what is client side in hindi-क्लाइंट साइड क्या होता है?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको what is client side in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है

क्लाइंट साइड (Client Side)

वेब (Web) सम्पूर्ण विश्व में इन्टरनेट (Internet) पर लाखों कम्प्यटर्स पर संग्रहीत डॉक्यूमेन्ट्स का एक लिंक्ड कलेक्शन(linked Collection) है, और प्रत्येक डॉक्यूमेन्ट कुछ पेजेज, जो कि वेब पेज (Web Page) कहलाते हैं, का बना होता है। web (web) पर कोई भी पेज किसी अन्य पेज से लिंक (Link) हो सकता है। किसी पेज पर किसी अन्य पेज के लिंक को टैक्स्ट गि Text String) के रूप में लिखा जाता है. जो हाइलाइटेट(Highlighted) अथवा अन्डरलाइन्ड (Underlined) होता है।

जब प्रयोगकर्ता/यूजर किसी लिंक पर क्लिक करता है, तो उस लिंक से सम्बन्धित पेज को client अर्थात् ब्राउजर द्वारा म्सेस करने के लिए सर्वर से प्रार्थना (Request) की जाती है। सर्वर द्वारा client की प्रार्थना को प्राप्त करने के बाद प्रार्थित(requested) पेज को प्रोसेस कर, उसका HTML कोड client अर्थात ब्राउजर को वापस भेज देता है और ब्राउजर HTML को टान्सलेट कर पेज की सूचनाओं को प्रदर्शित करता है। इस प्रक्रिया को निम्नांकित Fig. में दशाया गया है

what is client side in hindi

 किसी पेज पर वे लिंक्स (links), जो वेब (Web) के अन्य पेजेज़ से लिंक्ड होते हैं, हाइपरलिंक्स (Hyperlinks) कहलाते हैं। कोई वेब पेज (Web page) न केवल सामान्य टैक्स्ट, जो टैक्स्ट अन्डरलाइन (Underline) नहीं होता, और हाइपरटेक्स्ट (Hypertext) को स्टोर कर सकता है, वरन् फोटोग्राफ्स (Photographs), आइकॉन्स (Icons), ड्राइंग्स (Drawings), ऑडियो और वीडियो क्लिप्स (Audio and Video Clips) को भी स्टोर कर सकता है।

जब हाइपरटैक्स्ट पेजेज़ को अन्य मीडिया (Media), जैसे, ऑडियो, वीडियो अथवा ग्राफिक्स के साथ मिक्स (Mix) किया जाता है, तो इसे हाइपरमीडिया (Hypermedia) कहा जाता है।

कुछ ब्राउजर्स (Browsers), जैसे—इन्टरनेट एक्सप्लोरर (Internet Explorer), ही समस्त प्रकार के हाइपरमीडिया को डिस्प्ले (Display) कर सकते हैं; और कुछ ब्राउजर्स हाइपरमीडिया को डिस्प्ले नहीं करते हैं। ऐसे ब्राउजर्स किसी पेज को डिस्प्ले (Display) करने के लिए प्राप्त किए गए डेटा को हैण्डल करने के लिए एक कॉनफिगरेशन फाइल (Configuration File) को जाचते हैं।

इसे भी देखे –

यह कॉनफिगरेशन फाइल (Configuration File) सामान्यतः ब्राउजर द्वारा इनपुट के रूप में प्राप्त किए गए पेज को रन (Run) करने के लिए प्रोग्राम, जिसे एक्सटरनल व्यूअर (External Viewer) अथवा हैल्पर एप्लीकशन (Helper Application) कहा जाता है, के नाम को निर्दिष्ट करता है। यदि किसी व्यूअर को कॉन्फिगर नहीं किया गया है, तो ब्राउजर प्रयोगकर्ता को एक Viewer का चयन करने के लिए कहता है।

कुछ ऐसे हैल्पर एप्लीकेशन्स भी हैं, जो प्राप्त किए गए पेज को पीन (speech) में परिवर्तित कर देते हैं। ये हैल्पर एप्लीकेशन्स उन व्यक्तियों को वेब (Web) को एक्सेस करने के सपने को साकार करता है, जिनको कम दिखाई देता है अथवा दिखाई ही नहीं देता है।

reference-https://www.cloudflare.com/en-in/learning/serverless/glossary

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