रियान्वयन के लिए CPU के पास भेजता है, परन्तु CPU शिड्यूलर CPU को यह प्रोसेस Assign नहीं कराता है। तब Selected process के क्रियान्वयन के लिए Dispatcher का उपयोग करते हैं। Dispatcher ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating system) का एक उपयोगी Module है।

reference-

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