हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको what is printer in hindi के बारे में बताया गया है की क्या होया है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है
Contents
- प्रिंटर (Printers)
- प्रिंटर के प्रकार (Types of Printers)
- (A) इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer)
- (a) डेजीव्हील प्रिंटर
- (b) डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर
- (c)लाइन प्रिंटर
- (i) ड्रम प्रिंटर
- (ii)चेन प्रिंटर
- (iii) सीरियल प्रिंटर (Serial Printer)
- (iv) Letter Quality printer
- (B) नॉन-इम्पेक्ट प्रिंटर
- (a) इंकजेट प्रिंटर
- (b) लेजर प्रिंटर
- इनमें मुख्य हैं
- (c) फोटो प्रिंटर
प्रिंटर (Printers)
प्रिंटर वह डिवाइस है जो टेकस्ट या अन्य डाटा कागज पर प्रिंट करता है। इसके द्वारा कंप्यूटर का डाटा प्रिंटेड रूप में मिल जाता है। इस प्रिंटेड कॉपी को हार्ड कॉपी (Hard Copy)या प्रिंट-आउट (Print-Out) भी कहा जाता है। प्रिंटर अलग-अलग साइज, गति, कीमत तथा जटिलता के होते हैं। साधारणत: महँगे प्रिंटर उच्च रिजोल्यशन प्रिंटिंग में काम लाय जाते है
प्रिंटर के द्वारा हम चिट्ठियाँ बिल, न्यूज लैटर, लेबल, पैकिंग स्लिप तथा अन्य कई और चीजे प्रिंट करा सकते हैं। तो प्रिंटर डेस्क पर जितनी जगह घेरता है। उसे “फुट प्रिंट’ कहते हैं। यदि हमारे पास छोटा कमरा है तो हमारे लिए छोटे फुट प्रिंट ही उपर्युक्त होगा। कुछ प्रिंटरो में एक से ज्यादा ‘पेपर होल्डर’ होता है तथा प्रत्येक होल्डर अलग अलग साइज़ की शीट रखता है इससे कार्य क्षमता बढ़ सकती है
साथ ही हम किसी अतिरिक्त प्रयास के बिना एक साइज के पेज से दूसरे साइज के पेज में जा सकते है
रिजोल्यूशन अर्थात् पिक्सल(pixel) की संख्या जोकि उद्धवार्धर (vertical) तथा क्षैतिज (horizontal) धुरी पर पिक्सल की संख्या से निर्धारित होता है। प्रिंटर की रिजोल्यशन से उसके द्वारा मिलने वाली की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उच्च रिजोल्यूशन हमें बेहतर इमेज देती है। प्रिंटर की रिजोल्यूशन साइंच (DPI-Dots Per Inch) से नापी जाती है। आमतौर पर 600 DPI सामान्य ऑफिस document में काम होता है। 1200 DPI के प्रिंटर ग्राफिक्स प्रिंट करने के लिए बेहतर हैं।
प्रिंटर के प्रकार (Types of Printers)
प्रिंटर मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं।
(A) इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer)
(B) नॉन-इम्पैक्ट (Non-Impact Printer)
(A) इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer)
जैसा नाम से प्रतीत होता है, इम्पैक्ट प्रिंटर एक पेपर शीट पर इम्पैक्ट द्वारा अर्थात् उससे जोर से टकराकर आउटपुट देते हैं। पेपर से टकराने से ये कैरेक्टर बनाते हैं। कुछ शुरूआती इम्पैक्ट ऑटोमैटिक टाइपराइटर के समान चलते थे। इम्पैक्ट प्रिंटर के कुछ प्रकार हैं जैसे।
(a) डेजीव्हील प्रिंटर
यह कुछ हद तक बॉल-हैड टाइपराइटर (Ball-Head Type Writer) के समान हैं इसमें एक प्लास्टिक या धातु का बना पहिया होता है, जिस पर प्रत्येक अक्षर उभरा-सा रहता है। पेपर पर लिखते समय एक हथौड़ा इस पहिये को एक रिबन (Ribbon) से टकराता है। ऐसा करने से कैरेक्टर के रूप में रिबन की स्याही पेपर पर उभर आएगी। इस प्रकार के प्रिंटर लैटर क्वालिटी प्रिंट (Letter quality Print) देते हैं, परन्तु ग्राफिक्स प्रिंट नहीं कर सकते।
(b) डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर
यह प्रिंटर कैरेक्टर प्रिंट करने के लिए एक प्रिंटर हैड को इंक फैबरिक रिबन (Fabric Ribbon) से टकराते हैं प्रिंटर के हैड में छोटे पिन होते हैं तथा यह पिन काफी सिम्टे हए डॉटस को उचित आकार में प्रिंट करते हैं, इस कारण इसे डॉट मैट्रिक्स कहा जाता है अर्थात् यह “डॉटस को मैट्रिक्स’ प्रिंट करता है।
डायग्राम
चित्र डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर
इस प्रिंटर का आउटपुट वास्तव में एक डॉटस के मैट्रिक्स के रूप में रहता है। इन्हें इतनी बारीकी से प्रिंट किया जाता है कि पूर्ण आकृति पेपर पर उभर जाती है। यह एक लोकप्रिय तथा सस्ता प्रिंटर है जो एक समय पर एक लाइन प्रिंट करता है। इसकी गुणवत्ता निचले स्तर की है। इसकी कार्य प्रणाली ऑटोमैटिक टाइपराइटर के समान है। यह प्रिंटर अलग-अलग प्रकार के कागज ले सकते है
जिससे लूज पेपर सतत् स्टेशनरी शामिल है नैरा कैरेज प्रिंटर के साधारण साइज का कागज तथा वाइड कैरेज प्रिंटर में 11″ x 17′ का पेपर भी आ सकता। इस कारण इन्हें चौड़े डॉक्यूमेण्टस प्रिंट करने में प्रयोग किया जाता है, जैसे कि वित्तीय दस्तावेज।
हालाँकि इसकी गुणवत्ता निम्न स्तर की है परन्तु यह मल्टी-पेज फार्म में प्रिंट कर सकते है। यह इसीलिए क्योंकि इनका ‘हैड’ अत्यन्त तीव्र गति टकराव होते है। यह इसकी बहुत बड़ी विशेषता है तथा यह नए प्रिंटरों में भी उपलब्ध नहीं है।
इनके साथ एक समस्या साउंड की है-यह प्रिंटर काफी आवाज करते हैं अतएव छोटे ऑफिस या फैक्ट्री में इनकी आवाज के कारण असुविधा हो सकती है। इनके प्रिंट हैड में 24 या 9 पिन हो सकते हैं। इनकी प्रिंट को क्वालिटी मोड (Mode) में जाहिर की जाती है।
(i) Draft Mode (Low Resolution)
(ii) Near-Letter-Quality-Mode (Medium Resolution)
(iii) Letter Quality Mode (High Resolution)
इनकी स्पीड का निर्धारण मोड से होता है,। ड्राफ्ट मोड सबसे तेज चलता है। इनकी स्पीड (Characters per second) (CPS) में नापी जाती हैं। यह 50 से 500 CPS तक हो सकती है।
(c)लाइन प्रिंटर
इसमें character या पिंस (Pins) की श्रृंखला होती हैं यह श्रृंखला एक बार में एक पूरी लाइन प्रिंट करती है। तेज गति के लाइन प्रिंटर प्रति मिनट 3,000 लाइन तक प्रिंट कर सकते हैं। यह श्रेणी अत्यंत निम्न कोटि का आउटपुट देती है। इसके अतिरिक्त लाइन प्रिंटर ग्राफिक्स प्रिंट नहीं कर सकते तथा इनसे काफी शोर उत्पन्न होता है।
लाइन प्रिंटर एक समय में एक लाइन को प्रिंट करता है। इस प्रकार के प्रिंटर की प्रिंटिंग स्पीड 150 लाइन से 2500 लाइन प्रति मिनट होती है। एक 15 इंच की लाइन में 96 से 160 कैरेक्टस क साथ। प्रत्येक इंच में 6 लाइन प्रिंट होता हैं।
(i) ड्रम प्रिंटर
एक ड्रम प्रिंटर में एक बेलनाकार ड्रम होता है। प्रिंट होने वाले कैरेक्टर इसकी सतह पर स्थित होते हैं। एक लाइन की प्रत्येक प्रिंट स्थित के लिए कैरेक्टर्स का एक समूह उपस्थित होता है इस प्रकार प्रत्येक लाइन में 132 कैरेक्टर्स और 96 कैरेक्टर समह रखने वाले एक प्रिटर की सतह पर ….कैरेक्टर्स होते हैं
मुद्रित होने वाले प्रत्येक कैरेक्टर्स के कोड कम्प्यूटर की मोरी में प्रिंटर की सतह की संग्रहण इकाई (storage Units) में स्थानांतरित होते हैं। यह संग्रहण इकाइ बफर(Printer Buffer) कहलाता है। जिसमें सामान्यत: 132 कैरेक्टर्स कोड का संगृहीत किया जा सकता है
प्रिंटर ड्रम उच्च गति से घूर्णन करती है। जो सतह पर स्थित character जो विरूई हैमर की चोट से characters को प्रिंट होते हैं। एक लाइन के प्रिंट होने के लिए डम को एक घूर्णन की आवश्यकता होती है यह विधि ‘On the fly’ कहलाती है। प्रिंटर ड्रम कीमती होते हैं और उन्हें अक्सर बदला नहीं जा सकता है। इस प्रकार ड्रम प्रिंटर एक स्थिर Font रखते हैं।
(ii)चेन प्रिंटर
चेन प्रिंटर में एक स्टील बैंड होता है जिस पर कैरेक्टर समूह बैंड पर स्थित होते हैं। एक 64 character समह वाले प्रिंटर के लिए 64 कैरेक्टर्स के 4 समूह बैंड पर स्थित होते हैं। एक लाइन को मुद्रित करने के लिए, लाइन में स्थित प्रत्येक कैरेक्टर्स को मैमोरी से प्रिंटर बफर रजिस्टर की ओर भेजा जाता है, जैसे ही बैंड घूर्णन करता है।
एक हैमर सक्रिय हो जाता है। एक लाइन में 132 कैरेक्टर्स के साथ वाले प्रिंटर के लिए 132 हैमर चोट करने के लिए तैयार होते हैं। इस प्रिंटर में एक कार्बन रिबन लगा होता है, जो चेन कागज और हैमर के मध्य। इस प्रकार के प्रिंटर का मुख्य लाभ यह है कि चेन आसानी से बदला जा सकता है। इस प्रकार विभिन्न फॉन्ट का भी उपयोग किया जा सकता है।
(iii) सीरियल प्रिंटर (Serial Printer)
सीरियल प्रिंटर एक समय में एक कैरेक्टर प्रिंट करता है। यह टाइपराटर के सदृश्य होता है। यह सामान्यतः धीमी गति का होता है और लगभग 30 से 300 कैरेक्टर प्रति सेकण्ड में प्रिंट करता है। प्रसिद्ध सीरियल प्रिंटर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर है।
प्रिंट किए जाने वाले कैरेक्टर मैमोरी से प्रिंटर को भेजे जाते हैं। कैरेक्टर कोड को प्रिंटर इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा डिकोड किया जाता है और प्रिंट हैड में उपयुक्त पिन को सक्रिय किया जाता है। ये पिन कार्बन पर चोट करती है तथा उसके पीछे लगे कागज पर कैरेक्टर प्रिंट हो जाता है।
बहुत से डॉट मैटिक्स प्रिंटर द्वि-दिशीय (bi-directional) होते हैं अर्थात् वे बाएँ से दाएँ एवं दाएँ से बाएँ भी प्रिंट करते हैं ये प्रिंटर अंग्रेजी के अक्षरों के साथ-साथ देवनागरी तमिल आदि अक्षरों को भी प्रिंट करते हैं। वर्तमान में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर 9, 15, 24 पिन वाले उपलब्ध हैं। प्रिंटर हैंड क्षैतिजत: गति करता है। ये लाइन प्रिंटर की तुलना में सस्ते होते हैं।
(iv) Letter Quality printer
जैसा कि डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में कोई भी कैरेक्टर निश्चित संख्या के डॉटस के रूप में प्रिंट होता है इसलिए प्रिंटेड आउटपुट अच्छा नहीं होता है, अत: अच्छी प्रिंटिंग प्राप्त करने के लिए एक अन्य प्रिंटर का उपयोग किया जाता है जिसे इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer) कहते हैं। इंकजेट प्रिंटर में एक प्रिंटिंग हैड होता है। जिसमें कई छोटे-छोटे छिद्र या नोजल होते हैं।
ये नोजल अधिक तीव्र गति से (माइक्रोसेकण्ड) एक इंटीग्रेटेड सर्किट रजिस्टर (Integrated Circuit resister) द्वारा गर्म होते ह। जब रजिस्टर गर्म होते हैं. तब इसके समीप को स्याही (Ink) वाष्पित होती है और नोजल की सहायता से उत्सर्जित होती है तथा हैड के समीप रखे गए कागज पर एक डॉट बनाती है। उच्च रिजाल्यूशन इंकजेट प्रिंटर में लगभग 50 नोजल होते हैं, जिनकी ऊँचाई 7 मिमी की होती है और प्रति इंच में 300 डॉट बनाते हैं।
हैड द्रुत गति से कागज पर चलता है। आधुनिक इंकजेट प्रिंटर कई हैड रखते हैं। जिसमें एक color हैड (Colour Head) भी होता है, जिससे कलर प्रिंटिंग (Color Printing) भी की जा सकती है
इसे भी देखे –
- What is Information Technology Components in hindi-सुचना तकनिकी अवयव हिंदी में
- What is Key Board details in hindi-कीबोर्ड विवरण हिंदी में
- What is Mouse in hindi-माउस का अर्थ क्या है?
- what is Scanner in hindi-स्कैनर क्या होता है?
- what is MICR in hindi-MICR क्या होता है?
इकजेट प्रिंटर की स्पीड 120 कैरेक्टर प्रति सेकण्ड होती हैं। इस प्रिंटर की सहायता से चित्र बनाया जा सकता है। वर्तमान में ये प्रिंटर उपलब्ध हैं।
लेटर quality प्रिंटर का परिणाम डॉट मैटिक्स प्रिंटर की तुलना में अपेक्षाकृत अच्छा होता है। ये (Daisy Wheel) तकनीक का उपयोग करते हैं। डेजी चक्र एक वृत्ताकार उपकरण होता है जिसमे अनेक पैडल लगे होते है वह एक प्रिंटिंग हेड होती है
डेजी चक्र 106 विभिन्न प्रकार characters को रखता है। प्रिंटर की तुलना में ये प्रिंटर अधिक कीमती होते है इनकी मुद्रण गति अपेक्षाकृत कम होती है डॉट मैट्रिक्स लगभग 18-32 character/second होती है
(B) नॉन-इम्पेक्ट प्रिंटर
जैसा की नाम से प्रतीत होता है नॉन-इम्पेक्ट (Non-Impact Printer) पेपर शीट पर impact द्वारा आउटपुट नहीं देते हैं यह अलग विधि से कैरेक्टर बनाते हैं।
(a) इंकजेट प्रिंटर
यह उच्च कोटि का प्रिंट देते हैं जिसकी तुलना लेजर प्रिंटर से की जाती हैं इनकी रिजोल्यूशन 180 से 700 DPI तक रहती है, हालाँकि नए मॉडल इससे अधिक रिजोल्यूशन भी दे देते हैं। यह प्रिंटर आम कार्यालयी तथा निजी प्रयोग हेतु सर्वोत्तम हैं। इनमें 8″x 11′ का पेपर लगाया जाता है, साथ ही ये लिफाफे, लेबल तथा ट्रॉन्सपेरेन्सी भी ले सकते हैं।
साधारणत: इंकजेट की कीमत लेजर प्रिंटर से कम होती है। इनकी गति भी लेजर प्रिंटर से कम रहती है। ये प्रिंटर प्रति मिनट 5 से 50 पेज प्रिंट कर सकते हैं। इनकी इंक घटिया किस्म के पेपर पर फैल जाती है, जिससे output काफी भद्दा दिखता है। इसके अतिरिक्त, यह श्रोणी पोर्टेबल प्रिंटर के रूप में लोकप्रिय है, चूंकि इसमें मेकैनिकल पार्टस न के बराबर हैं। साथ ही, पूर्ण कलर document हेतु इंकजेट प्रिंटर किफायती option होता है
(b) लेजर प्रिंटर
लेजर प्रिंटर उच्च कोटि का text तथा graphics प्रिंट करते हैं। यह प्रिंटर लेजर किरण के द्वारा काम करता है। लेजर से यह ड्रम पर चित्र बनाता है। लेजर की रोशनी जहाँ-जहाँ ड्रम पर पड़ती है, वहाँ-वहाँ ड्रम का ‘इलैक्ट्रिकल चार्ज’ बदल जाता है।
इस ड्रम को विशेष इंक से पास कराया जाता है और ड्रम के चार्ज वाला क्षेत्र इस विशेष इंक को उठा लेता है। तत्पश्चात् ऊष्मा तथा दबाव के मिश्रण से इंक को कागज पर स्थाई रूप दे दिया जाता है। फोटो कॉपी मशीन भी इसी सिद्धान्त पर कार्य करती है।
लेजर प्रिंटर की विशेष इंक को टोनर कहा जाता है जो एक cartridge में उपलब्ध होता है
परन्तु यह डॉक्यूमेंट की रिजोल्यशन पर निर्भर करता है। यदि हम लगातार उच्च रिजोल्यूशन की प्रिंटिंग कराएँ तो टोनर खत्म हो जायेगा। टोनर खत्म होने पर नया कार्टिज खरीदा जा सकता है
लेजर प्रिटर प्रिट करने से पहले सारे पेज को मैमोरी में स्टोर करता हैं इस हेतु इसमे 4 से 8 MB तक की मैमोरी होती है। ज्यादा मैमोरी होने पर प्रिंटर की स्पीट बढ़ जाती है। इसे उच्च गति के प्रिंटर के रूप में कार्याकालीन तथा व्यक्तिगत कार्य हेत भी उपयोग में लिया जाता है।
लेजर 8″ x 11′ का पेपर लिफाफा, लेबल तथा ट्रान्स्पेरेन्सी पर प्रिंट कर सकता है। लेजर टोनर लगने के पहले पूरा पेज प्रेषित कर देता है, अत: इसे हम पेज प्रिंटर (Page printer) भी कहते है इस श्रेणी में में कुछ और प्रिंटर भी आते हैं, भले ही वे लेजर का उपयोग न करते हों।
इनमें मुख्य हैं
(1) LEDs Printers (Light Emitting Diode)
(i) LCDs Printer (Liqued Crystal Display)
इसका ड्रम एक बार इनकी विशिष्ट पद्धति से चार्ज होता है। तत्पश्चात् वह एक आम लेजर प्रिंटर की तरह ही कार्य करता है।
लेजर प्रिंटर कि एक विशेषता उनकी रिजोल्यूशन होता है अर्थात् प्रति इंच वह कितने डॉटस बना सकते है वर्तमान रिजोल्यूशन 300 से 1200 DPI हैं नए मॉडलों में 18000 DPI भी उपलब्ध है। इसके र ऑफसेट प्रिंटिंग में 1200 तक 3600 DPI तक की रिजोल्यूशन हो सकती हैं। रिजोल्यूशन इनहैसमेंट (Resolution enhancement) जैसी विशेष तकनीक के द्वारा कुछ लेजर प्रिंटर बेहतर रिजोल्यूशन दे सकते हैं।
लेजर प्रिंटर या तो मोनोक्रोम (Monochrome) या तो कलर प्रिंटर हो सकते हैं जैसा की स्वाभाविक है, मोनोक्रोम प्रिंटर एक ही रंग में प्रिंट करते हैं तथा एक ही टोनर का प्रयोग करते हैं। कलर लेजर प्रिंटर फुल कलर के लिए 4 टोनर का प्रयोग करते हैं। कलर प्रिंटर मोनोक्रोम प्रिंटर से ज्यादा महँगे होते हैं।
लेजर प्रिंटर के आउटपुट की गुणवत्ता उच्च स्तरी की होती है। यह लगभग असीमित फॉन्ट से प्रिंट कर सकते हैं। अधिकतर लेजर प्रिंटरों में फॉन्ट का मूल सैट होता है। इसे हम आन्तरिक फॉन्ट भी कहते हैं। आवश्यकता होने पर अतिरिक्त फॉन्ट निम्न में से किसी एक विधि से डाले जा सकते हैं
(i) फॉन्ट कार्टिज (Font Cartridge)-लेजर प्रिंटर में कुछ स्लॉट होते हैं जिनमें फॉन्ट कार्टिज डाले जा सकते हैं। फॉन्ट कार्टिज मूलत: ROM के बोर्ड हैं जिन पर फॉन्ट रिकॉर्ड किए गए हैं। फॉन्ट कार्टिज का मुख्य आकर्षण यह है कि वह प्रिंटर की मैमोरी का बिल्कुल भी उपयोग नहीं करते हैं। फॉन्ट कार्टिज पर उपलब्ध फॉन्ट को हार्ड फॉन्ट कहा जाता है।
(ii) सॉफ्ट फॉन्ट (Soft Font)-सभी प्रिंटरों में कुछ RAM रहती है। इस मैमोरी को अतिरिक्त मैमोरी बोर्ड के द्वारा बढ़ाया जा सकता है। ऐसा करने पर फॉन्ट किसी डिस्क के हमारे प्रिन्टर के RAM पर कॉपी किए जा सकते है। इसे डाउन लोडिंग ऑफ फॉन्टस कहते हैं। RAM आधक होने पर डॉउन लोडेड फॉन्टस की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
लेजर प्रिंटर टेकस्ट के साथ-साथ ग्राफिक्स भी अच्छा प्रिंट करता है। उच्च रिजोल्यूशन ग्राफिक्स के लिए लेजर एक मात्र विकल्प है। 300 DPI पर प्रिंट करने के लिए 1 MB प्रिंटर RAM की आवश्यकता होती है।
लेजर प्रिंटर एक नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर है। इस कारण से वह प्रिंट करते समय शोर पैदा नहीं करता। प्रिंटर की गति भी अच्छी होती है। यह सामान्यत: 5 से 50 पेज प्रति मिनट प्रिंट कर सकते हैं।
6PPM की गति लगभग 40 CPS के बराबर होती है। इंकजेट की भाँति, B&W प्रिंट होने पर लेजर चलगा तथा कलर होने पर थोड़ा धीमे चलेगा।
टीप-किसी भी प्रिंटर के लिए वास्तविक गति इस पर निर्भर करती है की हम क्या प्रिंट कर रहे है –
टेक्स्ट, इमेज अथवा विशिष्ट कैरेक्टर। साधारण टेकस्ट में प्रिंटिंग सबसे तेज होगी।
लेजर प्रिंटर को नियत्रण के लिए वास्ताविक गति इस पर निर्भर करती है कि हम क्या प्रिंट कर रहे है टेक्स्ट ,इमेज अथवा विशिष्ट कैरेक्टर। साधारण टेक्स्ट में प्रिंटिग सबसे तेज होगी।
(i) Printer Control Language-PCL-इसे HP के द्वार बनाया गया है। HP लेजर प्रिंटरों की सबसे पुरानी कम्पनी है। PCL के कई संस्करण को आज उपलब्ध होता है इसका मतलब यह है की हमारा प्रिंटर किसी संस्करण का पालन करेगा अथवा किसी का नहीं | यह PLC तथा बाद के संस्करणों में एक स्केलेबल फॉन्ट टेक्नॉलॉजी (Scalable Font Technology) का समावेश हुआ जिसे हम इंटेलीफॉन्ट (intellifont) कहते हैं।
(ii) पोस्ट स्क्रिप्ट (Past Script)-इसे एडॉब सिस्टम (Adobe System) ने सन 1985 में विकसित किया। यह DTP तथा एप्पल मैकिनटोश (Apple Macintosh) का अघोषित मानक होता है यह PCL से महँगा होता है, परन्तु इसमें खूबियाँ भी ज्यादा होती हैं। इस पोस्ट स्क्रिप्ट फाइनल का विस्तारक “ps है। पोस्ट स्क्रिप्ट ऑब्जेक्ट ओरिऐंटेड है, अर्थात् इसमें इमेज तथा फॉन्ट को ज्यामितीयऑब्जेक्ट का एक संग्रह माना जाता है न की बिटमैप (Bit Map)-इमेज का एक रूप) के रूप में।
प्रत्येक पोस्ट स्क्रिप्ट कैरेक्टर की रूप-रेखा अर्थात् “आउट लाइन” परिभाषित की गई है।अत: पोस्ट स्क्रिप्ट फॉन्ट को आउट लाइन फॉन्ट (Outline Font) भी कहा जाता है। उन्हें हम स्केलेबल फॉन्ट (Scalable Font) भी कहते हैं चूंकि इनका साइज पोस्ट स्क्रिप्ट कमांड से बदला जा सकता है
बिटमैप ग्राफिक्स की तुलना में पोस्ट स्क्रिप्ट उच्च रिजोल्यूशन आउटपुट डिवाइस का प्रयोग कर सकता है। 600 DPI पर पोस्ट स्क्रिप्ट 300 DPI से बेहतर दिखेगी। दूसरी ओर, बिटमैप पिक्चर दोनों पर ही एक समान दिखेगी।
पोस्ट स्क्रिप्ट के तीन स्तर हैं 1, 2 और 3। स्तर 2, सन् 1992 में आया था जिसमें कलर प्रिंटिंग के लिए बेहतर सर्पोट था। स्तर 3, सन् 1997 में आया जिसमें अधिक फॉन्ट तथा तेज प्रिंटिंग के अतिरिक्त गुण दिए गए।
ज्यादातर सॉफ्टवेयर दोनों प्रकार के PDLS को सपोर्ट करते हैं।
(c) फोटो प्रिंटर
यह प्रिंटर हाल ही में बाजार में आए हैं यह प्रिंटर डिजिटल कैम का आउटपुट प्रिंट कराते हैं। इनकी रिजोल्यूशन 4800 DPI तक जा सकती है। इनकी औसत गति 15 PPM होती है।
reference-https://whatis.techtarget.com/definition/printer
निवेदन-अगर आपको यह आर्टिकल( what is printer in hindi) अच्छा लगा हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर(what is printer in hindi) करे और आपको जिस टॉपिक(what is printer in hindi) पर आपको पढना या नोट्स(what is printer in hindi) हमारे लिए बहु मूल्य है धन्यवाद