what is celluar telephony in hindi-सल्लुअर टेलीफोनी क्या है?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको what is celluar telephony in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है

टेलीफोनी (Cellular Telephony)

सैलुलर टेलीफोनी (Cellular Telephony) को दो मूविंग युनिटस (Moving Units), जिन्हें मोबाइल स्टेशन्स (Mobile Stations-MSs) कहा जाता है अथवा एक मूविंग युनिट (Moving Unit) और एक स्थिर युनिट (Stationary Unit), जिस लैंड यनिट (Land Unit) कहा जाता है, के मध्य कम्युनिकेशन्स (Communications) उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है।

एक सर्विस प्रोवाइडर (Service Provider) इतना सक्षम होना चाहिए कि वह कॉलर (Caller) को लोकेट (Locate) करे, काल (Cal) को एक चैनल (Channel) एसाइन (Assign) करे और जैसे ही कॉलर (Caller) एक बेस स्टेशन (Base Station) का रेन्ज (Range) से बाहर जाए, तो उसे दूसरे बेस स्टेशन (Base Station) को ट्रान्सफर (Transfer) कर दिया जाए।

इस ट्रैकिंग (Tracking) को सम्भव बनाने के लिए प्रत्येक सैलुलर सर्विस एरिया (Cellular Service Area) को छोटे क्षेत्रों (Regions), जिन्हें सैल (Cell) कहा जाता है, में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक सैल (Cell) में एक एन्टीना (Antenna) होता है, जो एक सोलर (Solar) अथवा AC पॉवर्ड (Powered) नेटवर्क स्टेशन (Network Station), जिसे बेस स्टेशन (Base Station-BS) कहा जाता है,

इसे भी जाने-

द्वारा नियन्त्रित किया जाता है। प्रत्येक बेस स्टेशन (Base Station) एक स्विचिंग ऑफिस (Switching Office), जिसे मोबाइल स्विचिंग सेन्टर (Mobile Switching Center-MSC) कहा जाता है, द्वारा नियन्त्रित किया जाता है। MSC सभी बेस स्टेशन्स (Base Stations) और टेलीफोन सेन्ट्रल ऑफिस (Telephone Central Office) के मध्य कम्यूनिकेशन (Communication) को समन्वित (Coordinate) करता है।

टेलीफोन सेन्ट्रल ऑफिस (Telephone Central Office) एक कम्प्यूटराइज्ड सेन्टर (Computerized Center) होता है, जो कॉल्स (Calls) को कनेक्ट (Connect) करने, कॉल इन्फॉर्मेशन (Call Information) की रिकॉर्डिंग (Recording) और बिलिंग (Billing) के लिए जिम्मेदार होता है।

डायग्राम

Fig. Cellular System सैल (Cell) का आकार फिक्स्ड (Fixed) नहीं होता और क्षेत्र की जनसंख्या पर निर्भर होते हुए उसे बढ़ाया अथवा घटाया जा सकता है।

फ्रीक्वेन्सी-रियूज़ सिद्धान्त (Frequency-Reuse Principle)

सामान्यतः निकटवर्ती सैल्स (Cells) कम्यूनिकेशन (Communication) के लिए फ्रीक्वेन्सीज़ (Frequencies) के समान सैट (Set) का प्रयोग नहीं कर सकते क्योंकि सैल (Cell) की सीमाओं के निकट वाले यूजर्स (Users) के व्यवधान उत्पन्न कर सकते है हलाकि फ्रीक्वेन्सीज़ (Frequencies) के उपलब्ध सैट (Set) सीमित होते हैं और फ्रीक्वेन्सीज़ (Frequencies) को पुनः प्रयोग करने की आवश्यकता होती है।

फ्रीक्वेन्सी (Frequency) का रियूज पैटर्न (Reuse Pattern) एक N सैल्स (Cells) का कॉन्फ़िगरेशन (Configuration) होता है, जहां N रियज फैक्टर (Reuse Factor) है, जिसमें प्रत्येक सैल फ्रीक्वेन्सीज़ Frequencies) के अद्वितीय सैट (Set) का प्रयोग करता है। जब पैटर्न (Pattern) की पुनरावृत्ति (Repetition) की जाती है, तो फ्रीक्वेन्सीज़ (Frequencies) का पुनः प्रयोग किया जा सकता है। ऐसे अनेक पैटर्न्स (Patterns) हैं, जिनमें से दो पैटन्स (Patterns) का निम्नांकित Fig. में दर्शाया गया है

डायग्राम

ट्रान्समिटिंग (Transmitting)

किसी मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) से कॉल (Call) करने के लिए कॉलर (Caller) 10 डिजिट्स (Digits) का एक फोन नम्बर प्रविष्ट (Enter) करता है और फिर कॉल (Call) बटन को दबाता है। अब मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) बैण्ड (Band) को स्कैन (Scan) करता है, प्रबल सिगनल (Strong Signal) के साथ सैटअप चैनल (Setup Channel) की मांग करता है और इस चैनल (Channel) का प्रयोग करके डेटा (Data) अर्थात् फोन नम्बर (Phone Number) को निकटवर्ती बेस स्टेशन (Base Station) को प्रेषित (Send) करता है।

बेस स्टेशन (Base Station) इस डेटा (Data) को मोबाइल स्विचिंग सेन्टर (Mobile Switching Center-MSC) को प्रसारित करता है। MSC इस डेटा (Data) को टेलीफोन सेन्ट्रल ऑफिस (Telephone Central Office) को प्रेषित (Send) कर देता है। यदि कॉल (Call) की गई पार्टी उपलब्ध है, तो कनेक्शन (Connection) बनाया जाता है और परिणाम वापस MSC को भेज दिया जाता है।

इस बिन्दु पर MSC एक अनयूज्ड वॉयस चैनल (Unused Voice Channel) कॉल (Call) के लिए एसाइन (Assign) करता है और एक कनेक्शन (Connection) स्थापित कर दिया जाता है। मोबाइल स्टेशन स्वतः ही इस नए वॉयस चैनल से ट्यूनिंग (Tuning) एडजस्ट (Adjust) करता है और कम्यूनिकेशन (Communication) शुरू किया जा सकता है।

 रिसीविंग (Receiving)

जब किसी मोबाइल फोन (Mobile Phone) को कॉल (Call) किया जाता है, तो टेलीफोन सेन्ट्रल ऑफिस (Telephone Central Office) MSC को नम्बर प्रेषित करता है। MSC कॉल किए गए मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) की लोकेशन (Location) को, प्रोसेस (Process) में प्रत्येक सैल (Cell) को क्वैरी सिगनल्स (Query Signals) भेजकर सर्च (Search) करती है।

यह प्रक्रिया पेजिंग (Paging) कहलाती है। जब मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) मिल जाता है, तो MSC रिंगिंग सिगनल (Ringing Signal) ट्रान्समिट (Transmit) करती है और जब मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) उत्तर देता है, तो MSC वॉयस कम्यूनिकेशन (Voice Communication) शुरू करने के लिए एक वॉयस चैनल (Voice Channel) एसाइन (Assign) करता है।

हैण्डऑफ (Handoff)

वॉयस कम्यूनिकेशन (Voice Communication) के दौरान ऐसा हो सकता है कि एक मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) एक सैल (Cell) से किसी अन्य सैल (Cell) में आ जाए। जब ऐसा होता है तो सिगनल (Signal) कमजोर हो सकता है। इस समस्या के समाधान के लिए MSC प्रत्येक कुछ सेकण्ड के अन्तराल पर सिगनल (Signal) के स्तर को मॉनीटर करता रहता है।

यदि सिगनल (Signal) की शक्ति कम होने लगती है, तो MSC एक नए सैल (Cell) से मांग करता है, जो बेहतर कम्युनिकेशन (Communication) बनाए रख सके और फिर MSC कॉल (Call) को कैरी (Carry) करने वाले सिगनल (Signal) को बदल देता है। इस प्रक्रिया को हैण्डऑफ (Handoff) कहा जाता है।

हैण्डऑफ (Handoff) दो प्रकार का होता है-hardoff और soft handoff

(1) हार्ड हैण्डऑफ (Hard Handoff)

प्रारम्भिक सिस्टम्स में हार्ड हैण्डऑफ (Hard Handoff) का प्रयोग होता था। हार्ड हैण्डऑफ (Hard handoff) एक मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) केवल एक बेस स्टेशन (Base Station) से ही कम्यूनिकेट (Communicate) कर सकता था। जब मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) एक सैल (Cell) से किसी अन्य सैल (Cell) में मूव (Move) करता था, तो नए बेस स्टेशन (Base Station) से कम्यूनिकेशन (Communication) स्थापित होने से पूर्व पहले बेस स्टेशन (Base Station) से कम्यूनिकेशन (Communication) टूट जाता था।

(2) सॉफ्ट हैण्डऑफ (Soft Handoff)

नए सिस्टम्स में सॉफ्ट हैण्डऑफ (Soft Handoff) का प्रयोग होता था। सॉफ्ट हैण्डऑफ (Soft handoff) में मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) केवल दो बेस स्टेशन्स (Base Stations) से एक साथ कम्यूनिकेट (Communicate) कर सकता है। जब मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) एक सैल (Cell) से किसी अन्य सैल (Cell) में मूव (Move) करता था, तो नए बेस स्टेशन (Base Station) से कम्यूनिकेशन (Communication) स्थापित होने के बाद ही पहले बेस स्टेशन (Base Station) से कम्यूनिकेशन (Communication) टूटता है।

रोमिंग (Roaming)

सैलुलर टेलीफोनी (Cellular Telephony) की एक अन्य विशेषता है—रोमिंग (Roaming)। प्रत्येक सर्विस प्रोवाइडर (Service Provider) का कवरेज एरिया (Coverage Area) सीमित होता है। जब कोई मोबाइल स्टेशन (Mobile Station) अपने सर्विस प्रोवाइडर (Service Provider) के कवरेज एरिया (Coverage Area) से बाहर जाता है, तो उसे उस क्षेत्र (Area) के सर्विस प्रोवाइडर (Service Provider) से सेवाएं एक रोमिंग कॉन्ट्रैक्ट (Roaming Contract) के माध्यम से उपलब्ध कराता है, और ग्राहक को इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होता है।

reference-https://www.sciencedirect.com/topics/computer-science/cellular-telephone-system

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