विपणन गतिविधियाँ-Marketing Functions in hindi

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Marketing Functions in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

विपणन गतिविधियाँ (Marketing Functions)

 marketing से उत्पन्न के मान(value) में marketing में किये जाने वाली विशिष्ट गतिविधिया के कारण वृद्धी होती है निम्न चार्ट में विवरण गतिविधिया का वर्गीकरण प्रदर्शित है  

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विपणन की प्रमुखतया आठ (Eight) गतिविधियाँ होती है। जो निम्न प्रकार है

(i) क्रय (Buying)

इसमें मार्केटिंग तथा ग्राहक दोनों संनिहित होते हैं। मार्केटिंग मैनेजर को ग्राहकों का प्रकार. उनकी व्यय करने के आदतें, माँग तथा क्रय करने का तरीका आदि के बारे में अवश्य जानकारी होने चाहिए। ग्राहकों के स्तर पर उनकी क्रय गतिविधियों में मूल्य, गुणवत्ता, मात्रा, प्रकार तथा स्टाइल आदि विचार संनिहित होते हैं।

(ii) विक्रय (Selling)

विक्रय गतिविधियों में ब्रांडिग, पैकेजिंग, व्यक्तिगत सेल्समैनशिप, विज्ञापन, विक्रय प्रचार आदि संनिहित होते हैं। इसके अतिरिक्त विक्रय गतिविधियों में निम्न संक्रियायें भी सम्मिलित होती है

(a) उत्पाद विनियोजन तथा विकास,

(b) क्रेताओं (Buyers) की तलाश,

(c) सेल्समैनशिप, विज्ञापन तथा विक्रय प्रचार के माध्यम से माँग (Demand) बनाना।

(d) विक्रय की शर्तों जैसे मूल्य, मात्रा, गुणवत्ता आदि पर मोल-तोल करना।

(e) विक्रय संविदा (Sale Contract) जिसमें नाम (Title) का ट्रांसफर (Transfer) तथा सामान का अधिकार . (Possession) प्रमुख हो।

(iii) परिवहन (Transport)

परिवहन में स्थान उपयोगिता का सृजन करना। मूल्यवान सामानों को साधारणतया उनक उत्पत्ति स्थल से आवश्यकता स्थल तक, प्राथमिकता से परिवहन किया जाता है। मार्केटिंग का सम्बन्ध प्रमखतया रेल, सड़क, पानी के जहाज, पाइप लाइन या वायुयान आदि परिवहन से है।

(iv)भण्डारण (Storage)

भण्डारण के अन्तर्गत तयार उत्पाद को बिना किसी क्षति के तब तक भण्डार करके रखा जाता है जब तक कि वह उपभोक्ता के पास नहीं भेजा जाता है। इसके अतिरिक्त उत्पादन कार्यक्रम के अनसार कच्चे माल, अवयवा आदि का भण्डारण भी इसी के अन्तर्गत आता है।

(v)मानकीकरण एवं ग्रेडिंग (Standardization and Grading)

मानकीकरण के अन्तर्गत परे देश में गुणवत्ता मानक तथा एक समान साइज बनाये रखना संनिहित होते हैं। मानकीकरण से गुणवत्ता सनिश्चित होती है तथा उत्पाद का एकसमानता को बढ़ावा मिलता है। विभिन्न प्रकार के ग्राहकों की आवश्यकताओं को परा करने के आवश्यकताआ को पूरा करने के लिए उत्पादों को भी विभिन्न ग्रेड में निर्मित किया जाता है।

 ग्रेडिंग (Grading) का अर्थ है पूर्व स्थापित मानकों के अनुसार उत्पाद को छाँटना (separating) या निरीक्षण करना। ग्रेडिंग से समान उत्पादो की तुलना का आधार प्राप्त होता है। कृषि उत्पादों जैसे-गेहूँ, कपास, धान, दूध आदि में तो ग्रेडिंग अत्यन्त पक) MIDUATCAMERAतीन ग्रेड लेविल A, B तथा C हो सकते हैं।

(vi)वित्त (Financing)

वित्त किसी भी व्यवसाय के लिए प्राण (life) के समान है। उत्पाद का मान (value) धन के में व्यक्त किया जाता है तथा उसे मूल्य (price) से व्यक्त किया जाता है जो क्रेता. विक्रेता को उत्पाद के बदले में देता उधार (credit) भी बाजार का आवश्यक पक्ष है। मंहगे उपभोक्ता सामानों की बिक्री में, विशेषतया खुदरा बाजार में, उधार महत्वपूर्ण स्थान है। वित्त (Finance) तीन प्रकार का होता है

1. लघु अवधि (Short term),

2 मध्य अवधि (Medium term) तथा

3. दीर्घ अवधि (Long term)

(vii) जोखिम उठाना (Risk Bearing)

जोखिम (Risk) का अर्थ हानि से है जो भविष्य में अनदेखी परिस्थितियों के कारण हो सकती है। मार्केटिंग में जोखिम उठाने का अर्थ है कि भविष्य में सम्भावित माँग को ध्यान में रखते हुए उत्पाद का भण्डारण आदि करना क्योंकि भविष्य में उत्पाद की माँग घट भी सकती है अथवा सामान क्षतिग्रस्त (spoil) हो सकता है।

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उत्पाद के उत्पादन से लेकर उसके विक्रय अवस्था तक मानवीय भलों, प्राकृतिक कारणों या बाजार का बदलता हुइ स्थित के कारण अनेक जोखिम जुड़े होते हैं। फैशन में बदलाव अथवा नये तकनीक वाले उत्पाद से भी बाजार में जोखिम पैदा होता है। सरकार की नीति में बदलाव भी एक जोखिम है। इसके अतिरिक्त परिवहन में हुयी कोई समस्या भी जोखिम का ही एक अंग है।

(viii) बाजार सूचना (Market Information or Intelligence)

बाजार से सम्बन्धित कोई भी निर्णय लेने से पूर्व मार्केटिंग अधिकारी को सम्पूर्ण तथा सही जानकारी ससमय मिलना अत्यन्त आवश्यक है। सही तथ्य (right facts) तथा सूचना से सम्भावित जोखिमों (risks) को थोड़ा कम किया जा सकता है। इससे लागत मूल्य में भी कमी आती है।

आधुनिक बाजार गतिविधियों के लिए पर्याप्त, सही तथा तुरन्त जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है। बाजार सूचना (Marketing Information) से विक्रेता को पता चलता है कि कब उत्पाद बेचना है, कितने दाम पर बेचना है, कौन-कौन से प्रतिस्पर्धी है, आदि। बाजार से प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करके ही बाजार अनुसंधान किया जाता है तथा नीतिगत् फैसले लिये जाते हैं।

reference-https://www.brafton.com/blog/content-marketing/functions-of-marketing/

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