हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट Type of Operating System hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है
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Types of operating system
(1) बैच सिस्टम (Batch System)
बैच सिस्टम में एक ही तरह के कार्यों को बैच (Batch) के रूप में संगठित करके समूह (Group) में क्रियान्वित (execution) किया जाता है। कम्प्यूटर एक बैच में संगठित समूह के एप्लिकेशन (Application) को एक ही समय में रन (run) करता है।
यूजर (user) के द्वारा एक बारे में एक तरह के डाटा के समूह को संगठित करने के पश्चात् कार्ड रीडर (card reader) के द्वारा प्रोसेस (process) करने हेतु प्रोसेसर (Processor) को दिया जाता रहा है तथा कुछ समय पश्चात् (कई घण्टे, कई दिन) के बाद इसका परिणाम आउटपुट डिवाईस जैसे कि लाइन प्रिन्टर (line printer) अथवा टेप ड्राईव (tape drive) के द्वारा प्राप्त होता था।
उपयोग – पेरोल (payroll), सांख्यिकीय विश्लेषण (statistical analysis) इत्यादि ।
चित्र 1.2
(2) मल्टीप्रोग्रामिंग सिस्टम (Multi-programming System)
मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में एक साथ कई कार्यों को सम्पादित किया जाता है। मल्टीप्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य प्रोसेसर को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखना ताकि प्रोसेसर अच्छा परिणाम दे सके और ज्यादा कार्य कर सके।
यह कोशिश की जाती है कि प्रोसेसर को खाली न बैठने दिया जाए और बचे हुए समय पर अन्य प्रोग्रामों का क्रियान्वयन का कार्य आरम्भ कर दे, तथा हर एक कार्य को करने के लिए वह बराबर समय दे। इससे कुल कार्य का समय कम हो जायेगा। मल्टीप्रोग्रामिंग में प्रोग्राम के क्रियान्वयन के क्रम तथा वरीयता का निर्धारण भी आवश्यक है।
चित्र 1.3 : मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्यन्वयन A)
(3) टाइम शेयरिंग सिस्टम (Time Sharing System)
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में एक साथ कई यूजर (user) जिन्हें टर्मिनल (Terminal) भी कहते हैं तथा यूजर (user) को संसाधनों के साझा उपयोग के लिए हर एक यूजर को कुछ समय निर्धारित किया जाता है जिसे टाइम स्लाईस (time slice) कहते हैं। यह टाइम स्लाईस (time slice) कुछ अन्तराल (differences) के समय में बाँट दिया जाता है ताकि प्रत्येक यूजर संसाधनों को साझा कर सके।
चित्र 1.4: टाइम शेयरिंग सिस्टम
(4) रीयल टाइम सिस्टम (Real time System)
Real Time System एक आधुनिक तरह का ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में निर्धारित समय में परिणाम दिया जाता है, समय निर्धारण बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। Real Time ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्यतः वैज्ञानिक अनुसंधान, स्वास्थ्य परीक्षण, फैक्टी नियंत्रित मशीनों के उपयोग में लाया जाता है। सही परिणाम को सही समय पर प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी इसी ऑपरेटिंग सिस्टम की होती है।
Real Time System एक महत्वपूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम जिसके तहत समय की पूर्ण पाबन्दी होती है। इसमें निश्चित समयानुसार प्रोसेसर को क्रियान्वित कराया जाता है तथा डाटा को कन्ट्रोल डिवाईस की मदद से भेजा जाता है।
सेन्सर (Sensor) के द्वारा डाटा को कम्प्यूटर में लाया जाता है। उसके पश्चात् डाटा को जरूरत के अनुसार विभाजित किया जाता है, जैसे कि वैज्ञानिक अनुसंधान, फैक्टी कार्य जहाँ पर रीयल टाइम पर कार्य होता है।
Real Time को दो भागों में विभाजित करते हैं –
हार्ड रीयल टाइम (Hard Real Time) एवम् सॉफ्ट रीयल टाइम सिस्टम (Soft Real Time System).
हार्ड रीयल टाइम (Hard real time)
हार्ड रीयल टाइम सिस्टम किसी भी महत्वपूर्ण कार्य निश्चित् समय पर कार्य खत्म करने की गारन्टी देता है। इसके सभी कार्य आवंटित समयानुसार खत्म करने की पांबन्दी प्रदान करता है।
सॉफ्ट रीयल टाइम (Soft real time)
सॉफ्ट रीयल टाइम भी अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए उपयोग होता है, परन्तु सॉफ्ट रीयल टाइम के अन्तर्गत निश्चित् समय की पाबन्दी पर छूट दी जा सकती है जैसे कि किसी भी क्रिटिकल कार्य को हमें किसी अन्य कार्य की अपेक्षा अधिक प्राथमिकता देते हैं तथा क्रिटिकल कार्य की प्राथमिकता तब तक रहेगी
जब तक वह कार्य पूर्ण न हो जाए। सॉफ्ट रीयल टाइम सिस्टम के अन्तर्गत कार्य की प्राथमिकता के हिसाब से समय का बदलाव करते रहना पड़ता है। अत: हम कह सकते हैं सॉफ्ट रीयल टाइम सिस्टम निश्चत समय पर प्रोसेस के क्रियान्वयन को खत्म करने की पाबन्दी हटाता है।
इसे भी जाने –
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(5) मल्टीप्रोसेसेर सिस्टम (Multiprocessor System)
मल्टीप्रोसेसर का मतलब एक से ज्यादा प्रोसेसर को आपस में जोड़कर एक साथ उपयोग किया जाता है। मल्टीप्रोसेसर सिस्टम द्वारा कार्य करने की गति में वृद्धि होती है। किसी भी बड़े प्रोग्राम को अलग-अलग विभाजित कर कम समय में कार्यन्वित किया जाता है।
मल्टीप्रोसेसर सिस्टम के उपयोग से कई फायदे हैं जिससे कम्प्यूटर सिस्टम का बेहतर उपयोग किया जा सकता है-
1. थु-पुट में वृद्धि (Increased throughput) : प्रोसेसर की संख्या में वृद्धि करने से ज्यादा से ज्यादा कार्य को कम से कम समय पर पूर्ण करता है।
2. आर्थिक (Economic) लाभ : मल्टीप्रोसेसर सिस्टम आर्थिक दृष्टि से भी लाभप्रद है क्योंकि अगर मल्टीपल सिंगल प्रोसेसर का उपयोग करते है तो सभी डिवाईस को अलग-अलग उपयोग करना पड़ता है। वहीं मल्टीपल प्रोसेसर के उपयोग से एक ही हार्डवेयर डिवाईस को शेयर कर सकते हैं।
3. विश्वसनीयता में वृद्धि (Increased reliability) : मल्टीप्रोसेसर सिस्टम के अन्तर्गत एक से ज्यादा प्रोसेसर उपयोग किया जाता है। यदि इनमें से कोई एक भी प्रोसेसर कार्य करना बन्द कर देता है, तब भी कम्प्यूटर सिस्टम में कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ कम्प्यूटर सिस्टम की गति को कम कर देता है। मान लो किसी सिस्टम में 10 प्रोसेसर को उपयोग किया जा रहा है इनमें से कोई एक प्रोसेसर कार्य करना बन्द कर दे, तब बाकी के 9 प्रोसेसर को दिया हुआ कार्य पूर्ण करना पड़ता है।
चित्र 1.5 : मल्टीप्रोसेसर सिस्टम का चित्रण
reference- https://www.geeksforgeeks.org/types-of-operating-systems/
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