what is Error detecting code in hindi-एरर डेतेक्टिंग कोड क्या है?

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको Error detecting code in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है

 एरर डेतेक्टिंग कोड्स(Error Detecting codes)

एरर डेतेक्टिंग के लिए basic approach है रिड्यून्डेन्सी (Redundancy) का प्रयोग है, जहा एरर के डेतेक्टिंग और कलेक्शन के लिए अतिरिक्त बिट्स को जोड़ने की सुविधा दी गई है। लोकप्रिय तकनीक निम्नलिखित है

(1) सिम्पल पेरिटी चैक अथवा वन-डाइमेन्शनल पैरिटी चैक

(Simple parity check or one-dimensional parity check)

 (2) ट्र-डाइमेन्शनल पैरिटी चैक (Two-dimensional parity check).

(3) चैकसम (Checksum)

(4) साइक्लिक रिड्यून्डेन्सी चैक (Cyclic Redundancy check)

1. सिम्पल पैरिटी चैक अथवा वन-डाइमेन्शनल पैरिटी चैक

(Simple Parity Check or One-dimension Parity Check)

सिम्पल पैरिटी चैक (Simple Parity Check) अथवा वन डाइमेन्शनल पैरिटी चैक (One-dimensional Parity Check) सर्वाधिक सामान्य और कम खर्चे वाली मैकेनिज्म (Mechanism) है। इस तकनीक में रिड्यून्डेन्ट बिट को पैरिटी बिट (Parity Bit) कहा जाता है, जिसे प्रत्येक डेटा यूनिट के साथ संलग्न किया जाता है,

ताकि डेटा यनिट में, पैरिटी बिट को मिलाकर 1s की संख्या सम (Even) हो जाए। स्रोत (Source) डेटा के ब्लॉक्स चेक बिट अथवा पैरिटी बिट जेनरेटर फार्म के प्रभाव में होते हैं, जहां यदि ब्लॉक में 1s विषम संख्या में होते हैं, तो 1 की पैरिटी जोडी जाती है और यदि 1s सम संख्या में होते हैं, तो 0 की पैरिटी बिट जोड़ी जाती है।

इसे भी जाने –

रिसीवर पर प्राप्त किए गए डेटा से पैरिटी बिट की गणना की जाती है और प्राप्त पैरिटी बिट से उसकी तुलना की जाती है. जैसा कि उपरोक्त डायग्राम में दर्शाया गया है।

Error detecting code in hindi

चुकी इस स्कीम में 1s की कुल संख्या को सम (Even) बनाया जाता है, इसलिए इसे इवन पैरिटी चेकिंग (Even Parity Checking) भी कहा जाता है। हम 4 बिट वर्ड पर विचार करते हैं। निम्नांकित तालिका Table-3.01 में विभिन्न डेटा वस का काम्बीनेशन और उसके समतुल्य कोड वर्स को दिया गया है

Error detecting code in hindi

सहजता के कारण, यहां पर हम केवल ईवन पैरिटी चैकिंग (Even-Parity Checking) के बारे में चर्चा कर रहे हैं जहा पर 1s को सम संख्या में होना चाहिए। यह भी सम्भव है कि ऑड-पैरिटी चेकिंग (Odd-Parity Checking) का प्रयोग किया जाए जहां पर 1s को विषम संख्या में होना चाहिए।

उपरोक्त टेबल के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि एक कोड वर्ड (Code Word) से दूसरे पर अग्रसित होने पर, न्यूनतम दो  डेटा बिट्स (Data Bits) परिवर्तित होनी चाहिएं। अतः कोड वडर्स (Code Words) के इन सेट में 2 की न्यूनतम दूरी (Minimum Distance), जिसे हेमिंग डिस्टेन्स (Hamming Distance) कहा जाता है, होनी चाहिए। इसका तात्पर्य है कि, रिसीवर (Receiver) जिसके पास कोड वर्ड सेट (Code Word Set) की जानकारी है,

प्रत्येक कोड वर्ड (Code Word) में से सभी सिंगल बिट एरर्स (Single Bit Errors) को डिटेक्ट (Detect) कर सके। यदि कोड वर्ड (Code Word) में दो एरर्स (Errors) प्रकट होती हैं, तो यह अन्य वैध नम्बर का एक सेट बन जाता है और डिकोडर (Decoder) केवल अन्य वैध कोड (Valid Code) को ही देखता है और एरर (Error) के बारे में कुछ नहीं जानता है। अतः एक बिट (Bit) से अधिक की एरर्स (Errors) को डिटेक्ट (Detect) नहीं किया जा सकता।

reference-https://www.tutorialspoint.com/what-are-error-detecting-

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