Causes of Accident in hindi-दुर्घटना के कारण हिंदी में

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट Causes of Accident in hindi में हम आपको बताएँगे की क्या होता है और कैसे यह काम करता है तो चलिए शुरू करते है

दुर्घटनाओं के कारण (Causes of Accident) :

कोई भी दुर्घटना क्यों न हो, वह किसी न किसी कारणवश होती है। औद्योगिक संगठनों के सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारी के आधार पर दुर्घटना के कारणों को मुख्यतः दो वर्गों में बाँटा जा सकता है-

(A) तकनीकी कारण (Technical Causes)—असुरक्षित कार्य दशायें।

(a) यान्त्रिक कारक (Mechanical Factors)

(b) पर्यावरण से सम्बन्धित कारक (Environmental Factors)

 (B). मानवीय कारण (Human Causes)—

(a) असुरक्षित कार्य (Unsafe Act)

(b) असुरक्षित व्यक्तिगत कारक (Unsafe Personal Factors)

(A) तकनीकी कारण (Technical Causes) – प्रमुख तकनीकी कारण निम्न प्रकार हैं-

(a) यान्त्रिक कारक (Mechanical Factors) – मुख्य यान्त्रिक कारक, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, निम्न प्रकार हैं-

1. पुराने खराब रखरखाव वाले तथा असुरक्षित मशीन/उपस्कर प्रायः दुर्घटना का कारण बनते हैं— उदाहरण के लिए यदि क्रेन के ऐलीवेटर केबिल की समय-समय पर जाँच न की जाये और असुरक्षित स्थिति में तुरन्त न बदला जाये तो यह दुर्घटना का कारण बन सकता है।

इसी प्रकार यदि बिजली तारें पुरानी पड़ गई हैं और उनका कुचालक (Insulation) पदार्थ खराब हो गया है तो या तो ऐड़हेसिव टेप (Adhesive tape) लगाकर उसकी मरम्मत की जानी चाहिए या फिर आवश्यकतानुसार बदल देना चाहिए अन्यथा दुर्घटना हो सकती है।

2. बिना गार्ड या अपर्याप्त गार्ड (Guard), कमजोर अथवा ठीक प्रकार से न लगे हुए गार्ड वाली मशीन भी अक्सर दुर्घटना का कारण बनती है।

3. यांत्रिक, रसायनिक, विद्युत, नाभिकीय आदि असुरक्षित प्रक्रमों के कारण।

4. भवन संरचना के असुरक्षित अभिकल्पना तथा निर्माण के कारण।

5. अनुचित संयन्त्र अभिन्यास तथा सामग्री हस्तान्तरण प्रणाली के कारण

6. बिना परीक्षण कराये बॉयलर अथवा दाब पात्र (Pressure vessels) के प्रयोग के कारण।

7. पूर्वनिर्देशित सुरक्षा उपायों की अनदेखी करने के कारण।

8. असुरक्षित कपड़े पहनने, दस्तानें या चश्मों का प्रयोग न करने, असुरक्षित स्थानों पर सिगरेट आदि पीने के कारण भी दुर्घटना हो सकती है।

(b) पर्यावरण से सम्बन्धित कारक (Environmental Factors) –पर्यावरण से सम्बन्धित कारक, जो दुर्घटना का कारण बन सकते हैं, निम्न प्रकार हैं-

1. तापमान तथा आर्द्रता (Temperature and Humidity)—जब बाह्य तापमान बहुत कम हों तो शरीर में कंपकपाहट होती है तथा जब बहुत अधिक हो तो पसीना और सिरदर्द जैसी समस्याएँ होती हैं। इसी प्रकार बहुत अधिक आर्द्रता होने पर बेचैनी, थकान, ऊँघना जैसी समस्यायें उत्पन्न होती हैं। इन सभी कारणों से दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है।

2. खराब तथा अपर्याप्त रोशनी (Defective and Inadequate Illumination)—इसमें चौंध लगना, अंधेरा होना, आँखों में थकान होना जैसी समस्यायें उत्पन्न हो जाती है।

3. धुँआ तथा धूल (Smoke and Dust )—फाउन्ड्री या वेल्डिंग शाला में धुआँ आदि के कारण वातावरण अप्रिय बना रहता है जो दुर्घटना को बढ़ावा देता है।

4. अत्यधिक थकान (Overly Fatigued ) – अत्यधिक श्रम, ओवरटाइम तथा अपर्याप्त आराम से यदि श्रमिक थका रहता है तो वह सुरक्षा के प्रति लापरवाह हो सकता है।

5. कार्यशाला के अन्दर अव्यवस्थित भण्डार, अनुचित सँयन्त्रविन्यास, एक स्थान पर रुका हुआ माल तथा मशीनों के मध्य आने-जाने के लिए अपर्याप्त मार्ग भी दुर्घटना का कारण हो सकते हैं।

6. प्रबन्धन अथवा सुपरवाइजर का गलत व्यवहार श्रमिक में असंतोष उत्पन्न करता रहता है जो दुर्घटना का कारण भी बन सकता है।

7. संगठन में प्रबन्धन तन्त्र का पक्षपातपूर्ण रवैया तथा गलत नेतृत्व भी इसका कारण बन सकता है।

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(B) मानवीय कारण (Human Causes) प्रमुख मानवीय कारण, जो दुर्घटना की वजह हो सकते हैं, निम्न प्रकार

हैं—

(a) असुरक्षित कार्य ( Unsafe Acts) – असुरक्षित कार्य का अर्थ है कि सामान्य एवं सही कार्यविधि से विचलित होकर कार्य करना। इससे अनावश्यक परेशानी होती है तथा सुरक्षा का स्तर कम होता है। प्रत्येक मानवीय गतिविधि

उसके मानवीय एवं सोच के स्तर को जाहिर करती है। कुछ मुख्य असुरक्षित कार्य निम्न प्रकार हैं-

1. बिना अधिकार, किसी मशीन को चलाना ।

2.असुरक्षित गति पर मशीन को चलाना ।

3.सुरक्षा उपकरणों को हटाकर या अनदेखी करके मशीन को चलाना ।

4.असुरक्षित उपकरण चलाना या उपकरण को असुरक्षित प्रकार से चलाना ।

5.असुरक्षित जगह या स्थिति में खड़े होना या रहना ।

6. असुरक्षित लोडिंग, मिक्सिग, संयोजन करना ।

7.चलती हुयी या खतरनाक स्थिति में मशीन पर कार्य करना।

8. व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग न करना ।

9. अनुचित औजारों का प्रयोग करना।

(b) असुरक्षित व्यक्तिगत कारक (Unsafe Personal Factors)—असुरक्षित व्यक्तिगत कारक वे मानवीय तथा शारीरिक लक्षण हैं जो असुरक्षित कार्यों/गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। जैसे—

1.असामान्य व्यवहार जैसे आदेशों का पालन न करना, नर्वस होना, आदेशों को न समझना आदि।

2. लापरवाह, अतिउत्साही होना, ध्यान न देना या भूल जाना आदि ।

3. अकुशल एवं सुरक्षा उपायों से अंजान होना ।

4. मानसिक तनाव या घरेलू चिन्तायें होना ।

5. शारीरिक अक्षम होना (जैसे कम दिखाई देना या कम सुनना आदि

6. श्रमिकों में जॉब असुरक्षा (Job Insecurity) की भावना होना।

7. दुर्घटना उन्मुखता (Accident Pronener’s) होना। कोई-कोई श्रमिक ऐसा होता है जिसके साथ अक्सर दुर्घटनायें होती रहती है। ऐसे श्रमिकों को दुर्घटना उन्मुख श्रमिक कहा जाता है ऐसे श्रमिक अक्सर जिद्दी, चिड़चिड़े, अस्त- व्यस्त, लापरवाह तथा आदेशों को न मानने वाले होते हैं। ऐसे श्रमिकों को कम खतरे वाले काम पर लगाया जाना चाहिए।

Causes of Accident in hindi

reference- https://www.google.com/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=

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