हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट what is Accident Prone Workers in hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है –
दुर्घटना उन्मुख श्रमिक (Accident-Prone Workers)
“किसी-किसी व्यक्ति के प्राकृतिक अड़ियल रवैये के कारण और व्यक्तियों की तुलना में अधिक दुर्घटनाग्रस्त होने की प्रवृति लगातार बनी रहती है। औसत श्रमिकों की तुलना में अधिक दुर्घटनाग्रस्त होने वाले ऐसे श्रमिकों को ही दुर्घटना उन्मुख श्रमिक कहा जाता है।”
दुर्घटना उन्मुखता किसी व्यक्ति की मानसिकता से सम्बन्धित होती है। दुर्घटना उन्मुखता के प्रमुख कारण निम्न प्रकार
1. लापरवाही तथा दिवास्वपन देखना (Inattentiveness and daydreaming)।
2. कानो से कम सुनना व आँखों से कम दिखाई देना ।
3. शारीरिक कमजोरी (Lack of stamina)।
4. कार्य का खराब समंजन (Poor adjustment), कार्य के प्रति अरुचि (Distaste of the job)।
5. अत्यधिक संवेदनशीलता (Sensitivity) तथा आसानी से अशान्त और बैचेन होने की प्रवृत्ति (Tendency to get perturbed), भावात्मक प्रतिबल (Emotional stresses) लेना।
6. पर्यवेक्षक या फोरमैन से मनमुटाव ।
7. प्रशिक्षण की कमी, कार्य करने के लिए आवश्यक दक्षता (Proficiency) तथा कौशल (Skill) में कमी।
8. आधा-अधूरा ज्ञान (Insufficient intelligence)।
9. कर्मचारी/श्रमिक का असुरक्षित व्यवहार। सुरक्षा नियमों तथा सुरक्षित उपरकरणों की जानबूझकर अनदेखी करना।
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दुर्घटना उन्मुखता को कम करने की प्रमुख विधियाँ निम्न है-
1. कार्यकारी परिस्थितियों के अनुसार ही ऐसे अभ्यर्थियों का चयन करना चाहिए जो उचित शारीरिक और मानसिक स्थिति रखता हो।
2. दुर्घटना उन्मुख श्रमिकों को अपेक्षाकृत कम खतरनाक कार्य परिस्थितियों वाले कार्य पर स्थानान्तरित (transfer) कर देते हैं।
3. किसी भी श्रमिक को, उससे काम लेने से पूर्व, पर्याप्त रुप से प्रशिक्षित (Trained ) किया जाना चाहिए।
4. मातहत कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाना चाहिए तथा भावात्मक परेशानियों से बचाना चाहिए।
5. कर्मचारियों के आपसी सम्बन्ध तथा पर्यवेक्षक/फोरमैन से सम्बन्ध मधुर रहने चाहिए।
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