हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको what is HTTP in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
Hyper Text Transfer Protocol-HTTP
हाइपरटैक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (Hyper Text Transfer Protocol-HTTP) डिस्ट्रीब्यूटेड (Distributed), कोलाबोरेटिव (Collaborative), हाइपरमीडिया इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (Hypermedia Information Systems) के लिए एक Application-Level Protocol है। यह सन् 1990 से world wide web(World Wide Web) अर्थात् Internet पर data communicationकी नींव है।
मूल रूप से Hyper Text Transfer Protocol-HTTP एक TCP/IP पर आधारित कम्यनिकेशन प्रोटोकॉल (Communication Protocol) है, जिसका प्रयोग world wide web(World Wide Web) पर डेटा (Data), जैसे -HTML फाइल्स, इमेज फाइल्स, क्वेरी रिजल्ट्स (Query Results) आदि को डिलीवर (Deliver) करने के लिए किया जाता है। इसका डिफॉल्ट पोर्ट (Default Port) TCP80 है, परन्तु अन्य पोर्ट्स (Ports) का भी प्रयोग किया जा सकता है।
यह computers को परस्पर कम्यूनिकेट (Communicate) करने के लिए एक मानक तरीका (Standardized Way) उपलब्ध कराता है। HTTP स्पेसीफिकेशन (HTTP Specification) यह निर्दिष्ट करता है कि client (Client) द्वारा रिक्वेस्ट (Request) किये गए डाटा का निर्माण किस प्रकार होगा और servers किस प्रकार इन request पर प्रक्रिया करता है
मूलभूत विशेषताएं (Basic Features)
HTTP को एक सरल किन्तु शक्तिशाली प्रोटोकॉल (Protocol) बनाने वाली तीन मुख्य विशेषताए निम्नलिखित है —
1.HTTP कनेक्शनलेस है (HTTP is Connectionless) -HTTP client (Client) अथात् ब्राउज़र एक HTTP request को Initiate करता है और जब एक रिक्वेस्ट (Request) बन जाती है तो client server से Disconnect कर देता है और उसकी प्रतिक्रिया (Response) की प्रतीक्षा करता है। सर्वर (Server) client (Client) की रिक्वेस्ट (Request) को प्रोसेस (Process) करता है। प्रतिक्रिया (Response) को वापस प्रेषित (Send) करने के लिए client (Client) के साथ कनेक्शन (Connection) पुनर्स्थापित करता है।
(2) HTTP मीडिया स्वतन्त्र है (HTTP is Media Independent)—इसका आशय है कि यदि client (Client) और सर्वर (Server) दोनों यह जानते हैं कि डेटा कन्टेन्ट (Data Content) को किस प्रकार हैण्डल (Handle) किया जाना है तो HTTP द्वारा किसी भी प्रकार डेटा (Data) प्रेषित (Sent) किया जा सकता है। client (Client) क साथ-साथ server के लिए भी यह आवश्यक है की उप्युक्य MIME-type का प्रयोग करके content type को निर्दिष्ट specify करते है
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(3) HTTP स्टेटलैस है (HTTP is Stateless)—जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, कि HTTP कनेक्शनलेस (Connectionless) है, इसका सीधा-सीधा परिणाम यह है कि यह एक स्टेटलैस प्रोटोकॉल (Stateless Protocol) है। सर्वर (Server) और client (Client) एक-दूसरे के प्रति एक वर्तमान रिक्वेस्ट (Current Request) के दौरान ही सचेत होते हैं।
प्रोटोकॉल (Protocol) की इस प्रवृत्ति के कारण न तो client (Client) और न ही ब्राउजर (Browser) समूचे वेब पेजेज (Web Pages) से विभिन्न रिक्वेस्ट (Request) के मध्य कोई सुचना (Information) रोक कर रख सकता।
HTTP/1.0 प्रत्येक रिक्वेस्ट (Request) अथवा रेस्पॉन्स (Response) के आदान-प्रदान (Exchange) के लिए एक नए कनेक्शन का प्रयोग करता है, जबकि HTTP/1.1 कनेक्शन (Connection) का प्रयोग एक अथवा अधिक रिक्वेस्ट (Request) अथवा रेस्पॉन्स (Response) के आदान-प्रदान (Exchange) द्वारा किया जा सकता है।
reference-https://www.w3schools.com/whatis/whatis_http.asp
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